“आगाज़” #2Liner-32

ღღ__आगाज़ तो इस बरस का, लाजवाब हुआ है “साहब”; . बस यही अन्दाज़, मेरे अन्जाम तक बनाये रखना !!……#अक्स . समस्त मित्रों एवं शुभचिंतकों को…

#2Liner-30

कुछ तो खता तुम्हारी, बेशुमार यादों की है ‘साहब’; . ღღ___यूँ ही बे-सबब कोई, आवारा नहीं होता !!…….‪#‎अक्स‬

“ख्वाहिशें” #2Liner-24

ღღ__शायद ये आँखें मूँद लेने का, सही वक़्त है “साहब”; . कि रोज़ ख्वाहिशों का मरना, हमसे अब देखा नहीं जाता !!……‪#‎अक्स‬ . www.facebook.com/अन्दाज़-ए-बयाँ-with-AkS-Bhadouria-256545234487108/

“बेबसी” #2Liner-23

ये सर्दियों का मौसम, और ये तन्हाईयों का आलम; . कहीं जान ही ना ले-ले, इनसे मिलके बेबसी मेरी !!……‪#‎अक्स‬ . www.facebook.com/अन्दाज़-ए-बयाँ-with-AkS-Bhadouria-256545234487108/

“याद” #2Liner-22

ღღ__इस कदर भी याद, ना आया करो “साहब”; . मेरी खुशियों की नींद में, खलल पड़ता है !!…….‪#‎अक्स‬ . www.facebook.com/अन्दाज़-ए-बयाँ-with-AkS-Bhadouria-256545234487108/

“अजनबी” #2Liner-18

ღღ__हमको सताने के मौके, वो छोड़ते नहीं हैं “साहब”; . कल ख़्वाब में भी आए, तो अजनबी बनकर !!…….‪#‎अक्स . www.facebook.com/अन्दाज़-ए-बयाँ-with-AkS-Bhadouria-256545234487108/

“इन्तजार”

“इन्तजार” ! बहुत ‘मतलबी’ लफ्ज़ है ना ‘साहब’ ?? ღღ__रख लो तो अमानत, दे-दो तो इक ज़मानत; . ღღ__चाहो तो मोहब्बत, सोचो तो सिर्फ नफ़रत,…

उसके चेहरे से …

उसके चेहरे से नजर हे कि हटती नहींवो जो मिल जाये अगर चहकती कहीं जिन्दगी मायूस थी आज वो महका गयीजेसे गुलशन में कोई कली…

कौन कहता है

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को…

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