अपहरण

August 8, 2020 in लघुकथा

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन से, नारा लगाते  चिल्लाते उसी  कुछ झण्डा  चमकाते दलगत राजनीति से ओत – प्रोत हौशले से  नारा लगाते हुए कि – हर जोर जुल्म की टक्कर , में संघर्ष हमारा नारा है।अभी तो यह अंगड़ाई है ,आगे और लड़ाई है |आप हमारे भाई हैं,समर्थन के लिए बधाई है।उनके बूच से कुछ लोग बोलते हैं कि-विवेक को हमें छुड़ाना है, नया जमाना लाना है।नया जमाना आएगा ,वह धूल में मिल जाएगा | गली – मोहल्ले में शोर है,अपहरणकर्ता चोर हैं।जनता को हमें बचाना है,नई व्यवस्था लाना है।उममें से कुछ लोग कहते रहे सभी लोग सड़क किनारे खड़े हो जाओ ! खड़े -खड़े हो जाओ भाई , हमसे अब तुम मत टकराओ।सुशासन हमको लाना है, भ्रष्टाचार मिटाना है। जनता को जगाना है। विवेक को छुड़ाना है।सड़क के किनारे राहगीर खड़े हो जाते हैं वही  नारा लगाते हुए भीड़ आगे बढ़ती जाती है। नारा लगाने वाले कहते हैं कि-आप हमारा साथ दो हम विवेक को आजादी देंगे।      एक व्यक्ति से हमने पूछा कि विवेक वह कौनहै  जिसके लिए जिसके लोग नारेबाजी और प्रदर्शन हो रहा है। इतना सुनते हीउसी भीड़ से  एक व्यक्ति आगे बढ़ता है और कहता है तुम विवेक को नहीं जानते,  विवेक एक  कवि – लेखक है।मैंने कहा  कि -जब  वह  एक कवि और लेखक है तो यह तय है कि  उसके पास धन नहीं है|  वह ध्यान ही करने वाला  है | यदि वह एक सामान्य नागरिक है तो उसका  अपहरण नहीं होना चाहिए था। उसका विषय –  वस्तु मुफ्त है। वह एक रचनाकार है | वह अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को सुधारने का कार्य करता है और लोगों के दिल को जीतने का काम करता है। अपहरण ! अपहरण को तो धन- दौलत  की लालच मैं किया जाता है जिसे हम सब ने आज तक सूना है | जब उसके पास धन नहीं है ऐसी स्थिति में अपहरणकर्ताओं ने अपहरण किस लिए किया होगा ! हमने उससे प्रश्न किया | उस व्यक्ति ने मुझसे उत्सुकता से बोला – क्या कहा  है, आपको मालूम है कि जितने भी अपहरन होते हैं वह सभी बड़े आदमियों के ही होते हैं ?  नहीं सभी अपहरण बड़े आदमियों के ही नहीं होते। कुछ तो बुद्धिमानो के भी  अपहरण होते हैं।मैंने कहा कि अपहरण करने के पूर्व रुपए का लोभ, कर्ज का स्वार्थ ही तो होता होगा |  यह भी जानकारी मिलती है कि अपहरणकर्ता उसकी जमीन हथिया लेने  के लिए भी अपहरण करते हैं और कुछ अपहरणकर्ता महिलाओं का भी अपहरण करने की हिम्मत करके बलात्कार जैसी घटना को अंजाम दे दिया करते हैं।ऐसे भी अपहरण की कहानी सुनने में आती है कि अपने ही माता- पिता को अपने खुद को कब्जे में लेकर उनका धन धीरे- धीरे  चूसने का कार्य लड़के ,भाई ,बंधू ही शुरू कर दिया करते हैं। इसकी चर्चा प्रायः पेंशन योजना प्राप्त लोगों को लेकर काफी चर्चा में आती  है |  उन्हीं खुद के  लड़के गार्जियन के पुरानियान होने  पर परिवार का भरपूर इस्तेमाल अपने हित साधन के लिए किया करते हैं। उनके ए टी एम को लेकर सारी पेंशन निकाल लेते हैं और मनमानी करने लगते हैं। पेंशन भोगी का  पूरा पैसा खुद निकाल कर  हड़प लिया करते हैं। नारे बाजी करने वाला सामने आया और बोला तुम बड़े भोले लगते  हो ! हमें एक चाय की चुस्की लेने के लिए चाय वाले को आदेश दो हम विवेक जैसे महान तेजस्वी लोगों का अपहरण क्यों किया जाता है, इसमें  कार्यवाही कैसी होती है फल क्या निकलता है हम तुम्हें सब तुम्हें विधिवत बताऊंगा।हमने भी उसकी बात सुनी | बात रोचक लगी उसकी बात पर ध्यान देने के लिए बहुत अच्छी तरह से तैयार हो कर चाय की दुकान पर गया | दूकान पास में ही थी |  दो प्याली चाय के लिए आर्डर दे दिया। एक प्याली चाय हमने ली और दूसरी  प्याली चाय उस व्यक्ति की तरफ बढ़ा दिया ।उसने चाय की चुस्की ली फिर  बोला  कि – जनाब ! कुछ लोग तो अपहरण का नाटक भी करते हैं। अमूमन अपहृत युवती, बच्चे, बड़े,लोग साधारण  आदमियों में से नहीं होते हैं | अपहृत ब्यक्ति  बड़े आदमी ही होते हैं। अपहरण करने के बाद मानव जीवन में ही वह देवता हो जाता है। आप कहेंगे देवताओं की मूर्तियों की पूजा अर्चना की जाती है तो सुनो ! हम कह सकते हैं कि भगवान की भक्ति की ही भांति उस व्यक्ति को भी हर जब तक कब्जे में रखा जाता है उसे भी सुविधाएं उपलब्ध कराने में सफल प्रयास किया जाता है | जबतक अपहरणकर्ताओं की पहुंच उसके मालिक तक नहीं किया गया होता है और उसके एवज में रिश्वत के रूप में मागी गई रकम नहीं मिल पाई होती है।तब तक अपहरण से अपहरण करने अनजान वाले लोगों के खिलाफ आवाज उठती है नारे गढ़ते हैं। नारा प्रदर्शन किया जाता है। सरकार को कार्यवाही कठोर करने के लिए तैयार किया जाता है। पुलिस प्रशासन को प्रारंभ जांच करने का विधान सरकार करती है। प्रदर्शन जोर पकड़ने वाला होता है तब सरकार की नीद खुलती है।अपनी सरकार बचाने , सरकार की इज्जत बचाने की कोशिश होने लगती है। उधर प्रदर्शन करने वाले लोगों को अपने जीवन में चुनाव प्रचार अभियान चलाने की चिंता बनी रहती है। जोरदार नारेबाजी अनशन प्रदर्शन करने वाले लोगों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया स्वरूप जनता सहानुभूति रखने लगती है। प्रदर्शन करने वाला शख्स अपनी जीत चुनाव में देखने सुनने की फिराक में रहते हैं। नेता बनने का सपना देखने लगते हैं। कुछ एक लोग चुनाव में टिकट भी पा जाते हैं और जनता की सहानभूति का फायदा उठाकर चुनाव जीत जाते हैं।अगवा करने का मतलब क्या होता है यह अनोखा तरीका और खेल तो आप अबतक समझ लिए होगे।आगे उसने कहा कि अपहरण करने वाला फिर फिरौती की रकम की बात करता है जिसमें प्राय: औरतों का इस्तेमाल किया जाता है। औरतें मर्दों की अपेक्षा अधिक लोकप्रिय मुख्य भूमिका में कार्य करने में सक्षम होती हैं। वह फेसबुक पेज, ट्यूटर, इंस्ट्राग्राम, लिंकडम आदि साइटों पर सक्रिय रहती हैं।अनेक तरह तरह से लोगों को रिझाने की कोशिश करने में सफल भी हो सकती है। कुछ तो अपने जाल में फंसाकर धन की प्राप्ति की इच्छा जाहिर कर सोशल साइट पर लाइव हो कर भी धन उगाही की घटना को अंजाम देने का वादा कराने में सफल हो जाती हैं। फंसे हुए लोगों से ख्वाइश के हिसाब से नाच गाना आंख मारना आदि तरह तरह से रिझाने में सफल प्रयास करती हैं।फिल्मी स्टाइल में नृत्य गान करते हुए योजना को मंजूरी तक पहुंच सके का प्रयास करते हुए अंजाम तक पहुंचाने की भूमिका निभाती नजर आने लगती हैं। जनाब हैं समझते हैं कि आप समझ गए होंगे।आपने पूछा था कि अपहृत व्यक्ति कैसे देवता हो जाता है?उसने कहा कि अपहरण करने वाले व्यक्ति के जीवन से जुड़ी ख़बरें आप को ज्ञात नहीं है आप तो बड़े भोले हो। भाईजान अगवा किया गया आदमी के लिए शासन प्रशासन लग जाता है। उसकी  खोज  बीन कराने के लिए तैयारी  की जाती है। पुलिस प्रशासन को यह बतला दिया जाता है कि अमुक व्यक्ति की खोज करने के लिए अपहरण करने वाले लोगों की पहचान की जाय उसकी कुण्डली खंगाली जाय ।उस पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। कमेटी बनती है और सुरु हो जाती है खोज !विभिन्न मतावलंबी दल भी उसमें भी वोट की खोज में लगे रहते हैं। वहीं शासन प्रशासन के पास अपनी सरकार और पुलिस की इज्जत बचाने की कोशिश करती है। शासन सत्ता के लोग बड़े आदमियों के लिए तैयार आवश्यक कदम उठाने की लगी रहती है। बाकी के पूर्व सोच के हिसाब से हल्ला चिल्ला  मचाने की तैयारी में जुटे हुए आगे बढ़ने की उम्मीद लिए होड़ में लग जाते हैं।अपहृत व्यक्ति के खिलाफ मोर्चा खोल कर अपहरण करने वाला शख्स रुपया नहीं आया यह जानकर आश्चर्य करते हुए आगे का हिस्सा करने पर उतारू हो जाता है।रुपए को हासिल करने के लिए आज कल नया प्लान बनाया जाता है और किसी औरत को अपने अधीन काम करने की व्यवस्था दी जाती है। वहीं  औरत अपहृत के छोड़ने के लिए रुपए की मांग करती है।रुपया पहुंचा दिया जाय , इतना ,नहीं तो , किसी को खबर नहीं करनी होगी, नहीं तो, न मामले में क्या होगा, जानते हो!, पुलिस को बताया तो , क्या होगा,समझ गए न , हम फिर फोन करेंगे, आदिकभी कभी वीडियो काल करके अपहृत से बात भी कर देते हैं। वायस रिकार्डिंग का भी प्रयोग होता है।वह व्यक्ति आगे बोला अरे भाई जान आप का अपहरण कभी हुआ है अथावाई नहीं?मैंने कहा आप तो दिलचस्प आदमी लगते हो!जबकि उसकी नीयत साफ नहीं लगी उसकी बात बिच्छू की डंक की भांति मुझे चुभी।मैंने कहा कि क्या वाहियात की बातें करने लगे हो,मेरा अपहरण कोई क्यों करेगा। मेरे पास कुछ भी तो नहीं है।इतना सुनकर उसने कहा कि अपहरण किसका होता है किसका होना चाहिए, किस लिए होता है यह हमें  मत समझाइए! आपने पूछा तो मैंने यह सब बता दिया वर्ना  —— ।भाईजान आपने मुझे चाय पिलाई । आप बड़े आदमियों में शामिल हैं। वर्ना आज कल कौन किसको पूछता है । पहले का समय पीछे छूट गया जब लोग अपने घर आने वाले अतिथियों का स्वागत खातिर किया करते थे। खैर मकदम पूछते थे।अपहरण करने वाले व्यक्ति केवल पैसे के लिए ही अपहरण नहीं करते हैं। फिर आप एक कवि हैं सम्मेलनों में जाते ही होंगे। धनवानों के बीच तालमेल ज़रूरी हो सकता है।बुद्धिमान व्यक्ति के साथ मिलकर धनवान नाम कमाने के लिए साथ लगा मीठी वाणी से स्वागत आभार व्यक्त करता है। मुख्य भूमिका में नजर आने लगते हैं।मसलन बुद्धि और विवेक से धन बल बुद्धि के माध्यम से लोगों को जन बल की शक्ति मिलती है। धन शक्ति के आगे बुद्धि शक्ति अधिक लोकप्रिय है। परन्तु बुद्धि शक्ति के आगे धन शक्ति सर झुका देती है। जिस प्रकार नारी शक्ति पुरुष शक्ति को अपने अधीन कर लेती है उसी प्रकार बुद्धि शक्ति के खांसने छीकने पर राह के सभी अवरोधक रोड़े हट जाते हैं। पुलिस भी चौबीसों घण्टे नौकरी करने की आवश्यकता पर सुख नहीं रह पाती कुछ की फिराक साहब उसे भी होती है। नेता जी की नेतागिरी चमकाने का मौका मिल जाता है। रही बात अपहृत के घर वाले वी वी , बच्चे की । वह भी कुछ एक दिन आंसू बहा कर रह ही जाते हैं।भारी हो हल्ला मचाने को रोकने के लिए मदद के रूप में परिवार को सरकार कुछ रूपयों की मदद दे कर पल्ला झाड़ लिया करती है।यह सब कुछ चलते रही की बातें सुनकर मैं तो वहां से निकालना ही सही समझा और वहां से निकल लिया।- सुखमंगल सिंह, अवध निवासी

ओडिशा यात्रा -सुखमंगल सिंह

June 27, 2020 in लघुकथा

यात्रायें सतयुग के सामान होती हैं और चलना जीवन है अतएव देशाटन के निमित्त यात्रा महत्वपूर्ण है | मानव को संसार बंधन से छुटकारा पाने हेतु जल तीर्थ की यात्रा करना चाहिए – सुखमंगल सिंह sukhmangal@gmail.com मोबाईल -९४५२३०९६११
यात्रायें हमेशां ज्ञान -उर्जावृद्धि में सहायक होती है – कवि अजीत श्रीवास्तव
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यात्रायें सतयुग के सामान होती हैं और चलना जीवन है अतएव देशाटन के निमित्त यात्रा महत्वपूर्ण है | मानव को संसार बंधन से छुटकारा पाने हेतु जल तीर्थ की यात्रा करना चाहिए – सुखमंगल सिंह sukhmangal@gmail.com मोबाईल -९४५२३०९६११
यात्रायें हमेशां ज्ञान -उर्जावृद्धि में सहायक होती है – कवि अजीत श्रीवास्तव
गाड़ी तीन घंटे बिलम्ब से चल रही थी जिसकी सूचना रेल प्रसारण यंत्र से किया गया | साथ में दो लोगों के रहने से राह बोझिल नहीं हुई | फिर क्या था कि दस बजे सूचना प्रसारित हुई कि रेलगाड़ी दो घंटे और बिलम्ब से है |
चाह यह नहीं कि सिर्फ मेरा नाम पहुंचे |
चाह यह कि पूरे विश्व में हिंदी का सलाम पहुंचे ||
हमारा यही मिशन है | इस मिशन में कठिनाइयों की चर्चा के लिए कोई स्थान नहीं है |
उड़ीसा के लोग बड़े प्यारे हैं मैं सन २०१५ में भी गया था सपत्नीक |श्री जगन्नाथपुरी और ढेंकानाल तक |
उड़ीसा संपर्क क्रान्ति रात्री १२:३० बजे मुगलसराय आई | एस ५ में लोअर वर्थ -९ और १२ पहले से ही रिजर्व था | हम दोनों बैठ गए |
घर से दिव्य मकुनी बाटी बनवाकर सफर के लिए रख रखा था हम दोनों ने उसे खाया और एक गुण खाकर पानी जमकर पिया | खैनी जमी ! कुछ बातें हुईं और नीद लगने लगी हम दोनों अपने अपने वर्थ पर सो गये |
रात्रि के तीन सवा तीन के लगभग बीच में जग गया था ,उसी समय फ्रेश हो लिया था फिर लेता तो नींद लगी और खुली ८:३० पर सुबह | देखा मित्र यात्री कवि अजीत श्रीवास्तव डायरी में कुछ लिख रहे थे | सायद उस फेस बुक से सम्बंधित ! जिस रचना को मेरे मोबाइल से देखा था | लिखा था (नाम न लेते हुए ) मैं समस्या देता हूँ,समाधान नहीं |मुझसे बढ़के कोई इंसान नहीं | देखकर उस समय मित्र मुस्कराये ! कुछ बोले नहीं |
चाय…चाय..चाय गरम चाय ! चाय वाला आया | हम दोनों ने चाय पी | खैनी जमी |
यात्री संगी ने कहा -सुखमंगल जी कुछ लोगों ने फेसबुक को बन्दर के हाथ अस्तूरा समझ लिया है | ऐसों को कोई टिप्पड़ी नहीं दी जाती और एक कागज पर लिखकर मुझे दिया –
जो समस्या देते हैं ,समाधान नहीं !
ऐसों से बढ़के ,कोई शैतान नहीं ||
कविता करना ,इक तपस्या है !
कविता, कविता है परचून की दूकान नहीं ||

हिंदी के लिए प्रचार – प्रसार की सबसे अधिक जरूरत यदि कहीं है तो वह है अहिन्दी भाषी क्षेत्र में ,इसी उद्देश्य को मिशन के तहत अहिन्दी भाषी क्षेत्रों के भीतरी इलाकों में पहुंचकर हिंदी की अलख जगाने का कार्य विगत दो वर्षों से कर रहा हूँ | जो हिंदी आज विश्व फलक पर नंबर दो पर है ,उसे नंबर एक का दर्जा दिलाने में यह मिशन सफल होगा यही आशा है |
इसका मूल कारण यह है कि अहिन्दी भाषी क्षेत्रों के लोग आज विदेशों में बड़े-बड़े पदों पर अधिकाधिक् मात्रा में मौजूद हैं |
इस मिशन में अखिल भारतीय सद्भावना एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखमंगल सिंह और कार्यकारी महासचिव अजीत श्रीवास्तव लगे हैं |
ढेंकानाल (उडीसा ) प्रधान महाप्रबंधक ,दूरसंचार कार्यालय के हिंदी पखवाड़ा -२०१७ में हम (दोनों ) को आमंत्रण मिला ! मुझे मुख्य वक्ता और अजीत श्रीवास्तव को सम्मानित अतिथि के रूप में (काव्यपाठ )करने हेतु |
सितम्बर १२,२०१७ को हम पहुचे मुगलसराय जं० सायं ०६ बजे | संपर्क जन क्रान्ति एक्सप्रेस का समय ०७:३० का रहा |
एक बार तो मैंने सोचा कि उन श्रीमान् को यह रचना फेसबुक पर भेज दूं लेकिन अजीत जी ने मना कर दिया ,कहा कि ऐसा लिखने वालों को भगवान भरोसे छोड़ देना चाहिए | नोटिस
में नहीं लेनी चाहिए | ऐसे लोगों की फेस बुक पर भारी भीड़ होती है जो लोगों के बहुमूल्य समय खराब करते हैं |
चाय वाला घुमते -घामते फिर आया | एक – एक चाय हम दोनों ने और पी | खैनी जमी |
उघर कम्पार्टमेंट में लोग अपनी – अपनी चर्चाओं में दो तीन के ग्रुप में मशगूल थे | सफर
में चर्चाएँ खूब होती हैं अत्यधिक महत्वपूर्ण होने के बावजूद वे सभी चर्चायें सफर समाप्ति
के साथ छूट जाती हैं | मैंने कागज के सफेद पन्ने बहुत सारे रखे थे उन्हें बी आई पी अटैची
से निकाला और हो रही चर्चा के मूल को नोट करते चला |
दोनों तरफ पहाड़ और झाड़ियाँ | कभी जंगल रहे होंगे |काटे गए हैं ! कहीं कहीं बस्तियां है | अगल बगल की जमीन की मिटटी लाल | मौसम कुछ-कुछ कोहरा कुछ -कुछ धुप |
लोगों की चर्चा आरक्षण पर केन्द्रित थी | हम दोनों लोग श्रोता की भूमिका में रहकर बात को गंभीरता से सुन रहे थे |
धुंध ! अगल -बगल | चिमनिया पीठ पर छोटे -छोटे बच्चे | मजदूरी करने की कतार में आदिवासी महिलाएं | नजर जहां तक दोनों ओर जाये ,पगडंडियों पर आते -जाते आदिवासी मजदूरों की बड़ी कतारें | सर पर गठरी में क्या है ,कुछ पता नहीं ! हाँ हाथों में जलावन लकड़िया और कोयले ! छोटे बच्चे पीठ पर उससे बड़े बच्चे पैदल | ट्रेन टाटा नगर आ पहुंची | आधा घंटे रुकी और फिर अपने गंतब्य को चल दी |
दोनों बोतलें जो खाली हो चलीं थीं में पानी की व्यवस्था हमनें टाटा नगर में क्र ली | स्टेशन पर कुछ गमले दिखे बचा हुआ पानी उन्हीं गमलों में उड़ेल दिया था | दो-दो मकुनी बाटी, नीबू के अचार के साथ खाया गया | गुड खाने के बाद पानी पेट भर पिया | एक-एक चाय के बाद खैनी जमी | अब ट्रेन की सीटी बजी |उड़ीसा संपर्क क्रान्ति आगे बढ़ी | चर्चा थी कि थम ही नहीं रही थी | चर्चा में सामिलों को भी भुवनेश्वर ही जाना था |
राजनीति ने सत्तर सालों में कुछ ऐसीस्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है कि आरक्षण पर बोलना किदो भाग होना | कहीं देखा गया है कितनावग्रस्त स्थितियां भी पैदा हो जाती हैं |यह अच्छी बात रही कि ट्रेन में ऐसा कुछ नहीं रहा | सभी के मुखर स्वर आरक्षण को आर्थिक आधार पर दिये जाने के पक्ष में रहे |-sukhmangal singh
sukhmangal@gmail.com

कोरोनवायरस -२०१९” -२

June 27, 2020 in लघुकथा

कोरोनवायरस -२०१९” -२
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कोरोनावायरस एक संक्रामक बीमारी है| इसके इलाज की खोज में अभी संपूर्ण देश के वैज्ञानिक खोज में लगे हैं | बीमारी फैलने से पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है| लॉकडाउन में शव ले जाने के लिए भी लोग तैयार नहीं नहीं है । वायरस वोहान चीन से आया हैयह तो तय हो चुका है |
विश्व में सारे धार्मिक स्थलों को बंद करने का ऐलान किया गया है जिससे यह बीमारी लोगों में भारी मात्रा में फैलने से रोका जा सके| विविध तरह के उपाय और व्यवस्थाएं की जा रही हैं | सुरक्षाकर्मी- स्वास्थ्य कर्मी और प्रशासन का अमला बखूबी जनता और जीवन की भलाई के लिए कार्य कर रहा है | हम अप्रैल माह में अप्रैल माह में हुए प्रयासों पर प्रकाश डालना चाहते हैं।-
प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने विश्व के लगभग 60 देशों में ऐसे कठिन घड़ी में दवा खाद्य सामग्री और सुरक्षा व्यवस्था पहुंचा कर महान कार्य किया |
ब्राजील ने कहा हनुमान जी की तरह संजीवनी लाए हैं मोदी ! आगे कहा हमारे सभी नागरिक आप का धन्यवाद करते हैं !
अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप जी ने कहा मुश्किल हालात में मित्र मित्रता दिखाया है, मोदी महान ! महान कार्यों के लिए डब्ल्यूएचओ ने भी मोदी की तारीफ की !
उधर पूरे विश्व में मार्च माह में ही मरने वालों की बाढ सी आ गई ।
एक तरफ भारत कोरोनावायरस से झेल रहा है वही दूसरी तरफ पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ करने से बाज नहीं आ रहा है| स्थानीय नागरिकों को गोला – बारूद से भारी नुकसान पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। विरोध स्वरूप भारतीय सेना ने भी हमला कर पाकिस्तानी बंकरो को तबाह कर दिया।
भारतीय सीमा पर चीन ने अपनी सेना भारी मात्रा में लगाकर भारत से विरोध करने पर उतारू हो गया है | वार्ता की तैयारी चल रही है | भारतीय सेना भी सीमा पर उतनी ही मात्रा डट गयी ।
आगे हम विश्व की एक झलक दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कहां क्या हुआ। –
भारत के राजस्थान अजमेर में कोरोनावारयर्स पुलिस पर जनता ने हमला किया। जिसकी कार्यवाही की जा रही है | राष्ट्र में भी पुलिस सुरक्षा पर हमला किया गया ।
मिलेट्री – सी आर पी एफ और पुलिस भी पी पी ई किट्स और मास्क बनाने में लग गई। कमांडेंट मुकेश कुमार ने बताया के पी पी किट्स और मास्क बनाने का काम आई टी बी पी के जवान कर रहे हैं।
स्पेन में कोरोना वायरस से लोगों की हालत ज्यादा खराब है। इंडोनेशिया में एक डॉक्टर का कोरोना वायरस से निधन हो गया। न्यूयॉर्क, यूक्रेन पर भी कोरोना का भारी प्रभाव पड़ा जिससे लाक डाउन बढ़ाया गया । यू एस, इटली ने लाग डाउन नहीं किया इसी से मरने वालों की संख्या बढ़ी।
भारत ने समय से लॉकडाउन किया जिससे अप्रैल माह में वायरस फैलने से रोका जा सका। दिल्ली एन सी आर में 12 अप्रैल को भूकंप का झटका 5:00 पर 5:45 पर 3.4 की तीव्रता में आया झटके से भारी नुकसान हुआ।
जर्मनी, नीदरलैंड्स स्पेन की कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या बढ़ी। टर्की के इस्तांबुल में 2 दिन का लाभ डाउन किया गया परंतु प्रधानमंत्री इस्तांबुल के सार्वजनिक क्षेत्र में होने से जनता उनका उपहास करने लगी।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा कोरोनावायरस विश्व युद्ध के बाद मानव पर सबसे बड़ा खतरा है । अप्रैल 2 तक महामारी के कहर से जहां पूरी दुनिया कराह रही थी वहीं दुनिया के 15 देश बचे हुए थे हैरानी की बात यह है कि इनमें से अधिकतर देश अफ्रीकी महाद्वीप के हैं जहां किसी भी तरह के वायरस का संक्रमण दुनिया में सबसे ज्यादा कहर बरपाता है।
कोरोनावायरस काल में यू ए ई ने निर्णय ले लिया भारत के लोगों को जिनमें कोरोनावायरस नहीं है उन्हें भारत में भेजना चाहता है। उधर चीन मैं अफ्रीका के लोगों का पासपोर्ट जप्त कर रहा था | जबरन लोगों को कोरंटीन कर रहा था | सड़क पर अफ्रीकी लोगों को बैठने भी नहीं दे रहा था | जिसे देखते हुए नाइजीरिया ने चीन पर नाराजगी जताई।
ईरान के राष्ट्रपति हसन ईरानी ने सेना डे के अवसर पर कोरोना से बचने के लिए सेनेटरराइस गाड़ियां और तोपे लगा दी जो लोगों को से सेनेटराइज करें उन्हें सड़क पर उतारी दी |
वोहान चीन से कोरोना फैलाने के विरोध में अमेरिका, जापान सहित पांच शक्तिशाली देशों ने चीन की कंपनी पर नाराजगी जताई भारत भी नाखुश होकर चीन की कंपनी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। अमेरिका सहित विश्व के लगभग 108 देश चीनी कंपनियों के विरोध में खड़े हो गये । इस बीच चीन की सेंट्रल कंपनी ने आर्थिक संकट की शंका जाहिर की। चीनी जिस – जिस देशों को रैपिड किट्स , मास्क भेजें ज्यादातर देशों ने उन्हें खराब बताया और चाइना के सामान का बहिष्कार किया। वापस कर दिया | कोरिया के स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा चाइना से स्वास्थ्य से संबंधित जो सामान आये हैं वह खराब है उसे बैन कर दिया जाना चाहिए। आई सी एम आर ने जिस कंपनी की किट्स खराब थी उसे बैन कर दी। भारत को सेल्स लिस्ट – सेल्फ निष्ठ बनाना है अब भारत में किड्स, मास्क , वेंटीलेटर ,टेस्टिंग किट बनने लगा है।
पश्चिम बंगाल की बात करें तो पश्चिम बंगाल में मस्जिद में भारी भीड़ जुताई गयी , लागडाउन को तोड़ा गया | भारत सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और इस भयावह स्थिति में कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया। अहमदाबाद से लंदन के लोगों को जांच करने के उपरांत भेजा गया | उन्हें अपने देश पहुंचाने का कार्य भारत सरकार की पहल पर हुआ |
यूपी के बुलंदशहर में 17 जमाती पकड़े गए उन्हें कोरेंटीन किया गया | असम में 12 तब्लीग के लोग पकड़े गये । बढते जमाती को देखते हुए यूपी सरकार ने प्लान बनाया जहां भी जमाती छुपे हो उन्हें खोजा जाय ,डीजीपी ने एक आदेश जारी किया। यूपी के मुरादाबाद में कोरोनावायरस के मरीज को ले जाते समय एंबुलेंस की टीम पर पुरुषों और महिलाओं ने पथराव किया तत्पश्चात पुलिस सक्रिय हुई और उन पर कार्रवाई की जा रही है।
मध्य प्रदेश के इंदौर में भागते हुए जमातियों क्यों को पकड़ा और उन्हें कोरेंटीन किया गया | पुलिस उन पर उचित कार्यवाही कर रही है।
कोटा राजस्थान में कुछ औरतें प्लास्टिक के थैले में थूक कर घरों के अंदर फेंकने का कार्य किया बाद में पकड़ लिया गया। प्रशासनिक कार्यवाही की गयी |
चंडीगढ़ में 200 लोगों को मॉर्निंग वॉक करते हुए पुलिस ने पकड़ा और उन पर कार्रवाई हुई। अप्रैल 18 को यूपी में मरीजों की संख्या जो कोरोना से पीड़ित की 125 हो गई जिसमें से 86 मरीज केवल जमात के ही मिले।
न्यूज़ चैनल ए बी पी 14/४/२० को एक बैठक में सुनील कुमार अलग एमडीएस के ए एडवाइजर ने ला ग डाउन बढ़ाने का समर्थन किया।
अमूल इंडिया के आर एस सोढ़ी ने कहा- कि भारत में 70 परसेंट किसान है वहां पैसा लगाने की आवश्यकता है।हमने अपने कर्मचारियों को 25 से 30 परसेंट इंसेंटिव देना शुरू कर दिया है।
राजीव जुनेजा सी ई ओ मैकाइंड फार्मा ने कहा – बिजनेस बचाने से ज्यादा आज जान बचाना जरूरी है दुनिया चेंज होने वाली है अब अलग तरह से काम करने की आवश्यकता है।
प्रांजल वर्मा बिजनेस पत्ररकार ने कहा – कि कुछ कंपनियों की सोच बन गई है अपना पैसा बचा कर रखें और सरकार से मांग करते रहे जबकि रिजर्व पैसे को कंपनियों को कर्मचारियों में बांटना चाहिए।
सुधीर कुमार जी ने कहा – प्रॉफिट कम हो जाए सभी बिजनेस वाले 1 साल के लिए सामान का सप्लाई बढ़ाएं तो मांग बढ़ेगी कर्मचारी का ध्यान दें| कर्मचारियों का ध्यान दें ने से लगाकर काम करेंगे । कम प्रॉफिट पर 1 वर्ष माल बेचे, मांग बढ़ेगी ,निर्यात बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया जाना चाहिए। राजस्थान के कोटा में 750 छात्र फंसे हुए थे उन्हे अपने प्रदेश आने पर अलग-अलग सरकार विचार कर रही हैं।
राजस्थान के कोटा में यूपी के छात्रों को लाने के लिए आगरा और झांसी से 250 बसें यू पी सरकार ने भेजा और छात्र वहां से यूपी आ गये । वहीं बिहार के परिवहन मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा मानवता जरूरी है प्रधानमंत्री भारत सरकार के निवेदन पर सोशल डिस्टेंसिंग पालन आवश्यक है। आज तक के डिबेट में एम एच खान ने कहा – मौलाना साद को एक एन जी ओ चलाने वाला बताया | वह मुसलमान के नाम पर लोगों को मारने का काम कर रहा है| सबसे ज्यादा शाहीन बाग को लेकर दिल्ली में हिंदू- मुसलमान किया गाया , देश बड़ा है, देश रहेगा तो पार्टियां रहेंगी और लोगों को गलत बयानबाजी से बचना चाहिए।
प्रस्तुत कर रहा हूं एक रचना-
मां को मा ना कहें,
पिता को पिता ना कहें।
तो उन्हें
क्या कहें !
बिना जल के नदी में,
नहाने जाओगे?
किससे पैदा हुए और
कौन तुम्हारी शाख!
देश नहीं रहेगा ,
देश में रह पाओगे ।
तो तुम रह पाओगे?
किसके साथ मिलकर ,
अपना गाना गाओगे।
एक तरफ देश कोरोनावायरस से जूझ रहा दूसरी तरफ यूथ कांग्रेस अध्यक्ष की गाड़ी पकड़ी गई शराब सप्लाई कर रहा था | बी बी श्रीनिवास ने कहा हमने गाड़ी राहत कार्य में लगाई थी। इन दिनों शराब के ठेके बंद थे उसी का फायदा उठाने के लिए राहत कार्य के नाम पर शराबी बनाने का घिनौना कार्य किया गया| पुलिस कार्यवाही कर रही है।
उधर मंडियों में सब्जियों और फलों के दाम व्यापारी अधिक लेने लगे जब इसकी जानकारी जिलाधिकारी तक पहुंची तो उन्होंने कड़ी कार्रवाई की मंडियों पर शिकंजा कसा गया तदुपरांत दुकानदार उपभोक्ताओं से सही दाम लेने लगे।
प्रधान मंत्री जी के संसदीय क्षेत्र में जिलाधिकारी और डी आई जी पुलिस, पुलिस अधीक्षक सहित शासन के सभी लोग तत्परता दिखाया कड़ाई से कानून का पालन होने लगा जिसका बुद्धिजीवियों कवियों साहित्यकारों और पत्रकारों ने स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र में तबलीगी जमात के लोगों ने निजामुद्दीन इलाके से आकर धार्मिक जलते किये और क्षेत्र में जाकर लोगों के घरों में छुप गये उनमें से बजडिहा, मदनपुरा आदि क्षेत्रों से लोगों को पकड़ा गया और उन्हें कोरोंटीन किया गया।
प्रयाग के एक प्रोफेसर अपने साथ कुछ जमातियों को प्रयाग लाया जिससे वहां भी काफी कोरोनावायरस फैला दिया | यूनिवर्सिटी में जमात में भाग लेने की बात को छुपाया और पुलिस को जब यह बात ज्ञात हुआ तो उन्होंने प्रोफ़ेसर सहित जमातीयों को पकड़ कर कोरंटीन किया।प्रशासनिक कार्यवाही हो रही है |
अप्रैल 22 लखनऊ हॉट स्पॉट के कुछ लड़कों ने पुलिस पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया । तदुपरांत वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ा निर्देश जारी किया । सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने पर 7 वर्ष की सजा का प्रावधान लाया गया | अलीगढ़ के भोजपुरा इलाके में भी पथराव से पुलिस घायल हो गए सब्जी बेचने वाले लोगों ने पथराव किया भयानक भीड़ में पुलिस पर पथराव किया गया ।
यह तो तय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे बड़े वाहक भारत में बने तबलीग जमात के निजामुद्दीन मरकज में आये लीग ! जमात के लोगों और उनके संपर्क में आने वाले 9000 लोगों की पहचान की जा रही है जिसमें से लगभग 106 विदेशी नागरिक हैं| मौलाना साद ने जिम्मेदारी से भागकर अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं किया | मामले को छुपाया और भारत की जनता के बीच तबलीगीओं द्वारा कोरोनावायरस फैलाने का कार्य कराया। एक तरफ जमात के लोग डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मी कर्मियों से अभद्रता और मारपीट जगह-जगह किये जिसको ध्यान में रखकर यूपी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने का फैसला किया जिससे यू पी में इस तरह से जमातीयों का घिनौना कार्य बंद हुआ| प्रदेशों में कोरोनावायरस में जुटे कर्मचारियों का बीमा किया गया। जमात और जमातियों के पलायन से कोरोनावायरस को भारी झटका लगा।
सामूहिक नमाज और मंदिरों में भीड़ पर रोक लगाई गई। महामारी फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई करने का फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवेदन और सदेश का स्वागत किया गया | पी एम् जी ने कहा –
डरने की जरूरत नहीं
बस हमारा साथ दें।
हम कोराना वायरस की,
कठिन घड़ी को लड़ रहे हैं।
हम जीतेंगे ऐसा सभी को,
अपनी सोच बनानी होगी।
दूरी पालन करते हुए
आगे बढ़ाने वाले कर्मचारियों की,
मदद करनी चाहिए।
– सुखमंगल सिंह, अवध निवासी

कोरोना वायरस काल २०२०

June 27, 2020 in लघुकथा

कोरोना वायरस काल २०२०
—– — —— – ————
कोरोनावायरस दुनिया को अपने आगोश में लेता जा रहा था बात अप्रैल माह की कर रहा हूँ अप्रेल ० 1 की तरफ ध्यान दें तो लगभग 2361 लोग मरकज से निकले परंतु मरकज के लोग मात्र 1000 लोगों की मौजूदगी का दावा किया | कोरोना फैलने से रोकने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में मरकज के तबलीगी जमात से शामिल होकर प्रदेश में लौटे लोगों की पहचान कर उनकी जांच करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया | मरकज और वहां से आए लोग पुलिस प्रशासन की बार-बार अपील के बाद भी जांच कराने से बचते रहे। पब्लिक में शामिल होने वाले परिवारों के लोगों को एक-एक घर का पता लगाकर कोरंटीन करना शुरू किया गया | केंद्र सरकार में जनता के हित के लिये पार्सल ट्रेन चलानी शुरू की जिससे खाद्यान्न, दवा, स्वास्थ्य उपकरण को यथा स्थान आवश्यकतानुसार पहुंचाया जा सका | सरकार ने राशन का वितरण कोटेदारों के माध्यम से करना शुरू किया| गरीबों को फ्री राशन वितरण किया जाने लगा | लाग डाउन का प्रभाव नदियों के जल स्तर पर भी पड़ा| नदियों का जल जलस्रतर स्वच्छ होने लगा | जिसे वैज्ञानिकों ने भी इसे स्वीकारा | जिन फैक्ट्रियों से नदियों में प्रदूषण फैल रहा था उन फैक्ट्रियों के बंद होने से नदियां स्वच्छ होने लगीं | मगर विकराल महामारी से मरने वालों की देश- विदेशों में संख्या बढ़ने लगी कहीं-कहीं तो उन्हें जलाने- दफनाने के लिए मदद में रिश्तेदार भी नदारद दिखे।
वायरस की महामारी का ठाव
गरीबी उन्मूलन में ब ढे पांव
अर्थव्यवस्था गिरा धाय
दुनिया में हुआ गांव गांव।
भोजन राशन बांटने वाले लोगों का जमावड़ा होने लगा | जो जमावड़ा बड़ा आगे आये लोगों में अधिकतर को तो जिसे एक-दो दिन देखा गया वे फोटो खिंचवा कर लोग अपना नाम मीडिया सोशल मीडिया में प्रमुखता से दर्ज कराने की होड़ में लगे दिखे | कुछ लोग दो – चार दिन राहगीरों को मदद दी | इसी बीच शासन के निर्णय पर थाना और पुलिस चौकियों से भोजन और अन्य राहत सामग्री बांटने का निर्णय लिया गया। जो अनवरत चलता रहा | कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली |
भारत के प्रधानमंत्री सभी दलों से सभी मुख्यमंत्रियों से और सचिवों से बैठक का राहत के लिए निर्णय लेते रहे| बैठकें कीं | सांसद वेतन कटौती का अध्यादेश आया | अध्यादेश को मंजूरी मिली | राष्ट्रपति- मंत्री -प्रधान मंत्री , सांसद तक का 30 परसेंट वेतन कम कर दिया गया और सांसद निधि भी अस्थाई रूप से स्थगित कर दी गई| राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने- अपने राज्यों में भी इसी तरह का आदेश पारित किया | विदेशों में तो जंगली जानवर भी कोरोना से प्रभावित होने लगे जिसे ज्ञात होते ही भारत में चिड़िया घरों की जांच के लिए आदेश दिया गया | उन्हें सुरक्षित रहने की व्यवस्था दी गई | सुबह – शाम मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों पर नजर रखी जाने लगी| बाहर निकलने पर रोक लगने लगी | वाहनों के दस्तावेज की समय सीमा जून तक बढ़ा दी गई| प्रधानमंत्री के आदेश से कंपनियां अपने कर्मचारियों को 3 महीने का वेतन देना शुरू किया | किरायेदारों का किराया मकान मालिक छोड़ना शुरू किये | तंबाकू बिक्री पर सरकार ने रोक लगा दिया | बड़े हॉस्पिटल – सरकारी हॉस्पिटल ऑनलाइन मरीजों को सलाह देना शुरू कर दिया | ऐसे समय में सोशल मीडिया ने जनता का भरपूर सहयोग – सहायता किया | दुनिया में लागडाउन में सोशल मीडिया पर लोग ज्यादा से ज्यादा काम करते देखे गये | बुद्धिजीवियों ने पुस्तकों का अध्ययन किया | पुस्तकों का अध्ययन – अध्यापन किया | प्रधान मंत्री केयर फंड में लोगों ने दान लेना शुरू किया | काफी दान इकट्ठा हुआ वही टुकड़े-टुकड़े दलों ने सहयोग में आगे आने से मना किया | एक पूर्व मुख्यमंत्री ने चैनल पर ही प्रधानमंत्री केयर फंड में दान करने से इनकार किया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और तो और केयर फंड की जांच की मांग उठा ली।
ब्रिटेन, स्पेन और फ्रांस में घरेलू घरेलू हिंसा पाँव पसारना शुरू कर दिया | घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़ने लगी | इटली में धीरे-धीरे हिंसा के मामले बढ़ते गये अमेरिका सहित दुनिया के अन्य देशों के लीग अपने देश जाने से इनकार करने लगे| अमेरिकियों से भारत में बात करने पर केवल एक परसेंट ही अमरीकी अमेरिका जाना चाहते थे | महामारी से बेरोजगार होने वाले लोगों की संख्या , संयुक्त राष्ट्र संघ ने 40 करोड़ ,केवल भारत में ही रोजगार जाने की आशंका जाहिर की।
भारत में कोरोनावायरस का इलाज करने वाले और सुरक्षा में लगे लोगों के मनोबल को बढ़ाने के लिए तरह तरह के उपाय सुझाए गये | संपूर्ण जनता ने दीप जलाया ताली- थाली बजाई जगह-जगह जय जय कार के नारे लगे| ड्रोन और हवाई जहाजों के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों – पुलिसकर्मियों पर फूल बरसाये गये | महामारी से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन तनल लगने लगे | मशीनों का निर्माण भारत में होने लगा| डॉकिया पोष्टाफिस से घर तक रुपए पहुंचाने लगे | जर्मनी अमेरिका सहित दुनिया के देशों में भारतीय प्रवासी बुद्धिजीवी, भारत में भारतीयों को सलाह मशविरा देने लगे | विश्व जिस वायरस से जूझ रहा है उससे बचाव के उपाय सुलझाने लगे| लोग पशु- पक्षियों को भी दाना- पानी देने लगे|
उन्हीं दिनों वही नेपाल के रास्ते से जालिम मुखिया नाम का एक व्यक्ति भारत में कोरोना फैलाने के लिए नेपाल के रास्ते से 50- 50 संक्रमितो भारत में भेजना शुरू कर दिया | जिसकी सूचना पुलिस को मिलने पर पकड़ लिया गया | बैंकों ने केवल पैसे का लेन – देन कुछ कर्मचारियों के माध्यम से करने लगे | मास्क सेनेटाइजर , वेंटिलेटर कीटस भारत में बनने लगे| आज भरपूर मास्क वेंटिलेटर भारत में बन रहे हैं| उद्योग से व्यापारी उक्त सामानों को विदेश भेजने की मांग उद्योगपति करने लगे| कोरोना वायरस से जंग जीतने के तौर तरीके प्रधानमंत्री न्यूज़ चैनल, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को बताने लगे | डॉक्टर – वैज्ञानिक- कवि- लेखक- बुद्धिजीवी अपने-अपने माध्यम से लोगों तक सूचना पहुंचाने लगे | महामारी से दुनिया में और भारत में भी कोरोनावायरस से काफी लोग मारे गये | इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ महासचिव ने महामारी से निपटने की कोशिशों में महिलाओं पर ज्यादा ध्यान देने की बात की।जननी की रक्षा भारत का प्रथम कर्तब्य है ही |
पुलिस प्रशासन ने इस संकट की घड़ी में बहादुरी का परिचय दिया भारत के साथ साथ विदेशों में विदेशी पुलिस कर्मियों ने भी बहादुरी का काम किया| पुलिस कर्मी स्वास्थ्य कर्मी शासन- प्रशासन 24 घंटे ड्यूटी पर रहकर लोगों की मदद करने लगे रहे | स्वास्थ्य कर्मी भी अपना जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी | ड्यूटी पर लगे रहे । एक रचना प्रस्तुत –
हिम्मत दिखाने वालों पर सदा भारत नाच करता,
मातृत्व अवकाश ठुकराकर हालत पर निगाह रखती
ऐसे देश प्रेमी नारी से दुनिया से दुनिया सीख लेती।
कर्नाटक, जंबू ,आंधरा , महाराष्ट्र सहित तमाम राज्यों में पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले किए गये हमलावर ज्यादातर तबलीगी जमात के थे अथवा उनके समर्थक ही रहे | उन लोगों पर प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है | प्रशासन बराबर निगाह रखे हुए हैं। कोरोना काल में –
पौष्टिक आहार पर रखना होगा ध्यान,
खान-पान से ही होगा लोगों का कल्याण।
हां शक्ति बढ़ाने के लिए योग जरूरी,
प्रोत्साहन देने से होगी दूर मजबूरी।
कोरोना लड़ाई तक परिवार से रखे दूरी,
दोस्त रूप में ईश्वर करेगा आवश्यकता पूरी।
राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता बहुत जरूरी,
भारतीय अखंडता से दुनियां की घटी दूरी।|
– सुखमंगल सिंह ,अवध निवासी

“काशी से कश्मीर तक सद्भावना यात्रा सन1994”

November 27, 2019 in लघुकथा

“काशी से कश्मीर तक सद्भावना यात्रा सन1994”
किसी भी यात्रा का उद्देश्य सिर्फ मौजमस्ती व् पिकनिक मनाना ही नहीं होता | यात्राएं इसलिए
की जाती हैं कि हम एक-दुसरे की सभ्यता ,संस्कृति,रहन सहन व् विचारों को जान सकें ,करीब
से देख   अच्छाई ग्रहण  सकें तथा अपनी संस्कृति सभ्यता से प्रभावित कर सकें | अखिल –
भारतीय सद्भावना संगठन द्वारा आयोजित गाठ छ: अगस्त से बाइस अगस्त तक ‘काशी से
कश्मीर तक की सद्भावना यात्रा अपने आप में एक मिसाल बन गयी | सुखमंगल सिंह के साथ
युवा कवि कुमार हेमंत का सहयोग पाकर यात्रा ने एक संस्कृति पहचान कायम की | इस यात्रा
में कुमार   हेमंत उत्साहित करते रहे परिणामस्वरूप
निर्विघ्न  यात्रा पूरी हुई किन्तु गरीबी ,बेरोजगारी ,व् भ्र्ष्टाचार के चलते समाज की दशा दिनों
दिन खराब होती जा रही | ऐसे में लोग प्रेम मोहब्बत ,भाईचारे ,विश्व बंधुत्व को फालतू चीज
मानने लगे हैं किन्तु अन्दर ही अन्दर आज के विषम परिस्थिति में भी जनमानस में प्रेम व्
भाईचारे के प्रति आस्था व् विश्वास है ,जिसके चलते समाज की गाडी आगे बढ़ती रही | बनारस
से आगे बढ़ने पर देखने से ऐसा लगता है कि हमारा प्रदेश अभी भी काफी पिछड़ा प्रदेश है जहां
विकास होना चाहिए, वहां नहीं हुआ है | जान नेता अपने कर्तब्यों से विमुख होकर सिर्फ राज-
धानियों के होकर रह गये हैं |  जौनपुर जैसा ऐतिहासिक शहर आज तक उपेक्षित पड़ा है और
तो और !
देश की राजधानी दिल्ली के बाहरी इलाके भी ,  प्रदेश की राजधानी लखनऊ मेन बड़े-बड़े नाले
खुले हुये हैं|गंदगी से सारा शहर पटा पड़ा है | सिर्फ सरकारी बंगलों व राजनेताओं के आवासों
पर ही सारी सुविधाएं भरी पड़ी है | एसे मेन कैसे विकास कारी हो ,यही अहम प्रश्न है |पंजाब
मे आज भी लोगों के मन मे भय व आतंक व्याप्त है | हर एक आदमी एक दूसरे को शक की
निगाह से देख रहा है | पंजाब के आगे जम्मू मेन भ्र्श्ताचार का हर तरफ बोलबाला है | किसी
पर किसी का अंकुश नहीं रह गया है |  यहाँ कोई किसी का विश्वास भी नहीं करने वाला | जम्मू
में दहशत का माहौल व्याप्त था एक अंजाना डर लोगों के मन में समाया हुआ था | हिमांचल
प्रदेश में हालाकी शांति थी ,मगर वहाँ के लोगों के चेहरे पर असंतुष्टि व व्याकुलता नजर आयी ,
लगता था वह वर्तमान व्यवस्था से क्षुब्ध थे | कश्मीर में डोडा जिले व आस-पास के इलाकोण में
भयावह सन्नाटा छाया हिया था |कभी -कभी अज्ञात स्थानों से गोलियों के चलने की आवाज साफ
सुनाई दे रही थी | सेना के जावाज़ जवानों ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुये श्री नगर नहीं
जाने दिया ,मगर फिर भी हम लोग कुछ दूर जाने में सफल रहे | जम्मू में ए0 डी0 सी 0 डिप्टी
कमिश्नर ने पहले ही श्रीनगर न जाने के लिए आगाह किया था | यद्यपि हमारे ऊपर श्रीनगर
जाने की धुन सवार थी | इसी बात को लेकर कुमार हेमंत से कहासुनी भी हो  गई फी क्या था
स्थिति हो भाँपते हुये माँ वैष्णवो देवी चल दिया  | म्झे इस यात्रा से ऐसा लगा कि देश का युवा
वर्ग ज्यादा सद्भावना जागृत कर सकता है | बसरते उसके सामने बेरोजगारी ,रोटी कि समेस्या
न हो ! रास्ते में जीतने भी युवक मिले सभी ने भाई-चारे व प्रेम जागृत करने पर बल दिया |
लखनऊ  में -लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र सद्भावना के प्रति काफी उत्साहित थे | उन लोगो
ने हम लोगों का काफी उत्साह व मन के साथ स्वागत किया | दिल्ली के रोहणी व पाल्म में
नागरिकों नें भावना और मन से स्वागत किया | रोहणी में मैंने 15 अगस्त पर झण्डा फहराते हुये
कहा कि अगर देश में फिर से भाई चारा कायम हो जाय तो यह देश स्वर्ग बन सकता है ,वशर्ते इस
देश को स्वावलंबी बनाया जाय न कि विदेशी कंपनियों की गुलामी स्वीकार की जाय |महाप्रबंधक
दूर संचार ,वाराणसी रवीन्द्र नाथ प्रभावर ,जिलाधिकारी वाराणसी नेत्राम, लखनऊ में अखण्ड प्रताप
सिंह मुखी गृह सचिव, उत्तर प्रदेश ,लखनऊ सचिवालय के अनुभाग अधिकारी एस 0 पी 0 त्रिपाठी ,
लखनऊ जिलाधिकारी श्री खरे जी ,दिल्लीमें गुरुद्वारा कमेटी के लोग ,अंबाला में दूरसंचार विभाग के
महाप्रबंधक ए 0 के गिरोत्रा व जौनपुर में साहित्य महारथी श्री पाल सिंह ‘क्षेम ‘ ,समय के संपादक-
दिनेश सिंह ‘दमभू ‘जी ,दिल्ली से मारकंडेय सिंह , असफाक अहमद रामपुर,मस्तराम बरेली ,दुर्गा
प्रसाद अवस्थी लखनऊ ,डा भानू शंकर मेहता , पंडित प्रकाश महाराज (तबलाबाद्क ),वी 0 के 0
गुप्त व माताओं एवं बहनों का भी आदर व प्यार पाकर यात्रा और भी -मंगलमय बन गयी थी |यात्रा
की निर्विघ्नता हेतु श्रीमती उर्मिला सिंह जो कि मेरी धर्म पत्नी हैं कि वझ से हो सकी | बाबा भोले के
दक्षिणी गेट पर आरती पत्नी ने की , तथा भानु शंकर मेहता जी ने हरी झंडी दिखाकर यात्रियों को
रवाना किया | इस यात्रा के प्रति मैं अपने संगठन के सदस्यों के प्रति आभारी हूँ | जिन्होंने बड़े
उल्लास व जोश के साथ यात्रा का सफल आयोजन किया और मनोबल बढ़ाया | अंत में अपने पुत्र –
पौत्रियों ,अजीत कुमार सिंह ,विनीत कुमार सिंह एवं सुपुत्री कु कीर्ती सिंह को शुभाशीर्वाद दूगा कि
कम उम्र में पिता द्वारा लिए गये संकल्प  को सहन ही नहीं किया अपितु उत्साहित भी किया कि
जाइये पिता श्री ! पंजाब -कश्मीर की आज हाल्ट नाजुक है | आपके जाने से शायद जनता में अब
भी भाईचारे का भाव कायम हो सके |
-सुखमंगल सिंह ,अवध निवासी 

कवि का ‘सरयू से ‘ गुजरना – सुरेंद्र वाजपेयी

November 6, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

कवि का ‘सरयू से ‘ गुजरना – सुरेंद्र वाजपेयी
————————————————
सुहृदयी कवि ,लेखक एवं सामाजिककार्यकर्ता श्री सुखमंगल सिंह कृत्य ‘कवि हूँ मैं सरयू तट का ‘ एक भावनात्मक काव्य संग्रह है | इसमें सरयू महिमा के साथ- साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्रीराम की जन्मस्थली उनकी प्रिय नगरी अयोध्या की प्राकृतिक ,सामाजिक ,आध्यात्मिक एवं मानवीय सरोकारों एवं समरसता से परिपूर्ण रचनाएं मर्म स्पर्शी एवं पठनीय हैं |
कवि हूँ मैं सरयू- तट का
समय चक्र के उलट -पलट का
मानव मर्यादा की खातिर
मेरी अयोध्या खड़ी हुई है
कालचक्र के चक्कर से ही
विश्व की आँखें गड़ी हुई है ,
हाल ये जाने है घट -घट का
हूँ कवि मैं सरयू – तट का
इसमें सूर्यवंश के कुलशिरोमणि श्रीराम के अवतार थे साथ-साथ रघुकुलवंश का गान ,ऋषियों की अमरवाणी ,परब्रह्म प्राप्ति का मार्ग,परम पावन सरयू नदी का माहात्म्य
आदि के सहित आततायियों से पृथ्वी को मुक्त करने की भावना का जागरण किया है | कवि ने निस्पृह भाव से इस काव्य की लोकमंगल और जान-जागरण का कार्य किया है | भारतीय संस्कृति और संस्कार से परिचित कराकर नई पीढ़ी को जीवन मूल्यों और जीवनादर्शों की ओर झांकने ,सोचने और विचारने का आह्वान किया है |
अतः ‘सरयू तट से ‘ रचनाकार का तादात्म्य स्थापित करना तथा लोकजीवन को प्रभुश्रीराम के प्रति आस्थावान बनाना विशेष हितकारी है | आशा है, काव्य के सुधी पाठकों के बीच संग्रह पढ़ा जाएगा और स्नेह- सम्मान भी प्राप्त करेगा | बधाई |

ह ० सुरेन्द्र वाजपेयी
— समीक्षक लेखक ,,व्यंग,नव गीत
हिन्दी प्रचारक पब्लिकेशन्स प्रा ० लि ०
सी २१/३० पिशाचमोचन ,
वाराणसी -२२१०१०
उत्तर प्रदेश – भारत

जिसे भी देखा दौड़ता मिला

November 3, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

डगर पर जो भी मिला
वह दौड़ता भागता मिला
ज़िंदगी जिसकी भी मिली
उससे पुराना वास्ता मिला
जब भी शाम होते घर गया
दर्देदिल ही जागता मिला|
बीते साल की तरह फिर
नए साल का सुबह मिला
सर पर यूं चढ़ सा बोला
ज़िंदगी में डांटता मिला |
मुक्तक -व्यवस्था और जन- जन जब जागेगा
वर्षों की जमी मैल सब भी काटेगा |
-सुखमंगल सिंह ,अवध निवासी

पढ़ो – पढ़ाओ सबको सुनाओ

October 2, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

तुम्हें आज मैं कथा – सार

यहाँ सुनाने आया हूँ

तुमको शुकदेव –परीक्षित का

संवाद बताने आया हूँ

इंद्रिय शक्ति अगर चाहो तो

इन्द्र पूजन करो

ब्रह्म – तेज की चाह अगर हो

वृहस्पति- कृपा भरो

चाह श्री लक्ष्मी को खुश करना

देवी माया का जप करना

तेज की हो चाह यदि तुममें

अग्नि प्रज्जवलित करके पूजना

तुम्हें यदि वीर है बनना

रुद्रों को खुश करते जाओ

धन पाने की हो मन में लालसा

वसुओं के आराधक बन जाओ

अन्न कृपा तुम पर होगी ही

अदिति को आप मनायेँ

हो स्वर्ग प्राप्ति की यदि अभिलासा

अदिति पुत्रों का जप करें-करायें

राज़्य प्राप्ति के लिए सुनो !

विश्व देवों को तुम गुनो

प्रजा अनुकूल अगर चाहो तो

साध्य देवों को तुरंत चुनो-

दीर्घ आयु की इच्छा वाले

अश्वनी कुमारों को न भूलना

अगर पुष्टि की तेरी कामना

पृथ्वी को है तुम्हें पूजना

प्रतिष्ठा की यदि चाह तुम्हारी

पृथ्वी – आकाश की पूजा न्यारी

अगर सौंदर्य तुम्हें है पाना

बस गन्धर्वो को पूजो पारा–पारी

पत्नी प्राप्ति की खातिर तुम

करो उर्वसी- अप्सरा की पूजा

सभी का स्वामी बनना चाहो

ब्रह्मा के अतिरिक्त कोई न दूजा

यश की कामना करना चाहो

यज्ञ – पुरुष का ध्यान धरो

अगर खजाना पाना चाहो

वरुण देव का मान करो

यदि ध्यान विद्या – प्राप्ति पर

शिव – शिव का जाप तूँ कर

पति -पत्नी परस्पर प्रेम की खातिर

पार्वती माँ के चरण तू धर

धर्म उपार्जन के लिए हे नर

विष्णु भगवान् की पूजा कर

बाधाओं पर पड़ोगे भारी

मरुद्गणों के शरण तू जा

हो राज्य कायम, रखने का ध्यान

तो मनवंतर के अधिपति का रख मान

अभिचारक के लिए तू नर

निऋतिक का भान कर

यदि भोगों खातिर तेरा सफर

चन्द्रमा की उपासना कर

निष्काम प्राप्ति की कातिर ध्यान

बस परम पुरुष नारायण पर

सभी थपेड़े दूर भगाओ

श्री नारायण की स्तुति गाओ

संवाद शुकदेव – परीक्षित

पढ़ो – पढ़ाओ और सुनाओ
कवि हूँ मैं सरयू – तट का – सुखमंगल सिंह

“कवि हूँ मैं सरयू तट का “

August 31, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

“कवि हूँ मैं सरयू तट का ”
कवि हूँ मैं सरयू तट का
समय चक्र के उलट पलट का
मानव मर्यादा की खातिर
सिर्फ अयोध्या खड़ी हुई
क्यों कि युगों से मेरी अयोध्या
जाने हाल हर घट पनघट का
समय चक्र के उलट पलट का
कवि हूँ मैं सरयू तट का
श्री विष्णु का हुआ प्रादुर्भाव
पृथु – समक्ष विष्णु ने रखा प्रस्ताव
इन्द्र को क्षमा करो महाराज
निन्यानबे यज्ञों के विध्वंसवान
क्षमा चाहते हैं देवराज |
अपराध क्षमा हो उस नटखट का
समय चक्र के उलट पलट का
कवि हूँ मैं सरयू तट का
निरखि नयन होत रसाल
दिव्य आनंद सोहत भाल
नारद ऋषि का करतल ताल
दमकत छवि माथे रसाल
आए द्वापर में दसरथ के लाल
और त्रेता देखा नन्द गोपाल
समय चक्र के उलट पलट का
कवि हूँ मैं सरयू तट का
‘मंगल ‘ ईश्वर लीला अपार
बोले राजन, करो सोच – विचार
साधु और सद्बुद्धिवान
होता मानव श्रेष्ठ -महान
जो शरीर को आत्मा नहीं समझते
वे जीवों से द्रोह नहीं करते
समय चक्र के उलट पलट का
कवि हूँ मैं सरयू तट का
मेरी गाय , से जो मोहित होता
ज्ञानी जन की सेवा से श्रम मिलता
ज्ञानवान की यही है पहचान
अविद्या ,वासना विरक्तवान
देह -गेह आसक्त नहीं
विवेकी पुरुष में भक्ति सही
समय चक्र के उलट पलट का
कवि हूँ मैं सरयू तट का
श्रद्धावान आराधना रत
वर्णाश्रम में पलकर
गर चित्त शुद्ध हो जाता
तत्व ज्ञान वही पाता
निर्गुण गुणों का आश्रय स्थान
आत्म शुद्ध से करो प्रकाश
समय चक्र के उलट पलट का
कवि हूँ मैं सरयू तट का
शरीर ,ज्ञान ,क्रिया – मन
जिस पुरुष को ज्ञात होता
आत्मा से निर्लिप्त रहता
वही मोक्ष पद ,प्राप्त करता
जो आवागमन को भूत हैं कहते
वह आत्मा से संबंध नहीं रखते
समय चक्र के उलट पलट का
कवि हूँ मैं सरयू तट का
जिसके चित्त में समता रहती
ईश्वर का वास वहीं रहता
मन और इंद्रिय जीतकर वह
लोक पर राज वही करता||
– सुखमंगल सिंह

“सहपाठी मिले “

March 18, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

फिर वही संगी हमारा फिर वही साथी मिले

हो जनम यदि पुनः तो, मुझे फिर वही सहपाठी मिले |

लड़ता ही रहता है वह हर समय हर मोड़ पर

संघर्ष में संग रहता सदर ,जाता न मुझको छोड़ कर |

हिम्मत -हौसले में है ,उसका तो शानी नहीं

एक सच्चा मित्र है वह ,चलता सबको जोड़कर |

उसका संग वैसे ही जैसे ,बृद्ध बृद्ध को लाठी मिले

हो जनम यदि पुनः ,तो मुझे फिर वही सहपाठी मिले ||

एक रिस्ता है जुड़ा वर्षों पुरानी दोस्ती का,

जिंदगी का एक रिस्ता होता जैसे जिंदगी का,

मीठी -मीठी बात जब तक मित्र से होती नहीं।

खाली खाली खुशियों का लगता है कोना जिंदगी,

प्यार में व्यवहार में फिर वही कद काठी मिले ,

हो जनम यदि पुनः ,तो मुझे फिर वही सहपाठी मिले ||

भोला भाला बन कर मुझको राह दिखलाता चले

जिंदगी है ,चलने वाला ,मीट यह भाता चले

समझ को भी लगे कि समझ समझाता चले

नदी को खुद में समेटे जैसे कोई घाटी चले

मित्रता की ‘मंगळ सदा चलती परिपाटी चले

हो जनम यदि पुनः ,तो मिले फिर वही सहपाठी मिले ||

अभियान नवगीत “

March 5, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

अभियान नवगीत ”
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बांधे सर पे मस्त पगड़िया
राह कठिन हो,चलना साथी
दुराचार ख़तम करने अब
उतार चलो काँधे की गाँती
आन ,बान और शान हमारे
अच्छे- सच्चे हैं वनवासी
दिलों – दिलों को दर्द बताने
महफिल – महफिल खड़ी उदासी
आँखें भर – भर उठती हैं
मां जब अपनी कहर सुनाती
बांधे सर पे …………….
जोते – बोये ,कोड़े -सींचे
धरती में अपना खून -पसीना
फसलें हरी भरी लहरायें
हर्षित हुआ कृषक का सीना
सभी घरों में पेट को भरते
बेटे ,पोते, नतिनी -नाती
बांधे सर पे………………
घर- आँगन का नन्हा बच्चा
नाचे ,झूमे और इठलाये
वहीं ,किसान का बेटा ,सीमा पर
हंसते – हंसते गोली खाये
संबंधों की स्मृतियों संग
आँखें खुली -खुली रह जातीं
बांधे सर पे मस्त पगड़िया
कठिन राह पे चलना साथी |
– सुखमंगल सिंह

रिश्तों का सम्मान

February 27, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता

भांप गया सत्य बात ,जो मानता नहीं
सच कहे ‘मंगल ‘देश में,दुश्मन बड़ा वही !
भूख – प्यास जकड़न भल ,भरमता कहा सही
पूजी मिली प्यार की ,ठुकराता चला कहीं |
सम्मान रिश्तों का नहीं ,उड़ान आकाशे बही
पास फेसबुक साथ लिए ,हताश जिंदगी रही !
मंगल रिश्तों का सम्मान ,निभाया जिसने नहीं
रचनात्मकता फीकी पड़ी,वह टिकता नहीं कही|| -SUKHMANGAL SINGH “

नव वर्ष

February 18, 2019 in गीत

“नव वर्ष की शुभकामनाएं ”
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नव वर्ष की शुभकामनाएं /
बच्चों में उत्साह जगाएं |
प्रांगन मंदिर संस्कृति अपनाएँ /
देवी को सुमधुर गीत सुनाएँ ||

भगवा ध्वज की पताकायें |
तिलक चन्दन टीका लगाएं ?
नव वर्ष धूम से मनाएं |
देवी को सुमधुर गीत सुनाएँ ||

शंख ध्वनि मृदंग बजाएं /
पुरुषोत्तम राम को याद दिलायें |
विक्रमादित्य का विक्रमी मनाएं /
देवी को सुमधुर गीत सुनाएँ ||

डा ० केशव राव जयंती जगाएं |
झूले लाल को भी ना भुलाएँ /
नव वर्ष की शुभकामनाएं |
देवी को सुमधुर गीत सुनाएँ || –
सुखमंगल सिंह

“चिड़िया”

November 19, 2016 in गीत

“चिड़िया”
चीं चीं करती चिड़िया आती
अम्बर ऊपर घोसला बनातीं |
पानी जहां पर वहाँ मडरातीं
औ जमी से उड़ -उड़ जाती |

”भौरे गायें “

October 31, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता


अब गीत कुसुम कमनीय सूना
मंद -मंद मत मुस्का
रंग -चित्र रच -रच के
इठला और बल खा |
तेरी -मेरी गढ़ी कहानी
उल्लासों से भरी जवानी
कविता में आ गई रवानी
हुआ सबेरा अब कुछ सोचो
क्षणिक विभव है पानी -पानी |
विमल धरा का रूप रंग रस
भू पर पैर की रही निशानी |
रसिक रसीले भौरे आते
प्रीति-प्रतीति पथ दिखलाते
यहाँ वहाँ उपभोग में लेकर
छले-डाले कहाँ तुम जाते ?
बन कोमल कमनीय- कलेवर
देवों के भी मन को भाते |
रसिकों का श्रृंगार सहज बन
आते-जाते औ इतराते
रसिक -रसीली रसिकाओं संग,
हार और उपहार बन जाते |
खुलकर गीत ‘मंगल ‘गाते
अपना रूप -आभार दिखाते ||
https://plus.google.com/collection/kFnskB

“हलाला देती बरबादी ?”

October 29, 2016 in Other

“हलाला देती बरबादी ?”
मुद्दा तलाक का तीन तलाक लाना |
बिना विचार किये महिला को हटाना ||
हजरत उमर का था वह रहा ज़माना |
तीन तलाक पर चालीस कोड़ा लगाना ||
किस्सा था पुराना जब दुल्हन का लाना |
खोलकर नकाब उसका घर उसे लौटाना ||
मजहवी बहाना करता रहा है मनमाना |
महिला को अधिकार जनता को दिलाना ||
उपयोग की वस्तु नही! बदला नव ज़माना |
तरक्की पसंद जहां है कुछ करके दिखाना ||
आओ मिल बैठकर परिवार को है बचाना |
परसनलला पुराना . तरक्कीनुमा खजाना ||
साहस से राहत मिले महिला हक़ है लाना |
हिम्मत ले आगे आ खड़ा है अपना ज़माना ||
तलाक की दंश झेलती अगले निकाह की तैयारी |
साहस में राहत मिलती हलाला देती है बर्बादी ||

“मैहर वाली माई”

June 30, 2016 in गीत

मैहर वाली माई के ,
मनावै के होई |
जागि जागी जगत के ,
देखावै के होई |
दुनिया में माई  को ,
बतावै के होई |
नारियल माला फूल ,
चढ़ावै के होई |
माँ की ममता गितिया ,
सुनावै के होई |
निमिया दरिया पालना ,
झुलावै के होई |
माई के चुनरी ,
चढ़ावै के होई |

ताला कहाँ लटकता

June 5, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

ह्रदय में ताला कहाँ लटकता ,मन में केवल भ्रम पलता है |

आश्वासन में दुनिया चलती ,आमंत्रण मरण मात्र बेचैनी |

नजरें मंजिल पर टिकी हुई ,संवाद हकीकत हो जाता है |

स्याही सूख गई हों तो भी ,यह दिल तो एक समंदर सा है ||

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