by BFM

Maatam Manaiye

February 23, 2020 in ग़ज़ल

दिल के टूटने का भी, क्या मातम मनाइए
किस को है सारोकार, ज़रा कम मनाइए

वो फिर किसी के दिल को, शीशे सा तोड़ेंगे
उस बदनसीब का अभी से गम मनाइए

by BFM

Maatam Manaiye

February 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

दिल के टूटने का भी, क्या मातम मनाइए
किस को है सारोकार, ज़रा कम मनाइए

वो फिर किसी के दिल को, शीशे सा तोड़ेंगे
उस बदनसीब का अभी से गम मनाइए

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