माता-पिता

मेरे हर प्रश्न का जवाब है मां
मेरे हर दर्द का इलाज है मां
भीड़ में भी जो पहचान लेती है
अपने बच्चों की हर एक आहट
ऐसी अनपढ़ी, अनलिखी एक किताब है मां
मेरे हर प्रश्न का जवाब है मां
मेरे पापा सबसे अच्छे
प्रणाम करते हम सब बच्चे
बाहर से सख्त भले ही हो
मगर अंदर से नरम होते हैं
जो हार को जीत में बदलने की सीख देते हैं
हौसला बढ़ाते हैं, मार्गदर्शक बन आगे आते हैं
वही तो सचमुच में पिता कहलाते हैं
जब जब दुनिया में आए हम
आप ही मेरे जनक बनो
रब से बस यह मांगा है
हर जन्म में मां तेरी कोख मिले
इर्ष्या क्रोध छल कपट की गठरी
आज भी नहीं उठाते हम
आप ना देते गर ऐसी शिक्षा
तो संस्कार कहां से पाते हम
हवा हैं पापा तो बैलून है मां
बिन दोनों, हम सब का उड़ना मुश्किल है
त्याग और संस्कार के दम पर
मुकाम वह पाया जो काबिल है
माता-पिता के कदमों में
बच्चों का सारा जहान है
सबके सीता-राम होंगे
हम सब भाई-बहनों के
मां-बाप ही भगवान हैं
मां-बाप ही भगवान हैं
वीरेंद्र सेन प्रयागराज

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

Responses

+

New Report

Close