by kamni

खामोश जब मैं हो जाऊंगा

August 26, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

खामोश जब मैं हो जाऊंगा।
न फिर तुमको नज़र आऊंगा।

अब तो कहते हो चले जाओ;
यादें मगर ऐसी मैं दे जाऊंगा।

बदल जाएगा वक्त और हालात;
हर जगह नज़र पर मैं आऊंगा।

कैसे कह दोगे नहीं रिशता बाकि;
दिल से जब न निकल कभी पाऊंगा।।।
कामनी गुप्ता ***
जम्मू !

by kamni

गीतिका

August 13, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

जीवन तो है आना जाना।
अपने फर्ज कभी न भुलाना।
अपने वतन पर मिटेंगे हम
कभी न कदम पीछे हटाना।
जो जां काम न आए वतन पर
कैसे मां रा कर्ज चुकाना।
आओ कदम बड़ाएं मिलकर
देश को यूं आगे बड़ाना।
तिरंगा घर घर लहराएगा
दुश्मन का न तुम खौफ खाना।।।
कामनी गुप्ता ***

by kamni

स्वतंत्रता दिवस

August 13, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

हो गए आज़ाद मगर क्या खोया क्या पाया है।
आज़ादी के पंखों पर आतंक का गहरा साया है।
शहीदों को श्रद्धांजलि सच्ची होगी यही अब के,
कम न होने देंगे आन,शान अपना यही सरमाया है।
जागो खुद भी नव चेतना ऐसी जगाओ तुम,
आपस में लड़ कर हर किसी ने खुद का घर जलाया है।
एक हैं हम एक रहेंगे यह नारा भी लगाना है,
लहु वीरों का बहते देख दिल अपना भर आया है।
न हो जाया कुर्बानी अब वतन के शहीदों की,
घर घर तिरंगा लहराएगा बच्चा बच्चा दोहराया है।।।
कामनी गुप्ता ***

by kamni

बाल कविता (जिस दिन सरहद पर जाऊंगा)

August 13, 2016 in Other

बन सिपाही जिस दिन सरहद पर जाऊंगा
दुशमन को फिर उस रोज़ मज़ा चखाऊंगा
मां तुम रोना मत गर वापिस न आऊं मैं
देश का अपने पर देखना मान मैं बढ़ाऊंगा
जब तक रहेगी आखिरी सांस बाकि मेरी
चुन चुन कर सबको सरहद से भगाऊंगा
तेरा बेटा हूँ मां तुझसे ही तो सीखा है
जीवन अपना देश को अर्पण कर जाऊंगा।।।
कामनी गुप्ता ***

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