रुकना है नहीं
हम भी हैं मुश्किलों से, हारने वालों में से है नहीं
कोई भी चुनौती क्यू न आए, घबरायेगे हम तो नहीं
कैसा भी हो अनल, स्वर्ण जैसे जलता है नहीं
पर जबतक ना तपे वो, कुन्दन सा निखरता भी नहीं
किसी अवलम्बन की आश इस मन में है नहीं
हौसलों के पंख की उङान ये, हम हारने वालो में नहीं
जहाँ मैं न होऊ, हरगिज़ वो लम्हा आने वाला है नहीं
बोलियों में हो समाहित भाषा का रूप यूँ पाया है नहीं
मातृभाषा से राजभाषा का सफ़र, बस मंजिल है नहीं
दशकों से अनवरत चलके भी,रूप ‘राष्ट्रभाषा’पाया नहीं
संघर्ष लम्बा है यह मेरा, पर हताश होना, सीखा है नहीं
विश्व-संपर्क भाषा का दर्जा हासिल किए बिन रूकना है
नहीं ।
सुंदर
सादर धन्यवाद
Nice
Very nice
Thankyou
Thanks
वाह
सुंदर भाव
सादर आभार