ღღ__माफ़ करना पर आज, कोई शायरी नहीं है “साहब”;
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कि रिश्तों की ठंड में, लफ्ज़ भी जम गये मेरे !!……..#अक्स
Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: 2liner, couplets, शायरी, हिन्दी शायरी
Ankit Bhadouria
A CA student by studies, A poet by passion, A teacher by hobby and a guide by nature. Simply I am, what I am !!
:- "AkS"
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Nice bro!
thanks a lotttt bro !!
bht khoob
shukriya devesh ji
ek shaks ko maine kambal kya diya,
thand me thithurte ek riste ko grm chai ka pyala de diya
waah……..khubsurat ehsas!!
बहुत खूब
वाह वाह
बहुत ही लाजवाब रचना