“आगाज़” #2Liner-32

ღღ__आगाज़ तो इस बरस का, लाजवाब हुआ है “साहब”;
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बस यही अन्दाज़, मेरे अन्जाम तक बनाये रखना !!……#अक्स
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समस्त मित्रों एवं शुभचिंतकों को नूतन वर्ष २९१६ की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

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