अपने अपने कर्मक्षेत्र में
नफरत केवल खून सुखाता
प्यार उजाला देता है।
मेहनत का परिणाम अंततः
हमें निवाला देता है।
दूजे से ईर्ष्या रखने से
नहीं किसी का भला हुआ,
अपने ही संघर्ष से साथी
सबका अपना भला हुआ।
आमंत्रण देता कीटों को
मधु भर पुष्प खिला हुआ
ले जाओ मकरंद मधुर रस
अपनी किस्मत लिखा हुआ।
लेकिन उड़ने का प्रयास तो
उनको ही करना होगा
पाने को मकरंद मधुर
मधुमक्खी को उड़ना होगा।
प्यार मुहब्बत दया भाव से
हम सबको रहना होगा,
अपने अपने कर्मक्षेत्र में
तत्पर रहना ही होगा।
बहुत ही उत्तम कविता है
बहुत धन्यवाद
नफरत केवल खून सुखाता
प्यार उजाला देता है।
मेहनत का परिणाम अंततः
हमें निवाला देता है।
_________ जीवन की सच्चाइयों से अभिभूत, नफरत, प्रेम और मेहनत के बारे में सुंदर और सच्चा दृष्टिकोण रखती हुई कवि सतीश जी की अनुपम रचना, शिल्प और भाव का सुंदर समन्वय प्रस्तुत करती हुई बेहद शानदार रचना, सक्षम लेखनी को अभिवादन, अति उत्तम लेखन
उस उच्चस्तरीय समीक्षा हेतु बहुत बहुत धन्यवाद गीता जी
कर्म क्षेत्र को लेकर कवि पाण्डेय जी की अत्यंत शानदार कविता, उच्च स्तरीय लेखन
बहुत बहुत धन्यवाद जी
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद
नफरत केवल खून सुखाता
प्यार उजाला देता है।
मेहनत का परिणाम अंततः
हमें निवाला देता है।
_________ जीवन की सच्चाइयों से अभिभूत, नफरत, प्रेम और मेहनत के बारे में सुंदर और सच्चा दृष्टिकोण रखती हुई कवि सतीश जी की अनुपम रचना, शिल्प और भाव का सुंदर समन्वय प्रस्तुत करती हुई बेहद शानदार रचना, सक्षम लेखनी को अभिवादन, अति उत्तम लेखन
आपने बहुत सुंदर समीक्षात्मक टिप्पणी की है, बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर रचना
बहुत धन्यवाद जी
बहुत सुंदर, बहुत उच्च स्तरीय रचना
सादर धन्यवाद
बहुत खूब