बहुत दूर

January 16, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

चलते-चलते बहुत दूर निकल आई हूँ मैं,
बहुत कुछ पीछे छोड़ आयी हूँ मैं,
वो खुशियाँ, वो सपने,
वो मस्ती के पल अपने…
कुछ आँसू, कुछ यादें,
कुछ लोगों से की बातें…..
बस… छोड़ आयी हूँ मैं,
बहुत दूर निकल आयी हूँ मैं।
बहुत दूर…..

चलते-चलते कभी याद आते हैं वो पल,
जिन्हें जिया था मैंने कल।
तो सोचती हूँ कि क्यों???
खो गई वो हँसी कहीं,
खो गई वो मस्ती कहीं।
काश! मिल जाये फिर से मुझे वो पल कहीं…
पर… फिर याद आता है मुझे,
कि सब कुछ छोड़ आयी हूँ मैं,
बहुत दूर निकल आयी हूँ मैं।
बहुत दूर…..

Alvida

January 15, 2018 in ग़ज़ल

जा रही हूँ आज सबसे दूर,
खुद की ही तलाश में।
वहीं, जहाँ छोड़ आयी थी खुद को, किसी की याद में।
पर अब उससे भी ज़्यादा मुझे ज़रूरत है मेरी।
अब ढूंढना है मुझे पहचान क्या है मेरी।
हो सके तो माफ करना मुझे,
मन करे तो याद करना मुझे।
ले जा रही हूँ खुद को सबसे चुरा कर
कहीं दूर…..कहीं दूर… बहुत दूर….. बहुत दूर…

जहाँ मिल सकूं एक बार खुद से,
और पूछ लू एक बार मुझसे,
की क्यों रह गई मैं इतनी अकेली,
कहाँ खो गई मेरी सारी खुशी ।
चल पड़ी हूँ आज खुद को ही ढूंढने,
जा रही हु म खुद को वापस लाने।
जा रही हूँ…..

लेती हूँ विदा अब इस वादे के साथ,
याद रखूँगी वो हर एक बात।
वो मस्ती के पल, यादों के कल,
भूलूँगी न मैं…..
मिलूँगी फिर खुद को तलाश कर,
खुद को सबसे काबिल पा कर।
फिर देखना सब कुछ ठीक हो जाएगा,
हर सपना पूरा हो जाएगा।
अलविदा… अब चलती हूँ मैं खुद की तलाश मे।
हो सके तो कर देना माफ, गर रह जाऊँ मैं याद।
अलविदा…… अलविदा….

Sun Zara

January 14, 2018 in गीत

मैं आसमां की ऊंचाइयों को छू लूंगी,
तू पिंजरा तो खोल ज़रा।
मैं दिल की गहराइयों को छू लूंगी,
तू1मुझे वक्त तो दे ज़रा।
मैं हर कदम पर तेरा साथ दूंगी,
तू मुझे समझ तो ज़रा।
मैं हर मुसीबत को दूर कर दूंगी,
तू मुझपर भरोसा तो कर ज़रा।
मैं हर जगह मान बढ़ाऊंगी तेरा,
तू मुझे सम्मान तो दे ज़रा ।
मैं लड़की हूँ, हर कदम पर जीत जाउंगी,
तू मुझे जीने तो दे ज़रा।

Maa: Ek Sathi

January 14, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता

Jb aankh khuli is duniya mein,
Tb sbse hi anjaan thi m…
Par phir bhi ek ehsas tha jisme
Saara sukoon pa leti thi mein.
Jb badi hui m thodi si,
Tb is anjaano ki basti mein,
thama hath mera usne,
aur dikhlaya jeevan ka sach usne…
Jb aur m thodi badi hui,
Tb mili mujhe ek dost nayi.
Jo mere jeevan path par,
Har kadam pe mere sath chali.
Vo dost bani, vo behn bani,
Vo guru bani, vo sathi bani,
Vo har kadam pe mere sath chali.
Vo tohfa h ishwar ka,
Jo kismat se mila h.
Vo murat h pyaar ki,
Jise jag “MAA” kehta h…

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