दिल तुम्हारी और
आज भी वो दिल तुम्हारी और जाता है
जो तुमने तोड़ दिया था
आज भी तुम्हारे गुण गाता है
जिसका मुँह चुप कर दिया था
आज भी तुम्हारी गलियों में रहता है
जिसको कही और छोड़ दिया था
ये दिल सब जनता है
पर कहा मानता है
ये आज भी तुम्हारी आवाज सुनना चाहता है
जिस से तुम बोलती नहीं
खूब समझाया पर माना नहीं
वो किसी की दिल लगी को सजा समझने लगे ,
दो पल रूत के गुज़ारे , तो जफ़ा समझने लगे
अपने दिल से बोला आ तुझे जोड़ देता हु
ज़िन्दगी के पहिये को ख़ुशी की और मोड़ देता हु
इस नर्क से तेरा नाता तोड़ देता हु
पर दिल को कहा समझ में आता है
आज भी वो दिल तुम्हारी और जाता है
हिमांशु की कलम जुबानी
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Pragya Shukla - May 15, 2020, 12:19 pm
Good
Abhishek kumar - May 15, 2020, 12:22 pm
👌
Priya Choudhary - May 15, 2020, 1:28 pm
Nice
महेश गुप्ता जौनपुरी - May 15, 2020, 3:25 pm
वाह
महेश गुप्ता जौनपुरी - May 15, 2020, 4:08 pm
वाह
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - May 15, 2020, 8:36 pm
Nice
Dhruv kumar - May 16, 2020, 4:25 pm
Nyc