ख्वाहिश

July 18, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब ही है ग़ालिब
अक्सर वहीँ से गुज़रता है जहाँ रास्ता नहीं होता

घर

July 18, 2019 in शेर-ओ-शायरी

अब घर भी नहीं घर की तमन्ना भी नहीं है
मुद्दत हुई सोचा था कि घर जाएँगे इक दिन

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