Ajit
जय जय जय जय जय श्री राम
August 6, 2020 in गीत
जय जय जय जय जय श्री राम
मर्यादा के दुसरे नाम,
जय जय….
वन वासी भये तज के राज
इस जीवन के तुम कृपा निधान
जय जय….
मानवता के सूत्र पिरोये,
तुम शौर्य, तेज, सूरज के वंशज
इस जग में तुम काल अजय हो
तुम्हरे नाम में चारों धाम,
जय जय ….
धर्मात्मा तुम अधर्मि नाशक,
सर्वश्रेष्ठ,तुम मानव के नायक,
हर सुख का बस एक ही नाम
जय जय….
~अजित सोनपाल
जय जय जय जय जय श्री राम
August 6, 2020 in गीत
जय जय जय जय जय श्री राम
मर्यादा के दुसरे नाम,
जय जय….
वन वासी भये तज के राज
इस जीवन के तुम कृपा निधान
जय जय….
मानवता के सूत्र पिरोये,
तुम शौर्य, तेज, सूरज के वंशज
इस जग में तुम काल अजय हो
तुम्हरे नाम में चारों धाम,
जय जय ….
धर्मात्मा तुम अधर्मि नाशक,
सर्वश्रेष्ठ,तुम मानव के नायक,
हर सुख का बस एक ही नाम
जय जय….
~अजित सोनपाल
हमें गैरों से भी मोहब्बत है।
July 31, 2020 in ग़ज़ल
हमको गैरों से भी मोहब्बत है,
अकेला तुमसे होता,तो मर जाते।
घर से दूर हैं घर के वास्ते,
वरना हम भी सोचते हैं ,काश घर जाते।
हम खड़े हैं हमने माज़ी से सबक लिया,
वक़्त से अकड़ते ,तो हम भी टूट जाते।
रूठ जाते हैं लोग बात- बेबात मोहब्बत में,
गर तुम मनाते ,तो हम भी रूठ जाते।
इस राखी कलाई सरहदों पर है,
बहन सोचती है काश भाई घर आ जाते।
हमारे बीच ये अनबन पहली मर्तबा तो नहीं,
तुम खाली हाथ भी आते तो हम मान जाते।
मुझे दुःख है तुम मेरे जीत पर ख़ुश नहीं,
गर जानते ,तो हम जिंदगी से हार जाते।।
~ अजित सोनपाल