भेड़ चाल

मत चलो भीड़ में बंधु, भेड़ झुंड कहलाओगे। एक गिरा कुए में तो, सभी को उसमें पाओगे।। वो बिना मास्क के रहता, मानव बम सा…

इंतज़ार

आज मन उदास था बेसब्री से इंतजार था बीस साल पहले सबको पोस्टमैन का मां को मामा की चिट्ठी का होता था, ठीक वैसे ही…

गुत्थियां

कुछ भ्रांतियां ऐसी जो, हास्यास्पदसी लगती हैं कहावतें भी जीवन का, प्रतिनिधित्व करती हैं ज़मीं पे गिरी मिठाई को, उठाकर नहीं खाना है वो बोले…

सद्व्यवहार

रिश्ते बेजान से मित्र अंजान से अपने पराये से हो जाते हैं, जब सितारे गर्दिश में हों।। दुश्मन दोस्त पराए अपने और अपने सर पे…

प्रार्थना

प्रिय 2020 तेरी विदाई में अब क्या शब्द कहूं, हंगामेदार मौजूदगी की बातें किस मुंह से कहूं। कभी सुना और सोचा भी नहीं वो सब…

मनु

मनु मनु तू दौड़ता रह निरंतर गलत, सही का कर अंतर ठोकरें मिलेंगी अनन्तर गिर, उठ फिर चल निरंतर मनु तू कौशिश कर निरंतर हार…

जीभ महान्

हिम्मत तो देखो ज़ुबान की, कैंची जैसी चलती है, बत्तीस दांतों घिरी होकर भी निडर हो मचलती है। बिना हड्डी की मांसल जीभ, कई कमाल…

लापरवाही – व्यंग्य

लाख समझाने पर भी, गली-बाजार में भीड़ करें, बिना मास्क खुल्लमखुल्ला सबसे वार्तालाप करें। सेनेटाइजर का इस्तेमाल, हाथ धोना भी बंद करें, आओ साथी हम…

भ्रम

हम भ्रम पाल लेते हैं, “मैंने ही उसे बनाया है”, कभी सोचा तूने, भू-मण्डल किसने बसाया है। भाई ये सब कर्मानुसार ही, ब्रह्मा की माया…

बेटी

गांव गांव में मारी जाती, बेटी मां की कोख की, बेटी मां की कोख की, बेटी मां की कोख की।। जूही बेटी, चंपा बेटी, चन्द्रमा…

‘‘फितरत’’

हे मानव तेरी फितरत निराली, उलट पुलट सब करता है, बंद कमरे में वीडियो बनाकर, जगजाहिर क्यों करता है? शादी पार्टी में खाना खाकर, भरपेट…

फुलझडियां

मनचले ने रुपसी पर, तंज कुछ ऐसा गढ़ा, काश जुल्फ़ों की छांव में, पड़ा रहूं मैं सदा। रुपसी ने विग उतार, उसे ही पकड़ा दिया,…

आंदोलन

भूमिपुत्र किसान भाई, तुम जिद्द अपनी छोड़ दो धरना प्रदर्शन की दिशा भी घर की तरफ मोड़ दो देश पर मण्डरा रहे ख़तरे को गम्भीरता…

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