Rajneesh
Khwahish
November 5, 2019 in शेर-ओ-शायरी
Teri aankhe jaise koi samndar lagta hai
Mai rah jau yesa ghar lagta hai
वही पुरानी तसल्ली
July 3, 2019 in शेर-ओ-शायरी
खूब निभाया था जिसने वो मुश्किल की बात थी
मिला मुकद्दर मे जो मेरे meri औकात थी
Rajjneesh
वही पुरानी तसल्ली
July 2, 2019 in शेर-ओ-शायरी
वो जो कमी थी मैं काबिल न हुआ,
मेरे नसीब मे मुहब्बत कभी काबिल न हुआ।
Rajjneesh
वही पुरानी तसल्ली
July 2, 2019 in शेर-ओ-शायरी
तेरे मुहब्बत मे न जाने कितने तराने थे,
मै आशिक था जब तेरे फ़साने थे।
वही पुरानी तसल्ली
June 29, 2019 in शेर-ओ-शायरी
सो जाते हैं जो सोचकर,
उन्हे ख्वाब नहीं मिलता।
जिनकी परछाइ होती है मुहब्बत,
उन्हे जवाब नहीं मिलता।
वही पुरानी तसल्ली
June 29, 2019 in शेर-ओ-शायरी
हुई थी खता हमसे,
हमारा ही वो नजर था
रखा था कदम जिस गली मे, वो गली ही उनका शहर था।
By Rajjneesh
वही पुरानी तसल्ली
June 29, 2019 in शेर-ओ-शायरी
देखते हो उस शख्स को तुम,
By जिसे तुम शाद करते हो।
नाम मुहब्बत रहता है बस , Rajjneesh
बाकी तुम बर्बाद करते हो।
वही पुरानी तसल्ली
June 29, 2019 in शेर-ओ-शायरी
बहती है हवा रातों को,
तो कभी चमकता सितारा होता है।
होती है मोहब्बत जिसे बार बार,
उसे बेवफ़ाई का सहारा होता है।
By Rajjneesh
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
फ़ुर्सत मिले तो पढ़ लिया करो 2 लाइने मेरे शायरी की,
ये वो शायरी है जो कभी गलत नहीं होती।
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
चलाता रहता हूँ बैठ के साख पे अपनी mobile,
गर्मी है साहब पसीने से भीगना नहीं चाहता।
Shayar Rajjneesh kann
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
मुहब्बत है मुहब्बत का अंजाम बता दो,
जिसे शायरी पसंद है वो अपना नाम बता दो।
Shayar Rajjneesh kann
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
खाक हुआ मेरा, तेरे फसाने मे।
मै पागल हुआ, तेरी तस्वीर बनाने मे।
Shayar Rajjneesh kann
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
ज़मीन मुझको समझ कर खुद आसमान लिखा था उसने,
मैं था परिंदा वगैर परवाला खुद को उड़ान लिखा था उसने,
मौत को देखा है मैं करीब से अपने मुझको पुतला खुद में Jaan लिखा था उसने,
मुझे सूखा Patra कह कर खुद को जहान लिखा था उसने ,
अरे Bewafa हूं मैं ऐसा सोच कर हाथों पे किसी और का Naam लिखा था उसने,
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Shayar Rajjneesh kann
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
रोशनी दिन मे थी अंधेरी शाम लिखा था उसने,
वाकिब मैं था जैसे खुद को अंजान लिखा था उसने, नज़रे पलट ली निगाहों से अपने मुझको मिट्टी खुद को शान लिखा था उसने,
अरे बेवफा हूँ ऐसा सोच कर अपने हाथों पे किसी और का नाम लिखा था उसने।।
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Shayar Rajjneesh kann
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
कभी ना हो सके जिसका खात्मा, ऐसा इम्तिहान लिखा था उसने।
वर्षों की दुश्मनी थी जैसे ऐसा, इंतेकाम लिखा था उसने।।
अधूरी कहानी अधूरी मोहब्बत अधूरी जिंदगी में,
मैं खुश हूँ खुद परेशान लिखा था उसने।।
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Shayar Rajjneesh kann
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
मंजिल मेरी वो मुझको श्मशान लिखा था उसने,
है गरीब खुद ऐसा खानदान लिखा था उसने।
रहता मै पक्के घरों में अब(पहले खपरैल मे रहते थे),
झोपड़ी में है वो ऐसा मकान लिखा था उसने।।
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Shayar Rajjneesh kann
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता
मुहब्बत न मिटने का पैगाम लिखा था उसने,
इश्क़ तुमसे है एसा अंजाम लिखा था उसने ।
बेवफा हूँ मैं ऐसा सोच कर वो ,
हाथों पे किसी और का नाम लिखा था उसने।
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Shayar Rajjneesh kann.
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
हम साये थे तेरे मंजिल ए इश्क के, फितूर कोई लाया होगा।
मुकाबिल न थे हम तेरे, तुम्हें तो आशिको ने बुलाया होगा।
Shayar Rajjneesh kann.
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वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
आशिक थे उसके, तो जिक्र और पहचान थी हमारी,
उसकी खुशी में ही, तो jaan थी हमारी।
वही पुरानी तसल्ली
June 28, 2019 in शेर-ओ-शायरी
कोई साथी नहीं अपना, बेगाने लाख होते हैं ,
जो होते हैं दिलो के आग, वही तो राख होते हैं।
वही पुरानी तसल्ली
June 26, 2019 in हिन्दी-उर्दू कविता
न तुम थे न हम थे न वो बात रही,
न ये रुतबा मिला न वो औकात रही ।
वही पुरानी तसल्ली
June 25, 2019 in शेर-ओ-शायरी
कोई साथी नहीं अपना, बेगाने लाख होते हैं ,
जो होते हैं दिलो के आग, वही तो राख होते हैं।
शायर Rajneeshy
June 25, 2019 in शेर-ओ-शायरी
मैं वो तस्वीर नहीं जो आइने से गुजर जाता हूँ
खुश्बू भी नहीं जो लोगो मे बिखर जाता हूँ
बिखरती हैं शामे दिन निकलने से पहले
मै शायरी हूँ जो हर पन्ने पे उतर जाता हूँ