“क़दमों के निशान” #2Liner-104
ღღ__कल भी आये थे “साहब”, घर तक उनके क़दमों के निशान;
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वो मुझसे मिलते तो नहीं लेकिन, मिलने आते ज़रूर हैं!!….#अक्स
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Ashutosh Chaudhary - April 14, 2016, 9:11 am
बढ़िया भाव है भैया
Ankit Bhadouria - April 15, 2016, 8:19 am
बहुत-२ शुक्रिया आशुतोष भाई …
Panna - April 14, 2016, 1:14 pm
behatreen sir!
Ankit Bhadouria - April 15, 2016, 8:20 am
शुक्रिया पन्ना जी 🙂
राम नरेशपुरवाला - September 8, 2019, 8:16 pm
Good
Pragya Shukla - April 18, 2021, 7:21 pm
अति सुन्दर रचना