मेहनत बेकार नहीं जाती है
मेहनत बेकार नहीं जाती है
आज नहीं तो कल वह उग कर,
नई कली बन
मुस्काती है।
आज सोचते हैं हम इतना
करने पर भी मिला नहीं कुछ,
लेकिन करने पर मिलता है,
यही शाश्वत जीवन का सच।
आज अगर हम पेड़ लगाएं
तब ही फल पा सकते हैं कल
छाया-पत्ती तो पायेंगे
अगर नहीं लग पायेंगे फल।
मेहनत है अपने हाथों में
फल देना दाता का काम,
मेहनत कर लो मेहनत कर लो
हासिल होगा तुम्हें मुकाम।
अभिधा शब्द शक्ति का प्रयोग
सुन्दर प्रस्तुति
सादर आभार
Bahut badhiya
Thanks
बहुत खूब
Thanks
सुंदर रचना
Thank you sir
बहुत सुंदर
सादर धन्यवाद
Very nice
बहुत बहुत धन्यवाद