Lokesh Kumar
हाँ मैं कश्मीर हूँ
May 15, 2016 in गीत
क्या यही सरजमीं थी मेरे वास्ते
ये कैसी कमी थी मेरे वास्ते
खुद को देखू तो स्वर्ग का अहसास हैं
मेरे दामन में आतंक का आभास हैं
सहमे सहमे है बच्चे मेरे हर घरी
जाने कब टूटेगी ये नफरत की लड़ी
साडी दुनिया के नज़रो में मैं हीर हूँ
बहुत बेबस और खामोश मैं कश्मीर हूँ
नहि हिन्दू हूँ और न मैं मुस्लमान हूँ
सिर्फ जंग और लाशो का साक्षिमान हूँ
यूँ न बारूद से मुझ को जीतोगे तुम
पैगाम अमन का देने को आतुर मैं हूँ
कभी भारत तो कभी पाकिस्तान और चीन
लूट लो सब मुझे मैं हूँ बहुत कमसिन
मेरे आँगन से तिरंगे तक को छीन लिया
मेरे जख्मो से इंसानियत तलक हैं गमगीन
जिसका जितना भी हिस्सा है मुझ में जान लो
चाहो तो मुझ से मेरी रूह तलक बाँट लो
इतना ही बस मुझ पर कर दो एहसान
मेरी सरजमीं को मत बनाओ शमसान
अस्तित्व की लड़ाई लड़ने वाला मैं एक वीर हूँ
बहुत बेबस और खामोश मैं कश्मीर हूँ
हाँ मैं कश्मीर हूँ !!!!!!