भेड़ चाल
मत चलो भीड़ में बंधु,
भेड़ झुंड कहलाओगे।
एक गिरा कुए में तो,
सभी को उसमें पाओगे।।
वो बिना मास्क के रहता,
मानव बम सा लगता है।
आतंकी श्रेणी में आता,
दुश्मन मानवता का लगता है।।
लापरवाही की सज़ा मिलेगी,
फिर एक दिन पछताएगा।
धन, दोलत, जान पहचान,
कोई काम नहीं आएगा।।
तुमको तुमसे प्यार नहीं,
गलतफहमी मत पालो तुम।
अपने साथ दूसरों का भी,
कीमती जीवन बचालो तुम।।
हाथ धोओ लगातार,
दूरी मीटर में दो या चार।
मास्क बिना घर से ना निकलो,
मत बनो मौत के समाचार।।
वो बिना मास्क के रहता,
मानव बम सा लगता है।
आतंकी श्रेणी में आता,
दुश्मन मानवता का लगता है।।
____________ कोरोना काल में मास्क और 2 गज दूरी का महत्व समझाते हुए कवि राकेश सक्सेना जी की बहुत ही श्रेष्ठ रचना उम्दा लेखन,समसामयिक माहौल का उत्तम चित्रण
धन्यवाद् 🙏
हाथ धोओ लगातार,
दूरी मीटर में दो या चार।
मास्क बिना घर से ना निकलो,
मत बनो मौत के समाचार।।
—— संदेशात्मक शैली में बहुत ही सुन्दर रचना। बहुत आवश्यक संदेश। कविता वर्तमान दौर में बहुत ही सार्थक है।
धन्यवाद् 🙏
बिल्कुल सही सुंदर जानकारी
धन्यवाद् 🙏