शहर वाले हो गए

गाँव की गलियाँ और गाँव का सवेरा झिलमिल सितारे और कलियों का सेहरा बीतने लगीं अब तो शामे भी लम्बी बाजरे की रोटी और भिंडी…

तुम्हारी बातें

कभी-कभी हंसी आ जाती है तुम्हारी बातों पर। रातें भी मुस्कुराती हैं तुम्हारी बातों पर। जाग उठते हैं दिल में अरमान मेरा कल मुस्कुराता है…

“रिश्ते”

माँ के आँचल में छुप गए जब डर लगा पापा ने हिम्मत सिखाई और राह चलना सिखला दिया बहन ने रखी पहनाई स्नेह से घर…

#सुविचार

सुविचार:- दूसरों पर विश्वास जरा सोंच कर करना चाहिए, क्योंकि कभी कभी हमारी जिह्वा को हमारे ही दन्त काट बैठते हैं।

ऐ दिल!

ऐ दिल! तू गम की बात न कर आराम फरमा काम की बात न कर। कितना सजने लगा है अब वो किसी और के लिए,…

कलम’

अन्दर की बातें बाहर करने वाले नजरों से गिर जाते हैं, बस एक कलम है जिससे मोहब्बत बढ़ती जाती है।

प्रेम

प्रेम से अधिक प्रिय कोई एहसास नहीं जो इसे नहीं समझते उनसे प्रेम की आस नहीं। बसाया कभी था जिसको ह्रदय में, अब उसी को…

मन

मन को सम्भाल कर रखा है तेरी यादों को सहेज कर रखा है आँख में आँसू रोज आने लगे हैं, क्योंकि जो कल मेरा था…

कठिनाईयाँ

जीवन में कठिनाईयाँ तो आती रहेंगी। आकांक्षाओं की थाली यूँ ही सजती रहेगी। हम करेंगे संघर्ष से वार, कठिनाईयाँ भी हमसे पराजित होती रहेंगी ।

“सप्तवर्णी छाँह”

आकांक्षाओं के तिमिर में स्मृतियों का बसेरा है जीवन है अंधकार युक्त और खुशियों का सवेरा है बीत जाती हैं कई शामें बिस्तर की सिलवटों…

#dard ki baat

कैसे कहें कि क्या खोया है हमने और क्या पाया है हमने दर्द के सिवा कुछ मिला नहीं जो तू ना मिला तो गिला भी…

#RIR Siddharth shukla

आज आ गया समझ में जिंदगी कितनी छोटी होती है एक पल में होती है हमारी तो दूजे पल में हमसे कोसों दूर होती है।…

छिन गया

तुम्हारे छिन जाने से मानो सब छिन गया दिल गया, चैन भी छिन गया स्मृति ही शेष रह गई अब तो हाँथों से सर्वस्व छिन…

हिन्दी के प्रथम तिलस्मी लेखक:-“देवकीनन्दन खत्री”

देवकीनन्दन खत्री जी की पुण्यतिथि:- जन्म:- (18 जून 1861) मृत्यु:- (1 अगस्त 1913) ************* हिन्दी के प्रथम तिलस्मी लेखक वा कहानीकार देवकीनन्दन खत्री जिनकी है…

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