Kislay Kumar
रंग
March 2, 2018 in हिन्दी-उर्दू कविता
बेवजह शिकायते छोड़ दे आ जा
रंग मौसम से मांग के आ जा
अब के होली में अपने घर आ जा
कुदरत ने कितने रंग ढ़ा रे है
लूट ने मेरे संग मलंग आ जा
आ के रह ना जाय मुझ को मलाल कोई
साकी बाकी ना रहे मुझ में ख्याल कोई
कर दे मीरा मुझ को हो के तु श्याम आ जा
#KislayKumar
Dilo jajbaat per nazar rakhiye
June 10, 2017 in ग़ज़ल
दिलो ज्जबात पर नजर रखिये
गुमशुदा कुछ ना हो ये खबर रखिये
दिल ना टूटे ज्जबात भी नहीं चटके
दिल की दहलीज पर यूँ नजर रखिये “
phakat si baat hai yara
May 21, 2017 in हिन्दी-उर्दू कविता
फकत सी बात हैं यारा
ये आँखे बोल देती हैं
छूपाना चाहता हैं तु
मगर ये राजे
खोल देती हैं
पुरानी यादो के वो मंझर
ज़मी पे पावं रखते थे
बगल कि एक झोली में
करो ड़ो दाव रखते थे
कसक उंन बीते दिनो
ठशक सी रोज देती हैं
समय का दौर एेसा हैं
ज़रा इसको गुजरने दो
और हमारा दौर आने दो