2020—–21
आती जाती हैं ये लहरें, सिर्फ निशां छोड़ जाती है
रेत के ऊपर हर पल नयी, कहानी ये लिख जाती है
टकराकर किनारों से, हर पल नया उठना होगा
बीस बीस के बाद इक्कीस की, इबारत गढ़ना होगा
याद रखों इसी सागर में, अमृत विष के प्याले हैं
याद रखों इसी सागर में, छुपे सुनामी छाले हैं
दिखता शांत किन्तु हृदय में, भाटे ज्वार से पाले है
अपने सीने में राज इसने, दफन अनेक कर डाले है
ठीक बीस भी सागर की इन शांत लहरों सा दिखता था
सुनामी को हृदय में अपने, दे रखा इक कोना था
ज्वार भाटे सी उठी सुनामी, नाम इसका कोरॉना है
पिया विष का प्याला सब ने, बीस का यही रोना है
अब आया है इक्कीस देखो, संग यह वैक्सीन लाया है
लॉक डाउन से जूझता सूरज, सागर से उग आया है
जो आया है इक्कीस तो अब, सब कुछ ही इक्कीस होगा
ख़तम हुए दिन जीरो के बस, अब आगे बढ़ना होगा
बढ़ते बढ़ते आगे हमको, याद यह रखना होगा
भूले ना हम बीस की भूले, यादों को सहेजना होगा
इस सागर में जानवर विषैले, थाल मोती के भी सजे
मंथन यह हमको ही करना, कैसे साल इक्कीस का सजे
Very beautiful
वाह
चित्र के अनुरूप बहुत ही सुन्दर कविता
Nice
The best messageive poem of the year 2021
Awesome !!
Good one !!
Great word selection, nice poem
Ati sundar, wah wah
Amazing
Bilkul nhi ibarat bhi likhi jaayegi aur saal 21 bhi sajega
Bde dino baad aapki kavita aayi h koi, lekin hmesha ki tarah behatreen. Kavita ka hr ek shabd uss chitra ka अंकन kr rha h. Nice
What a great start of new year 2021…awesome 😍
Wow…… Gjb
Wah wah kya baat h
Good one
Very nice..
Nice one
Very nice
Aapki kavita padhkar photo bnayi jaa skti h…. Awesome
Grt
Wow.. Very beautiful kavita
Bahut hi khubsurat kavita
Very beautiful kavita