मंज़र

“गौर से देख तू इस दिल के उजड़े मंज़र को,
है जो खंडहर कभी आबाद हुआ करता था..
वो जिसे ‘अदना सा शागिर्द’ लोग कहते हैं,
वो कभी इश्क में उस्ताद हुआ करता था..”

– प्रयाग

मायने :
मंज़र – दृश्य
अदना सा – मामूली/छोटा सा
शागिर्द – शिष्य

Related Articles

तेरे दुःख मेरा कर्ज

मेरे जीवन का किसान बनकर, तूने सफलता के बीज़ बोए | अपने सपने बेचकर तूने, मेरे मामूली ख़्वाब संजोए | अक्षर का शुरूआती ज्ञान￰￰ देकर…

***बौना***

बौना ****** मैं बौना हूँ सब कहते हैं जब निकलूं हँसते रहते हैं मानो मैं कोई जोकर हूँ सर्कस का कोई बन्दर हूँ हाँ, प्रकृति…

Responses

New Report

Close