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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
बढ़ता ही जा रहा
क्यूँ बारम्बार किया जाता महिलाओं के साथ घृणित अपराध, कयी तरह की वेदना-संताप से गुजरती,जिनसे होता बलात्कार । हर कानून बौना सावित, हर जायज कोशिश…
मिस्टर लेट लतीफ
हरेक ऑफिस में कुछ सहकर्मी मिल हीं जाएंगे जो समय पर आ नहीं सकते। इन्हें आप चाहे लाख समझाईये पर इनके पास कोई ना कोई बहाना…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अतिसुंदर भाव
शुक्रिया जी
बहुत खूब, सुन्दर अभिव्यक्ति,
धन्यवाद जी
नववर्ष आने वाला है अनु
मैं चाहती हूँ आप कुछ लिखो
सही कहा आपने वक्त कभी थमता नहीं हर क्षण कुछ ऐसा होता है जो इतिहास बन जाता है….
समीक्षा के लिए धन्यवाद प्रज्ञा
प्रोत्साहन के लिए शुक्रिया
मैं नववर्ष पर लिखने की कोशिश करती हूँ।
मैं इन्तजार करूंगी…
बहुत सुंदर
धन्यवाद जी
Very nice
Thanks a lot