घर की कैद

इस घर की कैद ने भी क्या खूब काम किया बिखरी तस्वीरों को करीने से सजा दिया फिर से याद आए वह पुराने साथी कुछ…

tera sath

जब हम साथ होते हैं हाथों में हमारे हाथ होते हैं दुनिया की उलझनों से दूर सिर्फ हम और हमारे जज्बात होते हैं❣️❣️

मनोभाव

सब कुछ कहां कह पाते हैं कुछ शब्द अधूरे रह जाते हैं कुछ बातें मन में आती हैं कुछ मन में ही रह जाती हैं…

मां

क्या लिखूं तुझ पर ? तू खुद शब्दों की माया है, खुद ना आ सका विधाता इसलिए तुझे भिजवाया है। Happy mother’s day

सावन

जब से सावन मेरी जिंदगी में बहार बनके आया तब से हम कविताओं को अपने डायरी में जगह नहीं देते।

बदनाम

देखते देखते हम बदनाम हो गए देखते देखते हम सिरफिरे और नाकाम हो गए, कल कहते थे हम जिंदगी है उनकी आज उनके लिए हम…

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