*दोस्ती*
*****हास्य – रचना***** कछुए और खरगोश की, पांच मील की लग गई रेस तीन मील पर खरगोश ने देखा, कछुआ तो अभी दूर बहुत है थोड़ा सा आराम करूं ना…ना वो सोया नहीं ये पुरानी नहीं, ये तो है कहानी एक नई खरगोश ने लगाया दीवार पर एक टेका उसे सामने ही दिख गया एक ठेका दो-तीन लिटिल-लिटिल पीने के बाद… खरगोश को आई, कछुए की याद कछुआ भी धीरे-धीरे , आ गया करीब खरगोश ने कहा कछुए से थोड़ी सी लिटिल-लिटिल पीन... »