अपनी पृथ्वी बचालो
अपनी पृथ्वी बचालो – पृथ्वी दिवस पर मेरी नवीन रचना हे भूमिपुत्र आज अपनी, पृथ्वी को बचालो तुम, स्वार्थों से दूर रहकर हाथ अपने मिला…
अपनी पृथ्वी बचालो – पृथ्वी दिवस पर मेरी नवीन रचना हे भूमिपुत्र आज अपनी, पृथ्वी को बचालो तुम, स्वार्थों से दूर रहकर हाथ अपने मिला…
मत चलो भीड़ में बंधु, भेड़ झुंड कहलाओगे। एक गिरा कुए में तो, सभी को उसमें पाओगे।। वो बिना मास्क के रहता, मानव बम सा…
मैय्या मुझको हबीब गुलाल, रंग भरी पिचकारी दिला दे। होली के अवसर पर मैय्या, मुझे मेरी राधे से मिला दे।। सखाओं संग झुंड बनाकर, होली…
जल, ढूंढते रह जाऐंगे प्यासा कौवा जुगाड़ से, पानी ऊपर ला रहा। जल की कीमत मूक पक्षी, वास्तव में पहचान रहा।। हम मनुष्य दिमाग वाले,…
अभिलाषा और ईर्श्या में, रात-दिन सा अंतर जानो तुम। अभिलाषा मजबूत रखो, ईर्श्या से दिल ना जलाओ तुम।। चादर जितने पांव पसारो, पांव अपने ना…
आज मन उदास था बेसब्री से इंतजार था बीस साल पहले सबको पोस्टमैन का मां को मामा की चिट्ठी का होता था, ठीक वैसे ही…
कुछ भ्रांतियां ऐसी जो, हास्यास्पदसी लगती हैं कहावतें भी जीवन का, प्रतिनिधित्व करती हैं ज़मीं पे गिरी मिठाई को, उठाकर नहीं खाना है वो बोले…
रिश्ते बेजान से मित्र अंजान से अपने पराये से हो जाते हैं, जब सितारे गर्दिश में हों।। दुश्मन दोस्त पराए अपने और अपने सर पे…
पापा प्लीज फीस जमा करादो छड़ी की मार सहपाठियों में अपमान अब सहन नहीं होता।। मम्मी आज टिफिन में ठंडी रोटी पे नमक-मिर्च पानी लगा…
नारी तू कमजोर नहीं, तुझमें अलोकिक शक्ति है, भूमण्डल पर तुमसे ही, जीवों की होती उत्पत्ति है। प्रकृति की अनमोल मूरत, तू देवी जैसी लगती…
प्रिय 2020 तेरी विदाई में अब क्या शब्द कहूं, हंगामेदार मौजूदगी की बातें किस मुंह से कहूं। कभी सुना और सोचा भी नहीं वो सब…
मनु मनु तू दौड़ता रह निरंतर गलत, सही का कर अंतर ठोकरें मिलेंगी अनन्तर गिर, उठ फिर चल निरंतर मनु तू कौशिश कर निरंतर हार…
हिम्मत तो देखो ज़ुबान की, कैंची जैसी चलती है, बत्तीस दांतों घिरी होकर भी निडर हो मचलती है। बिना हड्डी की मांसल जीभ, कई कमाल…
लाख समझाने पर भी, गली-बाजार में भीड़ करें, बिना मास्क खुल्लमखुल्ला सबसे वार्तालाप करें। सेनेटाइजर का इस्तेमाल, हाथ धोना भी बंद करें, आओ साथी हम…
हवा में उड़ाओ पतंग, खुद को जमीं पे खड़ा रखो। दान धर्म करके बंधुवर, अपना दिल भी बड़ा रखो। घमण्ड रुपी पतंग कटवाकर, सपनों को…
बम लहरी, बम बम लहरी (शिव महोत्सव विशेष) शिव शम्भू जटाधारी, इसमें रही क्या मर्जी थारी, सर पे जटाएं, जटा में गंगा, हाथ रहे त्रिशूलधारी।…
मां बाप को बच्चों के भविष्य की चिन्ता, महंगे से स्कूल में एडमिशन की चिन्ता। स्कूल के साथ कोचिंग, ट्यूशन की चिन्ता, शहर से बाहर…
अरमानों से सींच बगिया, जाने तुम कहां गए। अंगुली पकड़ चलना सीखाकर, जाने तुम कहां गए।। सच्चाई के पथ हमको चलाकर, जाने तुम कहां गए।…
हम भ्रम पाल लेते हैं, “मैंने ही उसे बनाया है”, कभी सोचा तूने, भू-मण्डल किसने बसाया है। भाई ये सब कर्मानुसार ही, ब्रह्मा की माया…
गांव गांव में मारी जाती, बेटी मां की कोख की, बेटी मां की कोख की, बेटी मां की कोख की।। जूही बेटी, चंपा बेटी, चन्द्रमा…
हे मानव तेरी फितरत निराली, उलट पुलट सब करता है, बंद कमरे में वीडियो बनाकर, जगजाहिर क्यों करता है? शादी पार्टी में खाना खाकर, भरपेट…
आज होली जल रही है मानवता के ढेर में। जनमानस भी भड़क रहा नासमझी के फेर में, हरे लाल पीले की अनजानी सी दौड़ है।…
मनचले ने रुपसी पर, तंज कुछ ऐसा गढ़ा, काश जुल्फ़ों की छांव में, पड़ा रहूं मैं सदा। रुपसी ने विग उतार, उसे ही पकड़ा दिया,…
26 जनवरी, 15 अगस्त, देश भक्ति जगाओ, झण्डे फहराओ, बलिदान पर “उनके”, तुम इतराओ, फिर भूल जाओ भूल जाओ।। नारी दिवस, बालिका दिवस, कविता सुनाओ,…
भूमिपुत्र किसान भाई, तुम जिद्द अपनी छोड़ दो धरना प्रदर्शन की दिशा भी घर की तरफ मोड़ दो देश पर मण्डरा रहे ख़तरे को गम्भीरता…
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