“खुशनसीब” #2Liner-41
ღღ___अब ये कैसे कह दूँ “साहब”, कि खुशनसीब नहीं हूँ मैं;
.
आखिर एक अरसे से उसको अपना, नसीब कहता रहा हूँ मैं !!….
#अक्स
ღღ___अब ये कैसे कह दूँ “साहब”, कि खुशनसीब नहीं हूँ मैं;
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आखिर एक अरसे से उसको अपना, नसीब कहता रहा हूँ मैं !!….
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wah..very nice
thank uuuuuuu
nice dear 🙂
thank uuu 🙂
बहुत खूब
अद्भुत साहित्य लेखन की क्षमता है आप में