नशा छोड़ आगे बढ़ना है।
मेरे भारत की युवाशक्ति
मत हो शिकार नशे की तू
यह नशा तुझे निगल जायेगा
मत हो शिकार नशे की तू ।
आगे बढ़ने की सोच निरन्तर
मत घबरा संघर्ष से तू,
अपना लक्ष्य ऊंचा कर ले
त्याग नशा सहर्ष ही तू ।
नशा तुझे भीतर ही भीतर
गला-गला कर खत्म करेगा,
तेरे भीतर की सभी उमंगें
जला-जला कर भस्म करेगा।
यह जीवन खुशियां पाने का
माता-पिता स्वजन सबकी
आशाएं हैं उम्मीदें हैं
उन पर खरा उतरने का।
तेरा जीवन केवल तेरा
नहीं , तेरे अपनों का भी है,
इसे नशे में खत्म न कर
अपनों की खातिर जीना भी है।
नशा छोड़ दे, नशा छोड़ दे
नशा नहीं जीवन जीना है
मेरे भारत की युवाशक्ति
नशा छोड़ आगे बढ़ना है।
नैतिक मूल्यों की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति । उत्प्रेरक कविता
सादर धन्यवाद
प्रेरणादायक ,सुन्दर प्रस्तुति
धन्यवाद सर जी
बहुत खूब, नशा बुराई है
थैंक्स
Nasha sab khatm kar deta hai, sachchi kavita
Thanks
सच्ची बात
Thanks
Atisunder
सादर धन्यवाद जी