तेरा इशक

मेरा इशक तेरे मन में सिमटा हुआ परिंदा               तेरा इशक मेरे मन को अपने संग ऊङाता हुआ परिंदा मेरा इशक तेरे आँचल में सिमटी…

धड़कन

अपनीयत को गर है जन्मना तो , शिकवे – शिकायतें सब दफ्ना दो  दिल से दिल की धड़कन  मिला दो , अपनी रूह में मेरी…

ज़ख्म

दर्द देना गर फितरत है तेरी , अपनीयत का तुम गला दबा दो  चाहें जितने भी फिर ज़ख्म दिला दो, अपनीयत के दर्द से मुझे…

दर्द

दर्द अपनों को , भूले से भी दिया नहीं करते  गर देना ही है दर्द तो , अपना उन्हें कहा नहीं करते                                                        ……  यूई

किसी ने सूद

किसी ने सूद से भरी पुरवाइयां चुनी किसी ने दर्द भरी शहनाइयां चुनी हमें कुछ चुनने का हुनर न आता था सो गम से लिपटी…

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