Categories: गीत
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
साई भजन – तुही तू है |
साई भजन – तुही तू है | साई तेरी दुआ से दुनिया मे रोशनी है | गर कर दे तू करम यहा कुछ नहीं कमी…
एक दीप तेरे नाम का
आज जब मानव के बजूद पर बन आई है फिर भी जाति-धर्म की ये कैसी लङाई है गरीब देखे न अमीर ये वैश्विक महामारी है…
राम, राम, राम तु रटते जा
राम, राम, राम तु रटते जा मन से मन की विकार तु हटाये जा राम से ही जन्मों का पाप धुलता राम से ही राम…
जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर
जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर वह भजन हैं तेरे लिए अमृत तुल(तुल्य) (2 बार गाये) ————————————————————————– जिस भजन को सुनके…
Waah
धन्यवाद
Waah
धन्यवाद
Wellcome
Good
Thank you
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Nice
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Ok
Thank u
Hmm
Thanks
सुन्दर रचना
Sundar
सुन्दर
धन्यवाद
Bahut khoob
जय हो