Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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बहुत बढ़िया
Thank you ji
वाह सर, गजब लिखा है
बहुत बहुत धन्यवाद जी
वाह
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा जी
वाह ,सतीश जी आपने बहुत ही ख़ूबसूरत तरीके से शायद टेलीपैथी का ज़िक्र किया है अपनी कविता में । बहुत सुन्दर प्रस्तुति है सर ,काबिले तारीफ़..
आपकी विद्वता को सलाम है। एक विद्वान व्यक्तित्व भाव को तुरंत पकड़ लेता है, ज्ञान का उच्च स्तर परिलक्षित हो रहा है आपमें, तभी आपने टेलीपैथी को तुरंत भांप लिया। बहुत खूब,
जय हो, प्रखरता बनी रहे।
🙏
बहुत ही लाजबाब, बहुत ही अच्छा
थैंक्स जी
👌✍✍
Thank you
खूब बहुत खूब पाण्डेय जी
बहुत बहुत धन्यवाद
अतिसुंदर भाव