तुमने रुला दिया मन
तुमने रुला दिया मन
जाने की बात कहकर,
क्यों बोलते हो ऐसा
कह दो ना आज खुलकर।
अब तो हमारे मन में
स्थान बन चुके हो,
छोड़ा ना बीती बातें
बैठो ना अपने बनकर।
तुमने रुला दिया मन
जाने की बात कहकर,
क्यों बोलते हो ऐसा
कह दो ना आज खुलकर।
अब तो हमारे मन में
स्थान बन चुके हो,
छोड़ा ना बीती बातें
बैठो ना अपने बनकर।
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बहुत ही बढ़िया कविता
धन्यवाद जी
लाजवाब कविता
सादर धन्यवाद
सुन्दर अभिव्यक्ति
सादर धन्यवाद
दिलकश अंदाज में रचित रचना बहुत कुछ कह गयी पांडे जी।
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत खूब
Thank you
बहुत उत्तम
सादर धन्यवाद जी
अतिसुंदर
सादर धन्यवाद
सुन्दर प्रस्तुति
सादर धन्यवाद सर
कवि ने बहुत ही खूबसूरती से किसी अपने के लिए अपने मन की …. भावनाएं व्यक्त की है……. हृदय स्पर्शी रचना।
इस बेहतरीन समीक्षा के लिए बहुत बहुत शुक्रिया गीता जी
लाजवाब
सादर धन्यवाद ऋषि जी
Nice poem
बहुत बहुत धन्यवाद