आवारा सावन

सावन के एक एक बूंद जो गिरा मेरे होंठो पे। कैसे बयां करू अपनी दास्तां इन सुर्ख होंठो से।। उन्हें क्या पता कब चढी सोलहवां…

किसान

बिन पानी बनी है भूमि बंजर , नहीँ कर पाया है किसान खेती इसमेँ , नहीँ बो पाया है बीज वो इसमेँ , मिली है…

नारी

“नारी” प्रकृति सा कोमल तुम, मेरु समान दृढ़ता लिए, नीर सा निर्मल हो तुम, नारी तुम न हारी हो || अन्धकार की दीपक, निश्च्छलता की…

मां

लिये छः ऋतुयें आये नया साल, हर ऋतु गुजरे मेरी संग मां के, त्यौहार मेरे न तुमसे, संग मां के, मेहनत मेरी ,उगले सोना मेरी…

बसंत ऋतु

बसंत ऋतु में जब बहा बसंती ब्यार। गिरने लगी आसमान से सावन के फुहार।। कहीं दूरऽ से जब कोयलिया मधुर गीत सुनाए । दिल के…

बीती रात, टूटी आश

आश लगाई , दूर मेघालय में कर्जा लाया, बीज लगाया खेतो खलियानो में……… बीता सावन ,भादो आया न आया बादल, खेतो खलियानो में…….. बीती रात,…

स्वच्छता

स्वच्छता के डगर पे, देशवासीयो दिखाओ चल के। करोना भागेगा डर से, तुम और हम ही योद्धा है आज के।। पल दो पल के जीवन…

आज फिर से

आज फिर से खिल जाने दो रात महकती हुई साँसों से भीगी तेरी हँसी की ख़नक उतर जाने दो एक बार फिर से रूह तक…

होली

चलो होली मनाते हैं सड़कों से पत्थर हटा कुछ गुलाल उड़ाते हैं चलो होली मनाते हैं। महरूम है बरसों से कोई बस्ती होली में वहां…

Holi

आहट पाकर फागुन की, पेड़ों ने ओढ़नी बासंती ओढ़ी धमाल फाग संग चंग बजाने, निकली मस्तानों की टोली हल्की फुल्की ठंड के साथ, मौसम करे…

होली

बजे ढोलक,बजे नगमे मचे हुड़दंग होली में रंगी धरती, रंगा अंबर उड़े है रंग होली में । कोई गुब्बारे से खेले तो कोई मारे पिचकारी…

सावन

फुलवारी संग महकता सावन बाबगीयो मे खिलता सावन फल की मिठास जैसा सावन पवन संग उभरता सावन पतझड का है मौसम सावन चिडीयो का है…

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