Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: पूस की रात, सर्दी पर कविता, सर्दी पर शायरी
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
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Good
Thanks
Welcome
Nice
Thanks
वाह
धन्यवाद
बहुत अच्छा
धन्यवाद
सुन्दर रचना