झूठी है औरत
हां, झूठी है औरत,
अपनी ख्वाहिश तक ही नहीं सीमित,
औरों के लिए जगे रात तक
हां, झूठी है औरत।
मायके की तारीफ़ करे ससुराल में,
ससुराल की कमी ,ना बताए किसी हाल में।
कोशिश करती है , छिपा सकती है जब तक
हां …. बहुत झूठी है औरत ।
पति से कहे मेरा भाई दमदार है,
भाई से कहती पति शानदार है ।
यही तो करती आई है अब तक,
हां जी, … बहुत झूठी है औरत ।।
सुन्दर अभिव्यक्ति
Thank you suman ji🙏
आप बहुत ही बढ़िया लिखती हैं गीता जी, आपकी लेखनी को सैल्यूट।
अरे सर 🙂….आपसे बढ़िया कहां जी।
समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जी 🙏।
उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद ।
Very nice
Thank you chandra ji🙏
बहुत बढ़िया
Thank you very much sir🙏
Very nice
Thank you very very much kamla ji🙏.
Very Nice
Thank you very very much indu ji🙏🙏
सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद आपका प्रतिमा जी🙏
बहुत अच्छा है😃
🙏🙏
ये समाज पर एक तंज है
Very true
Thank you very much Anu ji🙏
लाजबाब
Thank you very much 🙏
बहुत खूब
बहुत बहुत शुक्रिया ईशा जी 🙏
बहुत सुंदर पंक्तियां
वाकई में औरतों में झूठ बोलने की कला शानदार होती है।
ये समाज पर एक तंज है। औरत मायके की इज्जत, ससुराल में और ससुराल की इज्जत मायके में रखती है।इस प्रकार दोनों परिवारों में सामंजस्य स्थापित करती है। घर में कोई अतिथि गैर तिमेभी सा जाए तो परिवार की इज्जत के लिए झूठ बोलती है कि में थकी हुई नहीं हूं, अभी फटाफट खाना तैयार हो जाता है….. आदि,आदि अनेकों उदाहरण मिल जाएंगे आपको।
गैर टाइम*…. Typing mistake
अतिसुंदर भाव
waah waah
Thank you very much Indu ji