रंग

हे रंगरेज़
बावरी मत समझ लेना
बात बार-बार दोहरांयू तो
यह अदा है इज़हार की
मुकम्मल नही हूँ,
हूँ कुछ अधूरी सी
रंग दोगे जो अपने रंग में
इबादत पूर्ण हो जाएगी।।

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Responses

  1. हूँ कुछ अधूरी सी
    रंग दोगे जो अपने रंग में
    इबादत पूर्ण हो जाएगी।।
    _________ बहुत सुंदर अभिव्यक्ति लिए हुए कवि अनु जी की बहुत ही उच्च स्तरीय रचना उम्दा प्रस्तुति

  2. प्रेम की बेकरारी को पूर्णतया
    स्पष्ट करती ये पँक्तियाँ……
    प्रेम की सच्ची इबादत……
    ————-सुन्दर प्रस्तुति, भावपूर्ण रचना।।
    __________होली की शुभकामनाएं अनू जी आपको।।

    1. सुन्दर समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
      होली की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं 🌷

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