नारी
धरा पर जब जब बढ़ता अत्याचार, नारी धारण करती रूप विकराल। खुद से करके नारी सोच विचार, पाप के अन्त के लिए उठाती भाल।। ✍महेश…
धरा पर जब जब बढ़ता अत्याचार, नारी धारण करती रूप विकराल। खुद से करके नारी सोच विचार, पाप के अन्त के लिए उठाती भाल।। ✍महेश…
ज्ञान की दो चार बातें सीखकर इंसान, मां वीणावादनी का करता दुत्कार । सीख पढ़कर शब्दों का वर्ण संसार, अपने ज्ञान को समझता इंसा महान…
कितना भी बना लो शिक्षा को व्यापार, मां वीणावादनी करेंगी अपने बच्चों पर उपकार। शीश आशीष ज्ञान का भण्डार मन मस्तिष्क में भरकर, करती रहेंगी…
शिक्षा को शिक्षा ही रहने दो, मां सरस्वती मुझे वर दो । सौदेबाज शिक्षकों को दण्डित कर, हे हंसवाहनी मेरे उर का तम हर दो।।…
झूठ फरेब की कलंक से कलंकित होती मां, कण्ड ज्ञान का भण्डार देकर खाती अब मात। हिंद के सिपाही थाम लिए अंग्रेजी का हाथ, दाग…
ज्ञान कि देवी सुर कण्ठ वरदायनी, शत् शत् नमन तुम्हें करें हम सब । जीह्वा पर हम सबके करती हो वास, हे वीणावादनी नमन करें…
शत् शत् नमन करेंगे गुरूवर, शिक्षा का वरदान दे दो । मां सरस्वती को प्रणाम करके, विद्या दान का संकल्प हमें दे दो।। ✍महेश गुप्ता…
मन्दिर बन्द है फैक्टरी बन्द है बन्द है कारोबार। घर में सोना बाहर कोरोना जीना है दुश्वार।।
जनताओं को कैद कर दो’कोरोना के नाम पे। बिजली पानी भी मुफ्त करो कोरोना के नाम पे।।
रंग बदलती दुनिया में बेरंग पड़ा है सबका जीवन फूलों से थोड़ा रंग चुरा कर तितली से थोड़ा रंग चुरा कर भर लो अपने जीवन…
इस घर की कैद ने भी क्या खूब काम किया बिखरी तस्वीरों को करीने से सजा दिया फिर से याद आए वह पुराने साथी कुछ…
चलो दर्द को भूल जाते हैं हंसी की ट्रेन पकड़ कर खुशी के संसार में जाते हैं पुरानी यादों में से ‘कुछ’ को चुनकर फिर…
जब हम साथ होते हैं हाथों में हमारे हाथ होते हैं दुनिया की उलझनों से दूर सिर्फ हम और हमारे जज्बात होते हैं❣️❣️
छोटा सा एहसान कर के लोग ताउम्र जताते हैं कितने मासूम है वह मां-बाप जो सब कुछ करने के बाद भूल जाते हैं….
बदले तो वो थे ….. इल्जाम हम पर लगा बैठे हमने तो ख्वाब सजाए थे वो तो उनको ही जला बैठे।
सब कुछ कहां कह पाते हैं कुछ शब्द अधूरे रह जाते हैं कुछ बातें मन में आती हैं कुछ मन में ही रह जाती हैं…
तुम कृपाण रखते हो तो मैं भी कटार रखती हूँ। तुम एतवार रखते हो तो मैं भी प्यार रखती हूँ।।
बेशक़ कड़ा है लोहे का फिर भी है चूड़ियों का भाई। भाई वीर कहलाता है तो बहना क्यों कहाती अबला दाई।।
जब भी देखता हूँ मैं इस रोटी के खुरचन को तो माँ आ जाती है यादों में। तवे पे रोटियाँ बनाती जब जला -जला के…
मां की लोरी बड़ी सुहाती, मां की ममता याद दिलाती। मां अपनी सर्वस्व अर्पण करती, मां अपने हिस्से की निवाला खिलाती।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
मां की ममता बड़ी सुहानी लगती है सबसे न्यारी । बचपन को मेरे सिंच रहीं है बनाकर फूलों की क्यारी, दुध पिलाकर गले लगाकर पलकों…
कांप उठे दुश्मन सुनकर नाम महाराणा का, थर थर कांप उठे देख वीरता महाराणा का। देश के लिए समर्पित प्राणों का दिया आहुति, जयकारा लगाओ…
मां की गोदी में खेलकर बड़ा हुआ, मां के क़दमों को चूमकर खड़ा हुआ। दुध पीकर मां का आंचल का मुझे प्यार मिला, मां के…
फूल खिले हैं डाली डाली भक्तों के हाथ में माला है। तुम तक कैसे पहुँचें भगवन मन्दिर में लटक रहा वस ताला है।।
कोरोना भगाने को हम सब घर में बन्द रहे दिन पचास। कोरोना तो भागा नहीं अब घर भी बन गया एक वनवास ।।
कर्ण ने कवच कुण्डल दान किया दानवीर कहलाने के लिए। दधिचि ऋषि अश्थि तक त्यागे आखिर क्या पाने के लिए।
रंगमंच पर हर किरदार अपना एक महत्व रखता है। गूंगा बनकर चार्ली चेप्लिन दुनिया को खूब हँसता है।।
जो रोने भी ना दे बन के आँख का आँसू बरसे वो प्यारी माँ होती है
क्या लिखूं तुझ पर ? तू खुद शब्दों की माया है, खुद ना आ सका विधाता इसलिए तुझे भिजवाया है। Happy mother’s day
जब से सावन मेरी जिंदगी में बहार बनके आया तब से हम कविताओं को अपने डायरी में जगह नहीं देते।
दिन अरतालिस बन्द रहे सब घर के भीतर काम काज सब छोड़ व्यापार। फिर भी कोरोना जालिम बन हो गया बन्धु साठ हजार।।
कुछ खट्टी कुछ मीठी बातों को सुनने और सुनाने को जी करता है मेरा जब भी तेरी आँचल में आ जाता हूँ। तू जननी है…
देखते देखते हम बदनाम हो गए देखते देखते हम सिरफिरे और नाकाम हो गए, कल कहते थे हम जिंदगी है उनकी आज उनके लिए हम…
सोच विचार करते करते, जीवन की नैया डुब गयी। बैठ कर गलतीयां गिनते गिनते, बटोही आधी उम्र बीत गयी ।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
राह में चलते चले मनु, खुद को खुद से ढ़ो रहें। सोच विचार करके मनु, अपने आप को खो रहें।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
खोल यादों की पोटली सोच विचार कर रहें, मानव अपने कर्मों पर गहन विचार कर रहें। कैसी ये मुफलिसी है छायी मेरे चेहरे पर, अपने…
आ बटोही बैठकर कुछ स्मरण कुछ चिंतन करें, यादों की पोटली खोलकर आ बटोही मंथन करें। कुछ तेरे कुछ मेरे सपनों का आ बटोही हवन…
ये दोस्त ये रास्तें ही मेरी मंजिल है, मेरे दिल का जज़्बात ही मेरी साहिल है। सोच लेता हूं कभी अपना गुजरा हुआ कल, मेरा…
मन की चिंता है हितकारी, कभी ना भागो मेरे भाई । सोच विचार ही लाता परिणाम, इसे देख ना घबराओ भाई ।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
सोच विचार की दोस्ती देता ताउम्र साथ, मित्र के सोच को समझ कर ही बढ़ाओ हाथ। दोस्ती का बंधन टिकता विश्वास के साथ, धुर्त चोर…
राह भले हो लम्बी अपनी, सोच विचार करके है चलना। देखकर टिमटिमाते हुए तारें, प्रेम की बंशी बजाते है रहना।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
चिंता हो या चिंतन करो सोच समझकर, ना पगलाओ तुम ना पागल करो मुझे। दिग्गज के चक्कर में ना करो जीवन नर्क, शान से जीयो…
जीवन एक अलौकिक धारा, सदैब पानी संग बहते रहना। लुटाकर अपने अनोम विचार, सोच समझ कर बढ़ते रहना।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
काला चश्मा पहनकर चलते सतरंगी चाल में, खुद से खुद बातें करते फंसते देखो जाल में। बात के जंजीरों में जकड़ पीसते देखो जात में,…
हकिकत को पहचाने का तजुर्बा है, झूठ को ठुकराने का हौसला है । सोच विचार से निकलता है मार्ग, धूर्त मक्कार सदैव फिसलता है।। ✍महेश…
खोटे सिक्के को यूं ही सरेआम जलील मत करो यारों, कभी खोटा सिक्का भी बादशाह हुआ करता था, बस वक्त वक्त की बात होती है,…
त्याग बलिदान करके जो धर्म का प्रसार किये, भटके मुसाफिर को बुध्द ने राह दिखाये । शत् शत् नमन है बुध्द के स्वर्णिम विचार का,…
धन दौलत की चाह में, काट रहा गला इंसान राह में। अपना पराया का कर ना पाया भेद, हवस की खोपड़ी भरने के चक्कर में।।…
हाथ बढ़े है देखो सकड़ौ, धन के पोटली के चाह में। एक दुसरे को धकेल कर, भटक रहें है देखो कितने राह में।। ✍महेश गुप्ता…
सत्य कि राह दिखाते बुध्द, बिछड़ों को मिलाते बुध्द । परेशान आत्मा को गले लगाकर, दुःख दर्द को सारे हर लेते बुध्द।। ✍महेश गुप्ता जौनपुरी
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