Categories: मुक्तक
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वह रहने वाली महलों में, मैं लड़का फुटपाथ का । उसकी हर एक अदा पे मरना यही मेरा जज्बात था । वह रखने वाली टच…
बाल गीत – मजदूरी ना कराना |
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बाल श्रमिकों के नाम प्रस्तुत मेरी एक बाल गीत बाल गीत – मजदूरी ना कराना | लगा…
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1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
कुबूल ह
किसी को दिन तो किसी को रात कुबूल है, मेरे महबूब् की सुनो हमें हर बात कुबूल है, जीतने का शौक तो हारने का खौफ…
मुझे मंजूर नहीं है
मुझे मंजूर नहीं है १६ जुलाई २०१८ जग में अपने अस्तित्व को लेकर मैं हैरान हूँ इस जीवन का उद्देश्य क्या है, मैं अनजान हूँ…
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👌👌👏👏
Nice