नव वर्ष आ रहा है

समय की धीर लहरें
बढ़े ही जा रही हैं,
खुद में बीते दिनों को
समाते जा रही हैं।
जा रहा यह बरस अब
वक्त के इस जलधि में,
आ रहा नव-बरस है
आज बिंदास गति में।
रेत सी जिन्दगी है,
बीतता वक्त है यह,
काल के इस उदधि में
समाता वक्त है यह।
नए पल आ रहे हैं
पुराने जा रहे हैं,
रेत में चिन्ह अपने
घोलते जा रहे हैं।
पुराना जा रहा है
उसे है नम विदाई,
नया जो आ रहा है
आज उसकी बधाई।
पा सके थे नहीं जो
आप बीते बरस में,
वो मिले आपको अब
आ रहे नव-बरस में।
नैन आशा जगायें
होंठ मुस्कान लायें,
जहां भी आप जायें
वहां सम्मान पायें।
दूर हो रोग -बाधा
सभी का स्वस्थ तन हो
बनें राहें सरल सब
नहीं कुछ भी कठिन हो।
सभी निज लक्ष्य पायें
उदर का भक्ष्य पायें
झूठ के मार्ग को तज
सत्य के गीत गायें।
रेत सा वक्त है यह
लहर गतिमान है यह
नहीं रुकता कभी भी
सभी को भान हो यह।
निरंतर चल रहा है
वक्त, हम भी चलें अब
इस नए वर्ष में अब
सभी संकल्प लें यह।
जा रहे नव बरस को
आज है नम विदाई,
आ रहे नव बरस की
आज सबको बधाई।
——- डॉ0 सतीश चन्द्र पाण्डेय

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. “नए पल आ रहे हैं पुराने जा रहे हैं,रेत में चिन्ह अपने
    घोलते जा रहे हैं।पुराना जा रहा हैउसे है नम विदाई,
    नया जो आ रहा है आज उसकी बधाई।
    पा सके थे नहीं जो आप बीते बरस में,
    वो मिले आपको अब आ रहे नव-बरस में।”
    चित्र के अनुरूप बहुत ही सुंदर कविता है
    सुन्दर शिल्प और कथ्य का बेमिसाल गठ बंधन है
    सभी चाहते हैं कि जो कामयाबी बीते बरस में न मिल सकी
    वो आने वाले बरस में मिले और साथ ही साथ कवि सतीश जी ने
    आने वाले वर्ष की बहुत ही सहृदयता से बधाई भी दी है
    बहुत ही सुन्दर लय बद्ध शैली में बहुत सुन्दर कविता
    आपको भी नव वर्ष की बहुत-बहुत बधाई सतीश जी

  2. शानदार रचना है, जैसा चित्र दिया गया है बिल्कुल वैसी ही रचना है।

  3. आपकी रचना बहुत ही लाजवाब है। picture के अनुरूप जो आपने लिखा है वह बहुत ही सुंदर है।

  4. चित्र के अनुरूप रचना करने में आपको महारत हासिल है सर, हूबहू चित्रानुरूप रचना।

  5. चित्र पर बहुत शानदार रचना प्रस्तुत की है पाण्डेय जी, आपकी लेखनी से अत्यंत रचना का सृजन हुआ है। बहुत खूब

  6. जा रहा यह बरस अब
    वक्त के इस जलधि में,
    आ रहा नव-बरस है
    आज बिंदास गति में।
    रेत सी जिन्दगी है,
    बीतता वक्त है यह,
    काल के इस उदधि में
    समाता वक्त है यह।
    ——- जैसा चित्र है वैसी ही कविता है। लहरें आ रही हैं, 2020 समुद्र में समा रहा है। वाह अदभुत कविता की सृष्टि हुई है।

  7. बहुत ही मौलिक तरीके से चित्र पर रचना की है। आती हुई लहरों, और उन लहरों का 2020 को धीरे-धीरे अपने में समाना, यह सुरम्यता से चित्रित हुआ है यथा—
    समय की धीर लहरें
    बढ़े ही जा रही हैं,
    खुद में बीते दिनों को
    समाते जा रही हैं।
    — चित्र का मुख्य भाव है कि समय की लहरें बढ़ती जाती हैं। बीते समय को अपने में समाती जाती हैं। जैसे आज वर्ष 2021 के 4 दिन भी समय समुद्र में समा गए हैं। कवि द्वारा चित्रित यह निरन्तरता प्रशंसनीय है।

  8. बहुत सुन्दरता से शांतचित्त होकर लिखी कविता प्रतीत होती है। इसमें बेहतरीन शब्द चयन है। नवीनता की दृष्टि से चित्र का अवलोकन कर समग्रता से कविता की सृष्टि हुई है। बहुत खूब

  9. “रेत सी जिन्दगी है,बीतता वक्त है यह,काल के इस उदधि में
    समाता वक्त है यह।नए पल आ रहे हैं पुराने जा रहे हैं,”
    चित्र के अनुरूप बिल्कुल सटीक कविता है यह, जैसे कि चित्र में दर्शाया गया है कि लहरें आती हैं और पुराना लिखा हुआ रेत की सतह पर लिखे की तरह मिटता जाता है और नया आता जाता है। कवि सतीश जी की काबिले तारीफ़ रचना

  10. चित्र के अनुसार लिखी गई कवि सतीश जी की इतनी जबरदस्त और शानदार रचना। यह तो प्रतियोगिता की श्रेणी में अति उत्तम है। बहुत ही सुन्दर। शानदार लेखनी। शिल्प और भाव दोनों दृष्टियों से अति उत्तम रचना ।

  11. आपकी कलम से नव वर्ष की बहुत ही बेहतरीन कविता लिखी गई है सर और प्रतियोगिता के लिए चित्र के अनुरूप बिल्कुल सटीक भी है।
    “समय की धीर लहरें बढ़े ही जा रही हैं,
    खुद में बीते दिनों को समाते जा रही हैं।”
    जैसा चित्र है वैसी ही कविता, लाजवाब सर, बहुत खूब पाण्डेय जी।

  12. दिए गए चित्र के अनुरूप नव वर्ष पर कवि सतीश जी की बहुत ही सुन्दर और सटीक रचना । आपकी लेखनी से निकली सुन्दर लय और भाव लिए हुए बेहद शानदार कविता

+

New Report

Close