आवारा सावन
सावन के एक एक बूंद जो गिरा मेरे होंठो पे। कैसे बयां करू अपनी दास्तां इन सुर्ख होंठो से।। उन्हें क्या पता कब चढी सोलहवां…
सावन के एक एक बूंद जो गिरा मेरे होंठो पे। कैसे बयां करू अपनी दास्तां इन सुर्ख होंठो से।। उन्हें क्या पता कब चढी सोलहवां…
बिन पानी बनी है भूमि बंजर , नहीँ कर पाया है किसान खेती इसमेँ , नहीँ बो पाया है बीज वो इसमेँ , मिली है…
“नारी” प्रकृति सा कोमल तुम, मेरु समान दृढ़ता लिए, नीर सा निर्मल हो तुम, नारी तुम न हारी हो || अन्धकार की दीपक, निश्च्छलता की…
Samundar kehta hai nadi se zara mujhme mil jayeye Aaram se bathiye zara apna haal to bataeye Wo bole haal to bata denge zara ek…
Shayri – Kiske khwaabo me raat bhar jag rahe ho Kya baat hai aaj bade khush lag rahe ho POEM Suneye zara meri kavita shuru…
Desh Sankat Ye desh me kaisa sankat hai aa gaya Kuch ko kar raha bimar or kuch ko maut ki nind sula gaya Ye sadko…
लिये छः ऋतुयें आये नया साल, हर ऋतु गुजरे मेरी संग मां के, त्यौहार मेरे न तुमसे, संग मां के, मेहनत मेरी ,उगले सोना मेरी…
बसंत ऋतु में जब बहा बसंती ब्यार। गिरने लगी आसमान से सावन के फुहार।। कहीं दूरऽ से जब कोयलिया मधुर गीत सुनाए । दिल के…
,,,,,,क्या कम है (कविता) Independence day कौन कहता है हमारे वतन में, प्रेम की गंगा नहीं बहती है। हिमालय से गंगा, यमुना, और सरस्वती के…
आश लगाई , दूर मेघालय में कर्जा लाया, बीज लगाया खेतो खलियानो में……… बीता सावन ,भादो आया न आया बादल, खेतो खलियानो में…….. बीती रात,…
ए साजन आम के बाग में, झूला लगा दे। अब की बरस सावन के मधुर गीत सुना दे। रिमझिम बारिश में भीगे है मेरा तन…
पतझर के मौसम उस पे बसंत बहार आसमान से बरसे सावन के फुहार। कहीं मन जले कहीं ख्वाबो के आशियाना जले यही मौसम में होता…
कविता ऐसा एक भारत बनाए नैतिकता क अभाव में, हमने जो स्वच्छता को अपनो से अलग किया। तरह तरह के बीमारियों को गले लगा कर,…
कविता ऐसा एक भारत बनाए नैतिकता क अभाव में, हमने जो स्वच्छता को अपनो से अलग किया। तरह तरह के बीमारियों को गले लगा कर,…
कविता कोरोना से डरो ना स्वच्छता को अपनाओ, कोरोना को ठेंगा दिखाओ। जहाँ से आया हमारे देश में, उसे वहाँ भगाओ।। चारो तरफ मचा दिया…
स्वच्छता के डगर पे, देशवासीयो दिखाओ चल के। करोना भागेगा डर से, तुम और हम ही योद्धा है आज के।। पल दो पल के जीवन…
कविता जल ही जीवन है मेघा रे मेघा रे जल बरसा दे । पतझर जीवन खुशहाल बना दे।। गर जल नहीं तो यह संसार नहीं।…
आज फिर से खिल जाने दो रात महकती हुई साँसों से भीगी तेरी हँसी की ख़नक उतर जाने दो एक बार फिर से रूह तक…
वह छोटी सी मुलाक़ात विचरती रहती है अक्सर स्मृतियों में मेरी । जब सिमट आए थे तुम मेरी पलकों के दायरे में, सकुचाते हुए, छोटे-छोटे…
चलो होली मनाते हैं सड़कों से पत्थर हटा कुछ गुलाल उड़ाते हैं चलो होली मनाते हैं। महरूम है बरसों से कोई बस्ती होली में वहां…
प्रीत की डोरी बांधें चली आई, तुझसे श्याम होली खेलन चली आई। बांसुरी तुम्हारी मुझको है प्यारी, दीवानी राधे गोपियां सारी। बांसुरी के स्वर लहरी…
प्रीत की डोरी बांधें चली आई, तुलसी श्याम होली खेलन चली आई। बांसुरी तुम्हारी मुझको है प्यारी, दीवानी राधे गोपियां सारी। बांसुरी के स्वर लहरी…
देखो आई सुहानी होली। कैसी रंगों की रंगी रंगोली।। कण-कण में नया उल्लास है। आज धरती बनी रे खास है।। लाओ रंगों की भर-भर झोली।…
जवानों ने खाई है, सीने पर अपने गोली ना भागे दिखाकर पीठ , प्राणों की लगा दी बोली आये दिन खेलते रहते, वो खून के…
आहट पाकर फागुन की, पेड़ों ने ओढ़नी बासंती ओढ़ी धमाल फाग संग चंग बजाने, निकली मस्तानों की टोली हल्की फुल्की ठंड के साथ, मौसम करे…
बजे ढोलक,बजे नगमे मचे हुड़दंग होली में रंगी धरती, रंगा अंबर उड़े है रंग होली में । कोई गुब्बारे से खेले तो कोई मारे पिचकारी…
HOLI rango ki fuhar hai ya aapas ka yeh pyar hai holi to yaarow hum sab ke prem ka tyohaar hai rang birange chere sab…
फिर आज गुलालों के खातिर बदरंग बनेगे होली में । अंग अंग पर रंग सजा हुड़दंग करेगे होली में ।। न जानेगे कितने रंग नये…
फुलवारी संग महकता सावन बाबगीयो मे खिलता सावन फल की मिठास जैसा सावन पवन संग उभरता सावन पतझड का है मौसम सावन चिडीयो का है…
सुनते आए हैं – अपनों का पर्व है होली मेरे आंगन जली होलिका मैं ही पंडित, मैं ही पूजा मैं ही कुंकुम, अक्षत औ” रॊली;…
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