ღღ__शायद ये आँखें मूँद लेने का, सही वक़्त है “साहब”;
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कि रोज़ ख्वाहिशों का मरना, हमसे अब देखा नहीं जाता !!……#अक्स
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Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: 2liner, couplets, शायरी, हिन्दी शायरी

Ankit Bhadouria
A CA student by studies, A poet by passion, A teacher by hobby and a guide by nature. Simply I am, what I am !!
:- "AkS"
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Bhut khoob……
thanks a lottt bhai
umda kavya..
shukriya Panna ji 🙂
waah 🙂
thank uuu 🙂
nice 🙂
बहुत ही लाजवाब
बहुत ही रुमानी पंक्तियां