क्रांति की धारा
मेरे देश मुझे तेरे आंचल में अब रहने को दिल करता है जो जख्म दिए अंगारों ने उसे सहने को दिल करता है कांटो पर…
मेरे देश मुझे तेरे आंचल में अब रहने को दिल करता है जो जख्म दिए अंगारों ने उसे सहने को दिल करता है कांटो पर…
🌺”प्रेम एक पूर्ण शब्द है अपूर्णता से पूर्णता की ओर ले जाने वाला। जितना अधूरा उतना कामयाब अखंड ज्योति सा हृदय में उम्र भर सुलगने…
ज्यादा मजबूत हृदय का दावा करने वाले अक्सर बंद कमरे में रोया करते हैं। निमिषा सिंघल
पलके तेरी झुकी थी, ओठों पर था तुफान। संग चलने का इरादा किया, मुझ पर था एहसान। इस कदर एक साथ में चलें, हर मुश्किल…
निश्चित छोड़ अनिश्चित को धावे । मुट्ठी से निश्चित खोवे अनिश्चित हाथ न आवे । “विनयचंद “धैर्य बिना क्या पावे?
हमने बुलाया भी नहीं तो तुम आये भी नहीं ये दिल तो तुम्हारा आशियाना था हमनें रोका भी नहीं तो तुम ठहरे भी नहीं
वक्त का मारा हूं,हालात का मारा हूं मौत भी आ जाए तो गम नहीं ए दोस्त! मैं तो जिंदगी का मारा हूं
गुजरे कल की बातें लेकर तुम भी क्या बैठे रहते हो नया साल आने वाला है तुम आज भी कल में जीते हो।
जीने को यूँ जीती हूँ जैसे कोई गुनाह किये जा रही हूँ मैं। गीत भी गा रही हूँ, ईद भी मना रही हूँ। ज़िन्दगी की…
खुश रहने की वजह ढूंढ़ोगे, तो कम ही मिलेंगें। यहाँ हर चेहरा हस रहा बाहर से, पर अन्दर तो गम ही मिलेंगें।। झाँक कर देखोगे…
फूलों से भी ज्यादा कोमल है ह्रदय शब्दों के बाण से मत छेदो प्रेम की रसधार से जीवन की बगिया सींचो
क्यों छोटी -छोटी बातों को बड़ा बनाते हो? भोली-भाली जनताओं से बगावत कराते हो।। क्या कभी जनताओं को सत्य से रुबरू कराते हो? कोड़े कागज…
ममता का आँचल सर पर हरदम रख लेती है! मुझको ज्यादा देकर वो खुद कम रख लेती है! माँ से बढ़कर कोई नई है इस…
ना कोई मुकदमा, ना कोई सुनवाई। ना कोई चीख पुकार, ना कोई दुहाई। तुरंत फैसला और मौके पर ही न्याय, दुष्कर्म के ख्याल से ही…
इश्क़ अधूरा है क्यों अब तलक हमारा उजालों को नफरत है क्यों, फैला है अँधेरा इश्क़ में जलकर, चलो चांदनी रात करें आओ हम मोहब्बत…
क्या आरजू है दिल की क्या बताएं बस इक आह है जो दिल में बसी है
हे लक्ष्मी तुम कितनी चंचला हो? खुद भी नहीं ठहरती एक जगह पर और औरों को भी भटकाती। घर से दफ्तर जाकर भी भटके भर…
आँसुओं से भीगे हुए, तकिये को हटा लो, तुम आस के रूठे हुए, पंछी को बुला लो, अन्मनी रातों के चांद बुझा दोगे तुम, ये…
शब्दों से शब्द निकलते जाते हैं, रिश्ते रिश्तों को समझते जाते हैं, चलती है इसी रफ़्तार से ज़िन्दगी, राही हम सब आगे बढ़ते जाते हैं।।
चुप मत रहो इतना के नाम गुम नाम हो जाये, तुम्हारे हिस्से की ज़मी किसी के नाम हो जाये, नाकामयाबी के सफर से बाहर निकल…
बत्ती लाल नीली पीली का फर्क जानते नहीं, कुछ मेरे देश के युवा खुद को पहचानते नहीं, जिंदगी के चौराहे पर खड़े ट्रैफिक हवलदार, जैसे…
सावधान करती हूं कवियों को ना लेना पड़ जाए लिखने से जोग हवा झूठ की चल पड़ी है सच्चे शब्दों से रुठे हैं लोग. कितना…
उड़ने नहीं दोगे आज तो कल उड़ना भूल जाएंगे, परिंदे अपनी ही शाख से मिल जुलना भूल जाएंगे, घर बनाने के हुनर के साथ जो…
अपनी ही आजादी के आदी बन गए जाने हम क्यों बागी बन गए बेबसी की रस्सी पर लटक कर कई ख्वाब मेरे खुदकुशी कर गए.…
अपने को आप से मिलाने का जरिया है आईना । जज्बातों से लड़ने का दरिया है आईना ।।
ठोकर लगने पर भी आगे मैं बढ़ता जाऊंगा कैसा भी हो कामयाबी का रास्ता हर तरीके को अपनाउँगा जरूरत पड़ी तो खुद को मैं जलाऊंगा…
अगर धर्मात्मा इतने ही हो तुम तुम्हें पूरा हिंदुस्तान दिलवाएँगे पर करनी होगी देश की सेवा हर गली में नारा लगवाएँगे तुम बस भड़काने वालों…
इंतज़ार मे सब खड़े है जाने क्या निकलेगा अयोध्या की गहराई में. जैसे-जैसे खुदाई गहरी होती जाती है लोगों के दिल की धड़कन बढ़ती जाती…
राम – राम कहके ही मिलना अच्छा लगता है, राम – नाम का धागा ही एक सच्चा लगता है, पृथ्वी पर आने जाने का एक…
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किताबें दोस्त थी मेरी, दुख सुख की साथी, अकेलेपन में किसी की कमी ना खलने देने वाली, हंसती मुस्कुराती। मुझे जहां भी कोई किताब मिल…
सोचो अगर हर जीव खुदगर्ज हो जाता पल पल हर पल थम सा जाता ना पेड़ देता फल कोई वह पेड़ पर ही सड़ जाता…
उड़ चलता है हर पक्षी घोंसला बनाने होते ही उम्मीदों का सवेरा श्याम को थक्कर ढूंढता फिरे अपना ही रैन बसेरा भटकती फिरे हर मधुमक्खी…
बाला घट भरने चल पड़ी भौर की लालिमा नभ मे बिखर पड़ी पगो से रोंदते हुए ओंस की बूँद बाला पनघट की ओर मुड़ चली.…
मेरे घर के सामने मजदूरो का जमावड़ा लगा था ईंटो का ढेर बड़ा था शायद कोई बंगला बन रहा था. कोई मजदूर ईंटे ढो रहा…
जीवन की राह को नंगे पैर ही नापना पड़ता है मिटटी की गर्मी को छूकर ही भापना पड़ता है चलते चलते कभी रेत के टीले…
मन्दिर बांटा मस्जिद बांटा बांट दिया संसार, बोली भाषा रहन सहन बांट दिया इंसान , जाति धर्म मजहब बांट दिया भगवान , ईश्वर अल्ला का…
हौसले कि उड़ान अभी बाकी है , मेरे जज़्बातों का ख्याल अभी बाकी है , चन्दा मामा हम फिर से आयेंगे , अभी मेरे दिल…
तू होनहार था तू सबसे होशियार था सबका तू गुरुर था अपनी प्यारी सी जिंदगी मे सपना तूने भी कोई देखा तो जरूर था झुक…
जब तू पालने मे खेलता था कई खिलोने तेरे सराहने रहते थे खुश होती तुझे देख- देख मेरे नन्हे हाथ तेरे सर को सहलाते रहते…
वो आतिशबाजी किस काम कि जो कानो को बहरा कर दे अगले ही दिन प्रदूषण से वातावरण को धुए से भर दे. मै तो चाहूँ…
हम अपने घरों का का कोना कोना चमकाते है ताकि अच्छे से मना सके दीपावली का दिन और कितना कूड़ा फैला देते है दीपावली के…
औरत तेरी कहानी जैसे बहता पानी महानता तेरी जगमानी वेग है तू जबरदस्त तूफानी. पर्वतों मे तू नदी वेगवाहिनी मैदानों मे तू स्थिर विरानी खेतो…
गलियों मे चुनाव प्रचार के ढ़ोल आजकल बजते रहते है वोट मुझे ही देना भाई, सभी यही कहते है मीठा बोलने से उनके, भावनाओ मे…
जीवन बहुत कठिन है गरीबो का आगे बढ़ना मुश्किल है शरीफों का सीखना जरुरी है जीवन के सलीखो का डटकर खंडन करती हूँ बेईमान तरीको…
मैं तेरी सूरत का दीवाना हूँ कबसे। मैं तेरी चाहत का अफ़साना हूँ कबसे। अंज़ामें-बेरुख़ी से बिख़री है ज़िन्दग़ी- मैं तेरे ज़ुल्मों का नज़राना हूँ…
आज बहुत सुन्दर लग रही हो तुम इस चाँद से चेहरे पर कुछ कहना चहुँ तो पहले ही शर्मा कर हाथो से चेहरे को ढक…
आलसी लोग जो ना मेहनत करते दिन के उजयारो मे देखा रात को स्ट्रीट लाइट के निचे पड़ते एक बच्ची को अंधरे गलयारो मे. सर्द…
हिमालय ताज सर पर सजा डटकर खड़ा अम्बर में सटा स्थिरता जिसकी पहचान है ऐसा ही हर भारतीय का रुझान है क्योंकि इस देश का…
दिल और दिमाग के बीच सन्तुलन बैठाना मुश्किल था, पहली बार देखा था उसे अमलन छुपाना मुश्किल था, अकेले ही काटी थी यूँही राहों पर…
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