धनुष उठा श्री राम का
धनुष उठा श्री राम का,
रावण की अब खैर नहीं
चलो आज विजय की बात करें,
हो कहीं किसी से,बैर नहीं
त्रेता युग में रावण ने,
श्री राम को ललकारा था
सीता माता का हरण किया,
अतएव राम ने मारा था
आज के युग में देखो,
रावण ही रावण आए हैं
तू राम बन, संघार कर
संकट के बादल छाए हैं
अपने भीतर का राम जगा,
भारत में फैला तिमिर भगा
नारी पर हुए जुल्मों का,
हे युवा, तू ही इंसाफ़ दिला
अशोक-वाटिका में भी सीता,
रही सुरक्षित उस युग में..
कभी,अपने ही घर
कभी आते-जाते
कोई सीता नहीं सुरक्षित
बड़ी असुरक्षित, कलियुग में
बलात्कार,कहीं भ्रूण हत्या
कहीं एसिड अटैक की खबर सुनी,
भारत की नारी, कब तक झेलेगी
कोई तो आए, राम सा गुणी
ये सब सम्भव कैसे होगा
कुछ विचार मन में आए,
साझा करती हूं, समाज से
एक प्रण लिया जाए..
जो उंच-नीच और संस्कार के,
अब तक पाठ पढ़ाए पुत्री को
वहीं पाठ और संस्कार ,
अब पुत्रों को भी दिए जाएं..
*****✍️गीता
कवि गीता जी की बहुत सुंदर व बेजोड़ कृति। कथ्य व शिल्प दोनों ही दृष्टियों से उम्दा रचना है। रावण बुराइयों का प्रतीक है। उसे समाप्त करने का सुन्दर संदेश दिया गया है।
कविता की सुंदर समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी।
रावण की बुराइयों का समूल नाश हम माता-पिता ही ,हर पुत्र को संस्कार का उचित ज्ञान देकर ही कर सकते हैं ।यही मेरी कविता का इस समाज को संदेश है ।
वाह बहुत खूब, अतिसुन्दर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद पीयूष जी
बहुत खूब लिखा है आपने
बहुत बहुत धन्यवाद अनु जी
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद चंद्रा जी
बहुत खूब
धन्यवाद प्रज्ञा
बहुत अच्छा है
धन्यवाद ऋषि जी
गीता मैम आपकी यह रच उच्चस्तरीय है। कविता बहुत ही बढ़िया और शानदार है। आपकी कविता में वास्तविकता है। जय हो
कविता की समीक्षा के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏
बहुत बहुत आभार
उच्च स्तरीय कविता, सुन्दर भाव, बहुत बढ़िया लिखा है आपने
बहुत बहुत धन्यवाद आपका पीयूष जी
बहुत बहुत धन्यवाद आपका पीयूष जी ।कविता के माध्यम से मेरा सन्देश यही है कि पुत्रों में बचपन से ही श्री राम के गुणों को विकसित किया जाए, ऐसे संस्कार दिए जाएं कि कहीं कोई रावण की बुराइयां पनपे ही नहीं ।फिर हमारा ये भारतीय समाज सुरक्षित और रहने लायक हो जाएगा।
Top notch!
how thoughtful of you!❤
Thank you
stupendous!
keep up the good work!
Thank you so much vidushi . Thanks for your precious compliment.
बहुत ही सुंदर कविता। अंत की पंक्तियों में लड़कों के संस्कार के वर्णन में आपकी भावनाएं अतुलनीय है। आने वाली पीढ़ी को रावण की बुराइयों को समाप्त करने का संदेश सराहनीय है।
बहुत बहुत धन्यवाद अगम
बहुत ही शानदार रचना है गीता जी “भारत की नारी, कब तक झेलेगी
कोई तो आए, राम सा गुणी ”
वाह, राम सा गुणी आने का समाधान भी दिया है कि हम अपने पुत्रों को बचपन से ही श्री राम जी के गुण और संस्कार दे के बड़ा करे तो भावी पीढ़ी में राम की मर्यादा ही होगी रावण की बुराइयां नहीं
बहुत सुंदर समाधान देती हुई अति उत्तम प्रस्तुति, वाह
“
बहुत बहुत धन्यवाद आकाश जी
अति उत्तम रचना है गीता, अंतिम पंक्तियों ने तो दिल को छू ही लिया,
जो आपने समाज से विचार साझा करने की बात कही है अति श्रेष्ठ और उच्च कोटि के विचार हैं । पुत्रों को संस्कार देने से ही आजकल की ज्वलंत समस्याओं का समाधान होगा, very good 👏 keep it up.
Thank you seema
Bahut hi sunder kavita
Di mai aapki saari kavitaye padati hu 👏👏👏👏👏
Thank you very much shefali
रावण की बुराइयों का समूल विनाश करने का उत्तम सुझाव देती हुई बहुत सुंदर कविता है।बहुत उच्च कोटि का साहित्य ,समाज में प्रस्तुत किया है गीता जी ,इसके लिए आपको धन्यवाद । रावण जैसी सोच पनपने ही ना पाएगी अगर पुत्रों को उचित संस्कार दिए जाएंगे, अति सुंदर विचार ,बहुत शानदार प्रस्तुति
धन्यवाद दीपा जी
अति उत्तम भाव हैं गीता जी , दशहरा के पावन पर्व पर आपकी कविता में बहुत सुंदर संदेश और बहुत ही बढ़िया सुझाव ।सभी माता पिता अपने अपने पुत्रों को भी रामचंद्र जी जैसे संस्कार देंगे तो हमारे भारत देश में प्रत्येक स्त्री सुरक्षित होगी और राम राज्य स्थापित होगा ।
बहुत ही श्रेष्ठ रचना और आपके श्रेष्ठ विचार ,वाह
धन्यवाद देविका जी
भावी पीढ़ी को राम सम बनाने की बहुत सुन्दर योजना और अति उत्तम सुझाव हैं गीता जी के , उच्च विचारों से परिपूर्ण अति सुन्दर कविता ।
धन्यवाद अरविंद जी
बहुत सुंदर कविता है गीता जी आपने रावण की बुराइयों के अंत का जो सुझाव दिया है वह काबिले तारीफ़ है ।माता पिता पुत्रों को बचपन में ही राम चन्द्र जी के संस्कार दें तो यह समाज स्वयं ही राम मय हो जाए ।बहुत श्रेष्ठ रचना ।
धन्यवाद ईशा
अति सुंदर भाव और बहुत शानदार सुझाव
Thank you pariksha.
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आपका कमला जी🙏
राम और रावण के गुण और अवगुणो से परिचय कराती हुई बहुत ही सुन्दर और रचना, आज कल के माहौल में ऐसे साहित्य की बहुत आवश्यकता है. शानदार सुझाव और बेहतरीन प्रस्तुतिकरण.
Thank you very much.
बहुत सुंदर और शानदार कविता ।इस युग के रावण का संहार करने का के लिए इस युग के ही राम को तो आना ही होगा । उच्च स्तरीय लेखन
Thank you mamta
बहुत ही शानदार कविता है गीता मैम । बहुत सुंदर साहित्य
Thank you reena
बेहतरीन रचना, आजकल के माहौल का सटीक चित्रण और सुन्दर सुझाव देती हुई शानदार प्रस्तुति .
Thanks Allot sir.
गीता जी आपने जो यह कविता लिखी है यह बहुत सुंदर और उच्चस्तरीय कविता है। बहुत ही जबरदस्त
बहुत बहुत धन्यवाद जोशी जी 🙏
जैसा चित्र है ठीक वैसी ही कविता है, बहुत ही बढ़िया कविता है, अति ही बेहतरीन कविता
समीक्षा के लिए सादर आभार जोशी जी🙏
बहुत अच्छी कविता है कविता में लड़कों के संस्कार के बारे में जो लिखा हुआ है वह समाज में जागरूकता लाने के लिए बहुत जरूरी है अपनी कविताओं से समाज को ऐसे ही प्रेरित करते रहें
Thank you vishakha
Very nice poem
Thanks Bhai
बहुत ही सुन्दर कविता है गीता जी. बहुत ही उच्च कोटि का साहित्य. और सुन्दर विचार
Thanks poonam
लाजवाब कविता ,बहुत बढिया जबरदस्त. आज कल के माहौल और त्रेतायुग की बहुत अच्छी तुलना, बहुत ही शानदार रचना.बहुत ही सुन्दर सोच.
Thank you devendra ji