सिर्फ़ कहने से ना बात बनेगी
सिर्फ मिलने से ना बात बनेगी सिर्फ़ कहने से ना बात बनेगी गर दिल में नही है प्यार आपके बात कभी भी फिर यह ना…
सिर्फ मिलने से ना बात बनेगी सिर्फ़ कहने से ना बात बनेगी गर दिल में नही है प्यार आपके बात कभी भी फिर यह ना…
कहने को होंगे हजारों दीवाने यहां यहां जाने होंगे कितने परवाने यहां दिल जो सिर्फ़ आपके लिए हो बना ख़ुद ही देगा अपनी आवाज़ सुना…
ღღ__कम उम्र में ही ज्यादा, तजुर्बे हो जाने का ये खतरा है “साहब”; . कि फिर वो उम्र तो रहती है, मगर कोई बच्चा नहीं…
उम्मीद की शमाँ जलाए रखना हमारे आने की चाह लगाए रखना …… यूई
शायद कभी मिल ना पाएँगे आपसे ख्यालो से जुदा ना हो पाएँगे आपसे …… यूई
बंधा है मन मेरा खयाल में जो आपसे हुआ है यह बे-खयाल हर जमाल से …… यूई
कहने को बस है यह रिश्ता खयाल का इससे बेहतर क्या होगा इश्क खयाल का …… यूई
ख्यालोँ में कभी सोचा किए थे आपको ख्यालोँ मे ही बँध गया यह मन आपसे …… यूई
दफनाते हुए मेरी कबर के अन्दर आईना एक उलटा लटका देना सूरत जो ज़िन्दगी भर देखी उसमें सकू्न वह मौत में भी दिला जाएगी …
जब भी कोई शिकायत होते है तुमसे आईना उठा के ख़ुद मिलता हू खुदसे अकसर तो वो शिकायत ही नही बचती रह भी जांए अगर…
मैं तो ता-उमर दिखाता रहा हूँ तुझको तेरा जो था असली चेहरा तुमने ना माना अपना उसको चेहरा तुझको था पसंद तेरा नक्ली चेहरा …
आईने को तोड़ने से क्या होगा सच्चाई से मुँह मोड़ने से क्या होगा इन दोनों से आँखें मिला कर देख ज़िन्दगी की सच्चाई अपना कर…
बाहर सब यह जो हमारे दिखता हमको अन्दर हम जैसे वैसा सब दिखता हमको यह जो जमाने से है शिकायतें लाख हमको जमाने के दिल…
ღღ__ये ज़िन्दगी अक्सर, ज़िद से नहीं चलती “साहब”; . कुछ धडकनों की खातिर, दिल से समझौता ज़रूरी है!!….#अक्स
कौन जाने कब वोह आखिरी शाम आए जिसके बाद ना ज़िन्दगी की शाम आए …… यूई
लोग दोनों सूरतों में खूब हाथ मिलाते हैं उपर उठे हुए इनसान को नीचे गिराने में और उपर उठ गए इनसान को उठाने में ………
जिंदा रह के कभी जी ना पाए मौत के फलसफे वो समझाते हैं जिंदा हो के जो ख़ुद ही डूब गए वो मर के हमें…
ढूँढने की ऐसी लगी है आदत इसको कुछ ना कुछ ढूँढने में लगा है आदमी पल पल यह है कुछ ना कुछ ढूँढता जब कुछ…
अबके किस्मत होना खराब पिछले कर्मो का है हिसाब अबके नीयत होना खराब करती हैं अगली किस्मत खराब ……. यूई
रूह प्यासी रह जाते मेरी गर तेरे संग ना मर पाता ……. यूई
आपके प्यार करने का यह अंदाज़ खूब निराला है आपने नज़र उठाई भी नही और हमसे आँखें चार हो गई ……. यूई
खूब मिला है सिला मुझे तुझे दिल में बसाने का गलतियों तेरी के इल्ज़ाम लगते मुझ पे हैं सभी ……. यूई
सन्नाटे रात के हुए मेरे अपने से बेचेनीयाँ दिन की हुई पराई सी गहन अंधेरों में कर मिलन ख़ुद से खुदी की राह् मिली थी…
ना नज़ारो की बात करता हूँ ना हज़ारो की बात करता हूँ जिसने तराशे है यह नायाब हीरे उसमें मिलने की बात करता हूँ …….…
ღღ__ये भी हो सकता है मुझको, फिर से वहम हुआ हो “साहब” . फिर भी पूछ लो ना दिल से, क्यूँ मुझे आवाज़ देता है!!…#अक्स…
जिसने ना खुद के दिल की आवाज़ सुनी उसने फिर ना ता–उमर कोई राह् चुनी ……. यूई
इंसान ख़ुद ही ख़ुद का है सबसे बड़ा है शिक्षक भटक जाए तो है ख़ुद ही ख़ुद का सबसे बड़ा भक्षक ……. यूई
मैंने पूछा कैसे ए मालिक तेरा नाम मिलेगा मालिक बोला, नाम मेरा ले कर क्या मिलेगा जां बंदे कर सेवा मेरे बंदो की उसमें ही…
सबने ज़िन्दगी का फल्स्फा समझाया पानी है बस शोहरत और दौलत यह है बस मेरे आने का मकसद इसी को पाने से मिलेगा सब आराम…
दर दर पे मैं सदियों भटका हूँ अब जा के तेरे दर पे अटका हूँ खोल दर अब मुझे पनाह दे दे अपने दिल में…
मेहंदी रचे हाथों से मिली उस आपकी आखिरी अलविदा को, हमने दिल से यूँ मान लिया हाथ जोड़ तुम्हारा दिल रख तुम्हारी कब्र की बगल…
जबसे तुमने हमसे मुँह फेर लिया हमने तेरे घर का रास्ता छोड़ दिया हाँ कुछ मयकदो को घर बना लिया अब रिश्ता है यह पूरी…
तेरे होंठों पे सज जाऊँ मैं दुआओं की तरह आवाज़ तेरी में बस जाऊँ मैं आयत की तरह दिल तेरे में रच जाऊँ मैं तेरी…
दिल में रहते हो तुम घर है यह सिर्फ तुम्हारा बसते थे यहां सदा तुम बसेरा रहेगा स्दीवी तुम्हारा जाना हे तो जांओ पर ना…
. ღღ__ख़ानाबदोश-सी ज़िन्दगी ही, लिखी है नसीब में “साहब”; . कुछ लोगों का इस जहाँ में, अपना ठिकाना नहीं होता!!…..#अक्स .
ღღ__इंतज़ार लम्बा ही सही “साहब”, पर मैं समझौता नहीं करता ; . हमसफ़र वो ही बनेगा मेरा, जिसे भी मेरी ज़रूरत हो!!…..#अक्स
ღღ__सुना है कि तुमको, बहुत ख़याल है मेरा “साहब”; . मैं भी जा रहा हूँ खुद को, तेरे पास छोड़ के आज!!….#अक्स
तंग दिली के इस माहौल में जगह कम हो गई हर जगह दिल दिमाग आँगन और सीना तंग हुआ इनसान का हर कोना ………
बाहों की पनाहो से हमें ज़ुदा कर गए दिल की दीवारो से भी विदा कर गए मज़बूरीया रही होंगी ज़रूर कुछ ज्यादा यादों के झरोखों…
तेरी ज़ुल्फों की पनाहो में हो गुम बुने थे जो प्यार के हसीन सपने जो थे दिल के इतने क़रीब अपने जाने हो क्यों ना…
जिसने ख़ुद के दिल की ना आवाज़ सुनी ता-उमर उसने ना फिर कोई सही राह चुनी …… यूई
प्यार है कलियो की गुन गुन प्यार है पपीहे की झुन झुन …… यूई
प्यार है मेरी धरती, जिसपे छाया है आसमान तेरा प्यार वोह ब्रह्मांड मेरा, छा गया जिसपे मन तेरा …
प्यार वोह जो ज़िन्दगी दिखलाई तूने, प्यार है वो ज़िन्दगी जो जिवाई तूने …… यूई
प्यार है पहचान मेरी, प्यार है पहचान तेरी प्यार है रुबायी तेरी, प्यार है परछाई तेरी …
प्यार है दुखिया को हँसना प्यार है भूखे को खिलना प्यार है बच्चो को पढ़ाना प्यार है वफ़ा को निभाना …… यूई
प्यार वफ़ा का वोह गीत है, जो लुभा हमें बार बार गया हर बार यह खूब गाया गया संगीत यह सबका मनमीत है …
तलाक क्या सच में ही होता है इतना आसान चंद तारीखे कुछ ज़िरहे दो दस्तखत खोल दी गिरहे बस निकल लिए पकड़ ख़ुद की राहे…
दोस्त कहा से इतना दर्द लिया लपेट यह विष का जाल लिया अब इस ज़हर को कैसे दहन करू राह् और कोई तो नज़र ना…
जिंदा दिखते हैं सब यहा है जिंदा यहा पे कोई नही मुर्दों की बस्ती के बाशिंदे है है जिंदा यहा पे कोई नही ………
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