कायनात
निकल कर घोंसले से आ मुलाकात कर ले,
मिलने की कहीं से तो आ शुरूवात कर ले।
ढूंढते – ढूंढते थक हार कर बैठ गए हैं परिंदे,
मुझे लगा गले और सुबह से आ रात कर ले।
अब लगाऊँ मैं तेरे हौंसले का अंदाज़ा कैसे,
हो सके तो थोड़ी सी मुझसे आ बात कर ले।
सुबह का भूला हूँ शाम को लौट तो आया हूँ,
कर माफ़ और पहले जैसी कायनात कर ले।।
राही अंजाना
बढ़िया एवं प्रशंसनीय
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Nice
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Sundar
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Wah
धन्यवाद
Wah
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वाह
धन्यवाद
Waah
धन्यवाद
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धन्यवाद
Waah
धन्य
Nyc