वो गलियाँ

February 13, 2020 in शेर-ओ-शायरी

उन गलियों से आज भी गुजरती हूँ मैं
जिन गलियों से कभी गुजरता था तू
ठहर जाती है नजर वहीं किसी मोड पर
शायद आ जाये तू मुझको नजर

लौट आओ ना तुम अपने शहर
दिल लगता नही मेरा इधर
इन हवाओं मैं लगती है मुझको कमी
सांसों मे जुलती नही अब खुशबू तेरी

याद है आज भी मुझको शहर का वो चौक
जहां देखा था तुझको पहली दफा
वो रंग आज भी पसंदीदा है मेरा
जो पहना था तूने उस रात को

दीदार को तेरे तरस गई अखियां
दीदार को तेरे तरस गई अखियां
आ जाओ लौट के तुम
फिर से अपनी गलियां।

ऐतबार

January 24, 2020 in शेर-ओ-शायरी

वो झूठ बोल रहा था बहुत सलीके के साथ
मैं ऐतबार ना करती तो क्या करती

फिर भी चलते जा रहे हैं

January 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

मंजिल का पता नही फिर भी चलते जा रहे हैं
सपने देख देख कर हम मुसकुरा रहे हैं
दिल चाहता है पूरे हो जाये ये इक पल मैं
पर फासले इतने है कि कदम लडखडा रहे हैं
फिर भी हौंसलों को बुलंद करके
आगे बढते जा रहे हैं
मंजिल का पता नही फिर भी चलते जा रहे हैं।

दोस्ती से ज्यादा

January 23, 2020 in लघुकथा

hello friends,
कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल के बहुत करीब है चलिये आपका ज्यादा वक्त जाया नी करते और कहानी शुरू करते है

       आज मै बहुत खुश हू और वजह भी जायज है यार आखिर इतने वक्त बाद घर वापिस जो जा रही हू  5 साल बाद अपने देश India वापिस जा रही हू, हाँ क्यों India मेरा घर नही हो सकता क्या मेरे लिए तो India ही मेरा पहला घर है माँ पापा का घर भी है
सॉरी बातों बातों मैं आपको अपना नाम बताना तो मैं भूल ही गई , मेरा नाम है खवाहिश, हाँ वही जो हर किसी कि कुछ ना कुछ होती ही है चलिए आपसे बाते करते करते मै airport से घर भी पहुंच गई वैसे London मे रहना भी किसी हसीन ख्वाब से कम नही था पर घर कि बात ही कुछ ओर होती है घर पर जाते ही सबसे पहले कौन याद आता है माँ, मैने भी जाते ही उन्हे ही पुकारा …..
माँ …………..कहाँ हो आप ?????
माँ ……आई बेटा ……तेरे आते ही रौनक वापिस आ गई
मैं भी कम नौटंकी थोडी हूं वही अपने पुराने dialogues
हाँ हाँ सब पता है मुझे कितना miss करती थी आप मुझे तभी तो कभी मिलने नी आई
ये क्या आते ही तेरी शिकायतें शुरू हो गयी ….खुद ही पहले मना करती है आने से ओर अब खुद ही शिकायत करने बैठ गई
सॉरी माँ मैं तो बस मजाक कर रही थी आपको तो पता ही है मेरा
हाँ हाँ सब पता है मुझे तेरा ओर तेरे पापा को भी
माँ आप फिर से पापा को बीच मैं ले आई
तो ओर क्या करूँ तुम दोनों हो ही ऐसे
अच्छा ठीक है हमारी बात तो होती ही रहेगी ये बताओ पापा कहाँ है
वहीं जहाँ होना चाहिए …..office….दुनिया मैं एक ही जगह बनी है उनके लिए तो
अरे कौन है जिसने हमें याद किया …….
पापा …..आप कब आये ……
बस अभी जब आपकी माँ हमारी बुराई कर रही थी
माँ …….तो कौन सा कुछ गलत कह दिया सही तो कहा है
  
     और बस फिर शुरू हो गई कभी ना खत्म ना होने वाली नोंक झोंक …..

आज के लिए बस इतना ही ……तो ये थी मेरी ओर मेरी छोटी सी family……

बाकी हम पढेंगे next part me…see u soon friends…. I hope आपको मे अच्छे से entertain कर सकूं ……

    

                उसी शाम मैं अपनी favorite जगह पहुंची जहाँ मैं अक्सर जाया करती थी आेर  वो जगह थी मेरठ सिटी पार्क , जी हाँ मै मेरठ की रहने वाली हूं ओर यहाँ का पार्क मेरी पसंदीदा जगह में से एक है यहाँ एक अलग ही सुकुन है हर जगह हरियाली,हंसते खेलते बच्चों की किलकारियाँ,बहते फव्वारे, ओर यहां की सबसे खूबसूरत बात जो इस जगह को खास बनाती है वो है तालाब के बीचों बीच इस पार्क का  बना होना । सब कुछ बहुत अच्छा था दिल लगाने के लिए ओर  प्यार करने वालों ये लिए आज मौसम भी बहुत सुहावना था मैं वहां कि खूबसूरती अभी निहार ही रही थी कि मेरे कानों में किसी की तेज आवाज पडी शायद कोई लडकी किसी को डाँट  रही थी उसकी आँखें गुस्से से भरी हुई थी वो एक लड़का लड़की पर भडक रही थी शायद वो एक दुसरे से प्यार करते थे वों उन्हे गुस्से मैं बोल रही थी ये क्या तुम्हारी उम्र है प्यार करने की , तुम्हे शर्म नही आती ये सब करते हुये । मुझे बहुत अजीब लगा कि प्यार का उम्र से क्या लेना देना और वो लोग इतने भी छोटे नही थे कि प्यार ना कर सके । बस बार बार एक ही बात कहे जा रही थी कि ये सब कुछ धोखा है दर्द से सिवाय कुछ नही मिलता इन सबसे ओर ये सब गलत है मैने उसे शांत कराया और उन लोगों को वहाँ से भेजा और वो लोग thanks बोल कर वहाँ से चले गये । फिर मैंने उस लड़की की तरफ देखा जो दिखने में तो बहुत मासूम ओर प्यारी थी उसकी आँखों में एक अजीब सा दर्द था जिसे मैं समझ नही पा रही थी उसकी गहरी आँखें जैसे कुछ कहना चाहती हों । उसके गुस्से को देखते हुये मैंने बहुत हिम्मत करके उससे पूछा आप उन लोगों पर इतना गुस्सा क्यों कर रही थी वो दोनो एक दूसरे से प्यार करते थे तो इसमें गलत क्या है उसने जो जवाब दिया उसे सुनकर मैं हैरान थी उसने कहा प्यार करना गलत नही है पर दोस्ती की आड में ये सब करना गलत है दोस्ती से ज्यादा का प्यार गलत है अपनी हवस को प्यार का नाम देना गलत है दुनिया को कहते फिरो कि हम दोस्त है पर उसकी आड में अपनी हवस पूरी करना गलत है उसकी बातें सुनकर मैं खामोश हो गई और जब वो जाने लगी तो मैंने उससे पूछा कि ये उनका आपसी मामला था आप को उनसे क्या लेना तो वो गुस्से से बोली मेरा लेना है क्योकि वो लड़का मेरा भाई था और ये हक मैं किसी को नही देती कि कोई किसी की भावनाओं से साथ खिलवाड करे । आज वो लडकी शायद इस झूठ को सच मान कर जी रही हो कि ये दोस्ती प्यार में बदल जायेगी पर ऐसा कुछ नही होगा चला जायेगा वो एक दिन छोडकर । आप ऐसा क्यों कह रही हैं और वो बस इतना कहकर चली गई ……..
 
                       
                                     कुछ कहानियां अधूरी रह जाती हैं…………………………………………..

उस दिन के बाद से हम अक्सर मिलने लगे वो मुलाकातें कब दोस्ती मे बदल गई पता ही नी लगा । एक शाम मैं उसके साथ पार्क में घूम रही थी तो उसने मुझसे पूछा कि आज तुम बहुत खुश लग रही हो क्या बात है तो मैंने उससे कहा कि आज मेरा fiancé आ रहा है तो सुनकर वो भी खुश हो गई। ते मैंने कहा कि आज जब वो मुझे लेने आयेंगे तो तुमसे भी मिलवाउंगी इस बात पर वो मुसकुरा कर रह गई। थोडी देर बाद मेरे fiancé मुझे लेने आ गये मैंने उसे भी अपने fiancé को दिखाया पर जब मिलने को बोला तो उसने मना कर दिया और मेरे fiancé तो इस से भी ज्यादा शरमीले इँसान थे उन्होने पहले ही मना कर दिया था अरे इतनी बातें करली पर मैने आपका नाम तो पूछा भी नही अपना नाम तो बताओ क्या है तुम्हारा नाम ?
याना……….मेरा नाम याना है
तुम्हारा नाम तो बहुत अच्छा है यार बिल्कुल तुम्हारी तरह
याना……thanks
अच्छा ठीक है मैं चलती हूं फिर मिलूंगी तुमसे
याना…..ठीक है बाय
मैने जाते जाते उससे पूछा कि तुमने ऐसा क्यों बोला कि कुछ कहानियां अधूरी रह जाती हैं
याना……….अभी तुम जाओ अगली बार बताउंगी
और तभी उसे urgent call आया ओर वो चली गई ।
मेरे fiancé ने आके पूछा कहाँ गई तुम्हारी दोस्त ? ओर मेरा गुस्सा उस वक्त सातवें आसमान पर था
हाँ हाँ तुम तो v.i.p हो जो तुम्हारे लिए सब काम छोड कर यहीं खडी रहेगी। अच्छा बाबा सॉरी
ठीक है चलो अब घर चलते हैं
और उस दिन के बाद से वो मुझे नही मिली मैं हर दिन उसका इंतजार करती पर वो नही आई!
मुझे कुछ भी अच्छा नही लग रहा था पता नही एक अजीब सा रिश्ता बन गया था दिन रात गुजरते गये पर वो नही आई।
एक ठंड से भरी शाम मैं उदासी से घिरी पार्क पहुंची तो देखा वे शॉल में लिपटी बैंच पर बैठी थी उसे देखकर मैं बहुत खुश हो गई और जाकर उससे लिपट गई उसने गंभीर होकर कहा खवाहिश बैठो मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी मुझे कुछ समझ नही आया मैं उसके पास बैठ गई और उससे पूछा क्या हुआ इतनी चुप क्यों हो ?
याना …… उस दिन तुमने पूछा था ना कि कुछ कहानियाँ अधूरी रह जाती है मैंने ऐसा क्यों कहा ?
खवाहिश ….. हाँ पर वो तो उस दिन की बात है मंने तो बस ऐसे ही पूछ लिया था
याना………आज मैं तुम्हे एक कहानी सुनाती हूँ
          5 साल पहले की बात है तब मैं college में थी नयी नयी सी जिंदगी शुरू हुई हो ऐसा लग रहा था आँखों में सपने लिए मैं भी जी रही थी पर मैंने नही सोचा था कि उसके आने से मेरी जिंदगी इक पल में बदल जायेगी। मुझे आज भी याद है 16अक्टूबर का वो दिन जब उसका facebook पर मेरे पास message आया था उसका
16oct2010
Harshil….हाय
Yana…….हैलो
Harshil…कैसी हो आप ?
Yana……मैं ठीक हूं आप बताओ ?
Harshil….मैं भी अच्छा हूं और बताओ क्या करती हो आप ??
याना……..m doing graduation
Harshil… कहाँ से ???
Yana……. Ccs university
Harshil……वहाँ तो मैं आता रहता हूँ मैं कभी आया तो क्या आप मिलोगी ??
Yana……देखती हूँ पक्का नही कह सकती और वैसे आप आप करके बात करने की जरूरत नही है तुम करके भी बात कर सकते हो मुझे अच्छा लगेगा
Harshil….ओर बता मोटी फिर खाना खा लिया क्या ???
Yana……ये हुई ना बात और वैसे मैं मोटी नही हूं
Harshil…..मुझे क्या पता मै कोई देखा थोडी है तेरे को
Yana…हाँ ठीक है पर मैं मोटी नही हूँ
Harshil…मैं तो मोटी ही बोलूंगा
Yana….ठीक है मोटे
Harshil….ओय मैं मोटा नही हूँ
Yana….तो क्या मैं भी मोटू ही बोलूंगी
Harshil….खाना खा लिया तूने ??
Yana…..हाँ
Harshil….भूखी सी अकेले अकेले खा गई
Yana……नही तो अकेले कहाँ खाया घर वालों के साथ खाया😁😁
Harshil…..भूखी सी ज्यादा दांत नी निकल रहे तेरे
Yana……नही तो😂😂
Harshil…..मोटी हो जायेगी खा खा कर
Yana……नही होती तू अपना सोच
               
और इसी के साथ शुरू हो गई हमारी कभी ना खत्म होने वाली नोंक झोंक । हमारा सारा दिन एक दूसरे से बात करते हुये बीत जाता। हमारी सुबह gud morning के msg से शुरू होकर रात की gd nyt पर खत्म होने लगी।हम दोनों एक दूसरे की दुनिया बन गये थे जोबहुत खूबसूरत थी फिर वो दिन भी आया जब हमने पहली बार एक दूसरे को देखा।
उसे देखते ही मैं उसकी हो गई थी ये बात मुझे भी तब महसूस नही हुई। मैं उसमे कुछ खोकर सी रह गई थीउसकी नशीली आँखे मेरा दिल चुराने के लिए काफी थी ऐसे ही समय बीतता गया और हम कब एक दूसरे की जरूरत बन गए पता ही नी चला और फिर जब उसने मेरे जन्मदिन पर surprise दिया और मुझे गले से लगाया तब महसूस हुआ कि हम दोस्ती से आगे बढ़ चुके थे पर मैने उससे इस बारे मे कुछ नही कहा ओर इकतरफा प्यार मे जीती रही। क्योंकि मैं जानती थी कि वो मुझे अपना नाम कभी नी देगा क्योंकि उसकी नजर में मैं कभी दोस्त से ज्यादा कुछ नही थी या ये कह लो कि वो इससे ज्यादा कुछ समझना ही नही चाहता था पर हम लोगों का रिशता दोस्ती से ज्यादा था मैं उसके लिए कुछ भी कर सकती थी ओर ये बात वो भी अच्छे से जानता था फिर एक दिन वो भी आया जब हम दोनों के बीच की सारी दूरियां मिट गई हम दोनों एक दूसरे में इस कदर समा गये जैसे सागर में बारिश का पानी , मैंने अपने आपको उसे सौंप दिया क्योंकि मैं उसे प्यार करने लगी थी पर उसने किस हक से मांगा था मुझे मैं ये आजतक नही जानती थी पर एक बात समझ गई थी कि हमारा रिश्ता दोस्ती से ज्यादा का था उस दिन मैंने फैसला किया कि अपने दिल की बात उसे जरूर बताउंगी और इस रिश्ते को एक नाम दूंगी। पर आने वाले तूफान से मैं अनजान थी जिसने मेरी लाइफ को बदल कर रख दिया जिस दिन मैं अपने दिल की बात उसे बताने वाली थी उसी दिन मुझे पता चला कि वो abroad जा रहा है और ये सुनते ही मेरा दिल धक् से रह गया मेरी आँखों के सामने वो सारे लम्हे घुम गये जो मैने उसके साथ बिताये थे और वो जाते जाते अपनी आखिरी निशानी दे गया और मेरी आँखों में छोड़ गया कभी ना खत्म होने वाला इंतजार तभी आसमान में जाते हुये हवाई जहाज से उसका ध्यान टूटा और वो हकीकत मे वापिस आ गई और साथ ही उसकी आँखों से आंसू भी और मेरी भी और जाते जाते उसने मेरे हाथ में एक कार्ड ओर एक gift थमा दिया इससे पहले मैं उससे कुछ पूछ पाती वो चली गई। उसके जाने के बाद जब मैंने कार्ड देखा तो हैरान रह गई आज उसकी शादी थी उससे मिलने की खुशी और कहानी में इस तरह खो गइ कि मैने ध्यान ही नही दिया कि उसके हाथ मेहंदी से भरे हुये थे और शादी की जोड़ा पहन रखा था मैं बैठी रो रही थी तभी मेरा fiancé वहाँ आये ओर मुझे राता देख पूछने लगे कि क्या हुआ ओर ये तुमहारे हाथ में gift कैसा ? मैं रोते रोते उनके गले से लग गई और उन्हे सब कुछ सुना दिया सुनते ही वो बोले कि उसका नाम कहीं याना तो नही था मैंने बोला हाँ पर आपको कैसे पता? कहते ही कहते मेरा सिर चकरा गया ओर मैं वहीं बैंच पर बैठ गई। मैं इतनी बडी बेवकूफी कैसे कर सकती हूँ मेरे दिमाग मे ये बात पहले क्यों नी आई कि मेरे fiancé का नाम भी harshil है मेरे fiancé ने जल्दी जल्दी वो gift खोला जो उसने मुझे दिया था उसमें एक सिंदूर का box था और उसके साथ ही एक chit भी थी जिसपे उसने लिखा था कि harshil के नाम का सिंदूर तुम्हारे माथे पर ज्यादा अच्छा लगेगा और एक कार्ड था जिस पर लिखा था
           यूं तुम मुझसे बात करते थे या कोई प्यार का इरादा था
ये सुनते ही harshil की आँखों से आंसू बहने लगे ये कहते हुये कि काश उस दिन ये कार्ड ले लिया होता तो आज हम साथ होते ये कहते हुये वो मुझे वहीं छोड़कर चला गया। मैं ऊपर आसमान मे उस अधूरे चाँद को देखने लगी उस चाँद को देखकर मन ही मन कहा सच कहा था उसने………….
                           
                                           कुछ कहानियाँ अधूरी रह जाती है

समाप्त

अंदाज

January 23, 2020 in शेर-ओ-शायरी

उसके छोडने का अंदाज कुछ ऐसा था
मेरे प्यार पर इलज़ाम कुछ ऐसा था
ना वजह थी कोई ना बहाना था
उसे तो बस मुझे छोडकर जाना था
शायद मेरे किसी अपने का वो दीवाना था
मैं भी मजबूर थी वक्त के आगे
तुम्हारी खुशी के लिए छोड दूंगी तुम्हे
उससे किया ये वादा जो निभाना था

मोहब्बत

January 14, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम आए भी ओर चले गए
मोहब्बत की सजा दे ही गए
ना इजहार किया ना इकरार किया
बस खामोशी से दिल को तार तार किया
गलती तुम्हारी नही हमारी है
जो अपनी बेवफा किस्मत पर
फिर से ऐतबार किया

Aadat

January 2, 2020 in शेर-ओ-शायरी

दर्द को छुपा कर जीना मेरी आदत सी हो गई है
भीगी आँखों के साथ मुस्कुराना मेरी आदत सी हो गई है
मर चुके है जजबात मेरे दिल के
फिर भी टूटी ऊमिदों के साथ जीना मेरी आदत सी हो गई है

Vaade

January 2, 2020 in शेर-ओ-शायरी

Meri jindagi me aake mujhe apna bna ke
Usne tode the sare jo kie the vaade

Mohabbat

January 2, 2020 in शेर-ओ-शायरी

Tu ruthta raha mai har baar tujhe manati rhi
Apne dil ki khawaishon ko dil me jalati rhi
Ye mukkamal mohabbat ki dastan hi kuch aisi thi
Tu har baar mujhe thukrata raha
Or mai har baar tujhe bepanah chahti rhi

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