“ऐतबार” #2Liner-11
ღღ__मेरे मनाने से आखिर, क्यूँ लौट आएँगे वो भला;
.
वो छोड़ कर ही न जाते, अगर ऐतबार होता !!……..#अक्स
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kya lafz he, kya jajbaat he…kya kahana!
bahut-2 shukriya bhai…:)
true!!!
thank u kapil ji
दिल तो मनाने से ही मानता है जनाब
मेरी न मानो तो अपने दिल से पूछ के देखो
बहुत खूब भाई…..
कुछ लोगों के दिल, पत्थर से भी हुआ करते हैं \”साहब\”;
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हर शख्स इस जहाँ में, हम और आप जैसा नहीं होता !!…….#अक्स
मनभावन…
शुक्रिया बड़े भाई…..:)
Good
वाह वाह