भेड़ चाल

मत चलो भीड़ में बंधु,
भेड़ झुंड कहलाओगे।
एक गिरा कुए में तो,
सभी को उसमें पाओगे।।

वो बिना मास्क के रहता,
मानव बम सा लगता है।
आतंकी श्रेणी में आता,
दुश्मन मानवता का लगता है।।

लापरवाही की सज़ा मिलेगी,
फिर एक दिन पछताएगा।
धन, दोलत, जान पहचान,
कोई काम नहीं आएगा।।

तुमको तुमसे प्यार नहीं,
गलतफहमी मत पालो तुम।
अपने साथ दूसरों का भी,
कीमती जीवन बचालो तुम।।

हाथ धोओ लगातार,
दूरी मीटर में दो या चार।
मास्क बिना घर से ना निकलो,
मत बनो मौत के समाचार।।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

  1. वो बिना मास्क के रहता,
    मानव बम सा लगता है।
    आतंकी श्रेणी में आता,
    दुश्मन मानवता का लगता है।।
    ____________ कोरोना काल में मास्क और 2 गज दूरी का महत्व समझाते हुए कवि राकेश सक्सेना जी की बहुत ही श्रेष्ठ रचना उम्दा लेखन,समसामयिक माहौल का उत्तम चित्रण

  2. हाथ धोओ लगातार,
    दूरी मीटर में दो या चार।
    मास्क बिना घर से ना निकलो,
    मत बनो मौत के समाचार।।
    —— संदेशात्मक शैली में बहुत ही सुन्दर रचना। बहुत आवश्यक संदेश। कविता वर्तमान दौर में बहुत ही सार्थक है।

+

New Report

Close