जय जननी
जय हे भारत स्वर्ण भूमि जय
जय जननी, जय कर्म भूमि हे
गंगा यमुना ब्रह्म सरस्वती
पावन सतलज सिन्ध बहे
विन्ध्य हिमालय गिरी अरावली
मणि माणिक नवरत्न भरे
जलधि हिन्द बंगाल अरब जल
स्वर्ण भूमि नित अंक भरे
आर्य द्रविड़ मंगोल भूमि हे
हिन्दू इसाई यवन मातृ जय
जय हे भारत स्वर्ण भूमि जय
जय जननी, जय कर्म भूमि हे
वाल्मिक मुनि व्यास कालि कवि
तुलसी सूर कबीर संत स्वर
गूँजे धनुष टंकार राम की
गीता का उपदेश गूँजे
जय राणा जय शिवा गोविन्द सिंह
जय भारत संतान वीर हे
जय हे भारत स्वर्ण भूमि जय
जय जननी, जय कर्म भूमि हे
Good
वाह बहुत सुंदर
Nice
Nice
जय हिंद
Good
वाह जी वाह, बहुत खूब
Very
Nice lines