ღღ__इबादतगाह भी जाऊं तो, तुझे ही ढूँढती हैं नज़रें;
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शौक-ए-दीदार ने तेरे, मुझे काफ़िर बना दिया !!…..#अक्स
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Categories: शेर-ओ-शायरी
Ankit Bhadouria
A CA student by studies, A poet by passion, A teacher by hobby and a guide by nature. Simply I am, what I am !!
:- "AkS"
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Jo baat lafzo me hoti thi, nazro se hone lagi…….
teri ek zalak ne mujhe khamosh bana diya 🙂
waaah, bht khoob Panna ji….tuning achchi h 🙂
Waaaah
अति सुंदर रचना