Kht pyar bhra
ख़त कोई प्यार भरा लिख देना
मशवरा लिखना दुआ लिख देना
कोई दीवार-ए-शिकस्ता ही सही
उस पे तुम नाम मिरा लिख देना
कितना सादा था वो इम्काँ का नशा
एक झोंके को हवा लिख देना
कुछ तो आकाश में तस्वीर सा है
मुस्कुरा दे तो ख़ुदा लिख देना
बर्ग-ए-आख़िर ने कहा लहरा के
मुझे मौसम की अना लिख देना
हाथ लहराना हवा में उस का
और पैग़ाम-ए-हिना लिख देना
बहुत सुंदर प्रस्तुति। उम्दा सृजन
अति उत्तम रचना
ख़त कोई प्यार भरा लिख देना
मशवरा लिखना दुआ लिख देना
_________ खत लिखने की बहुत सुंदर गुजारिश करती हुई कवियित्री नूरी जी की बहुत ही सुंदर रचना सुंदर शिल्प और सुंदर भाव लिए हुए उम्दा प्रस्तुति
हमेशा की तरह उम्दा प्रस्तुति है आपकी रचना योरकोट पर पढ़ता रहता हूं
बहुत खूब
Great
ख़त कोई प्यार भरा लिख देना
मशवरा लिखना दुआ लिख देना
कोई दीवार-ए-शिकस्ता ही सही
उस पे तुम नाम मिरा लिख देना
प्रेम का पाठ पढ़ाती और प्रियतम को याद करती हुई कविता
Thanks shayad yha itne hi log h jo padhte h