मुक्तक
धड़ाधड़ अंधाधुन हो रहा पेड़ों की कटाई, मूक बाधिर बने रहे तनिक लाज नहीं आई, सूलग रहा आरे आज राजनीति के करतुतो से, पर्यावरण प्रेमी…
धड़ाधड़ अंधाधुन हो रहा पेड़ों की कटाई, मूक बाधिर बने रहे तनिक लाज नहीं आई, सूलग रहा आरे आज राजनीति के करतुतो से, पर्यावरण प्रेमी…
जीवन हर पल एक खेल होता है। यहाँ सभी के कर्मों का मेल होता है। जिंदगी के खेल बड़े निराले होते हैं। किश्मत का हर…
भूखे पेट जीना सीखा मैंने पेट भर खाने की जरुरत भी समझी नहीं | नंगे पैर दौड़ पड़े सफर में बस भागता रहा ना देखा,…
मोर पखा सिर धरने वाले । उंगली पर गिरी रखकने वाले । है कान्ह हे नंद दुलारे हे यशुमति के प्यारे। कृष्णा, मोहन , श्याम…
जलाकर रख दिए ख़त मगर यादों को अग्नि दगा दे गई, मुट्ठी में दबाकर रखी थी मगर खुशबू को हवा उड़ा ले गई, बेबाक यूँही…
हाथ की आड़ी टेड़ी लकीरें क्या खाख बताएगी तकदीरे उड़ जा होंसलों के आसमान में क्या बिगड़ लेंगी जर्ज़र समाज की जंजीरे 🌋🗽♨️✈️🚀⏳️
फूल लताओं को समेट कर रखता मेरा गांव नल कूप को सहेज कर रखता मेरा गांव रिस्ते को मदमस्त खुशहाल रखता मेरा गांव मिट्टी की…
मेरे गलती पर साहब भौं भौं करके दौड़ लगाते, कानुनी नियम का पाठ पढ़ाकर पैसा जनता से खुब ऐंठते, ये कैसा कानून व्यवस्था है हमको…
वह राणा अपना कहाँ गया , जो रण में हुंकारें भरता था। वह महा प्रतापी कहाँ गया, जिससे काल युद्ध में डरता था । जिसके…
लोगो की नफरतो के आगे, खुद्दार कभी झुकता नहीं| अडचन चाहे कितनी भी आये, चलते चलते वो रुकता नहीं| महफिलों की रौनको से, फर्क उसे…
सह आंखो से देखे तो पड़ जाता है पाला कोई हाथों से छीनकर खा जाता निवाला क्या होगा यहां उन मासूम पंख परिंदो का आज…
छप्पन भोग लगा कर बेटा आज नदी के पास बैठा है पिण्ड बनाकर मेवे का ढोंग देखो रचा कर बैठा है जो मर गये एक…
सुनो आज तुम्हे सुनाऊ पानी की कहानी कीमती है पानी कहती थी मेरी नानी | कभी अमृत जैसा मीठा था मेरे गांव का ये पानी…
ख़्वाब टूटते हैं मग़र यादें रह जातीं हैं। चाहतों की दिल में फ़रियादें रह जातीं हैं। देख़तीं रहतीं हैं आँखें राहें मंज़िल की- वस्ल की…
काश ! देश का शासन कलम चलती, निर्दोष को न्याय दिलाती, और दोषी पर कहर बरसाती, काश !देश का शासन कलम चलाती | अन्याय का…
फूल लताओं को समेट कर रखता मेरा गांव , नल कूप को सहेज कर रखता मेरा गांव , रिस्ते को मदमस्त खुशहाल रखता मेरा गांव…
कोई कहे कैसे उसको ग़म नहीं है? जो कुछ मिल गया है उसको कम नहीं है। तुम हर तरफ़ ढूँढ़ लो इलाज़े-मर्ज़ को- इस दर्द…
माँ बाप की क्या इच्छा होती है अपने बच्चों से थोड़ा सा प्यार थोड़ी सी इज्जत चाहते है उन गढ़े पक्के रिश्तो से दुख के…
मेरे दर्द को तेरा अफ़साना याद है। मेरे ज़ख़्म को तेरा ठुक़राना याद है। ख़ींच लेती है तलब मुझको पैमाने की- हर शाम साक़ी को…
उठो खड़े हो जाओ वीर तुम, लड़ लड़ कर अपना अधिकार लो, दुम दबाकर डर के मारे, ज़िन्दगी भर लागान मत दो, महेश गुप्ता जौनपुरी
वाह री सरकार क्या गजब बनाए है तूने ट्रेफिक रूल. दिमाग मे बस चलता रहता हेलमेट, इंश्योरेंश, लाइसेंस कभी ना मै जाऊ भूल. वाह री…
हम ज़िन्दग़ी में ग़म को कब तक सहेंगे? हम राह में काँटों पर कब तक चलेंगे? क़दम तमन्नाओं के रुकते नहीं मग़र- हम मुश्क़िले-सफ़र में…
ए मन, ज़रा थम. तू चला है… थाम के, अपनी पतवार… नदी तो, बहती रहती, जो सतत् , चाहे जैसे भी हों रास्ते… कंकरीले.. पथरीले……
कवि तो खुशिया फैलाने का जरिया था पर अब ऐसा वक्त आ गया कागज़- कलम को छोड़ सबने लेपटॉप कंप्यूटर को अपना लिया लिखने का…
जिन्हें चाहते थे खुद से भी ज्यादा न निभा सके वो अपना वादा तन्हा जब छोड़ दिया जमाने ने हमको हम खुद के करीब हो…
मै हूँ देश का युवा आतंकवाद को जवाब दे के रहूँगा मेरे देश के लिए दिलमे नफरत रखने वालो के सीने मे गोलियाँ उतार दूंगा…
सारे पिंजरे तोड़ चुका वो . मन की मर्जी से जीता है. कवि तो उड़ता पंछी है जो उमंगो के आसमान मे उड़ता है कवि…
अनजाने से संसार में खुशीयों को लो बटोर अपने पराये में ब्यर्थ ना करो रिस्ते का डोर समय बहुत मुल्यवान है करते रहो तुम प्रेम…
ऊड़ न सकूँ, पंख कतरा मैं परिंदा हूँ। पर मरा नहीं अभी तक, मैं जिंदा हूँ। आजादी तुझे ही नहीं हमें भी है पसंद, तू…
पत्थर पत्थर कण कण ढूंढे आस पास चाहे ढूंढ मुझे तू मस्जिद चाहे काबे कैलाश जो खुद को टटोल लिया समझ ख़तम तेरी तलाश
सालो पहले मेने लगाया एक पौधा निश्चिंत होकर सालो से रहा मै सोता फिरसे देखने उसे साथ चल दिया मेरा पोता मिला नहीं वो मुझे…
रूठो ना मुझसे तुम किस चीज की शिकायत है रूठने से पहले जान लो की बस इस दिल पर तुम्हारी ही रिवायत है प्यार की…
बीवी ने कहा आज मंगलवार है मन्दिर मुझे जाना है कुछ पेसो के फूल होंगे कुछ का गुलदाना है मेने कहा आज की तू टाल…
घर घर आवाज लगता भिखारी जय शनि देव.. जय शनि देव मै तो पैसे का हूँ पुजारी नाम मेरा राम हजारी आज शनिवार नहीं मंगल…
पैसा बचाने के लिए सब कुछ दिया टाल पर खर्चा करने के लिए सब रहते है तैयार कितना बचाऊ हाय पैसा पड़ गया आज ही…
ज़िन्दगी भी कैसे साँसे तलाश करती है, मौत की आहोश में बाहें तलाश करती है, यूँहीं बंध कर रहने वाली धकड़न मेरी, अक्सर आहें तलाश…
मैं कतरा कतरा बिखर जाऊं मुझे गम नहीं मैं देश के लिए कुर्बान हो जाऊं मुझे गम नहीं मेरी ख्वाहिश है बस इतनी मेरा साथ…
लुटा मैं आज खजाना आबाद बैठी हूं तेरे रहमों करम से मैं बर्बाद बैठी हूं जरा सी इज्जत बची हो तो लगा लेना गले से…
बचपन लड़कपन की याद अभी वही हैं रिस्ते में दोस्ती की मिठास अभी वही हैं चन्द पल की ही तो दुरी हुयी हैं ऐ दोस्त…
वतन की मिट्टी पर हमने पैगाम लिख दिया, अपने वीर जवानो की पहचान लिख दिया, जो धर्म पर बँट गये वो गद्दार निकल गये, जो…
मैं साफ सुथरा कोरा पन्ना, तुम कलम स्याही बन जाना, बनकर मेरी प्रेम दिवानी, तुम शब्द प्रहार से लड़ जाना, महेश गुप्ता जौनपुरी
नारी शक्ती कि पहचान हो हिमा देश कि गौरव अभिमान हो हिमा बेटी नहीं तुम भाग्य कि लकिर हो हिमा साहस धैर्य सुर्य कि प्रकाश…
कुल्हड़ कि चुस्की कुछ याद दिलाती हैं, दोस्त कि दोस्ती साथ निभाती हैं, महक मिट्टी कि वतन पर प्यार लुटाती हैं, चाय कि चुस्की बचपन…
तेरी मासुमियत का मैं हूं दिवाना तेरे प्यार में फिरता हूं आवारा ना समझ मुझे जाहिल निकम्मा सनम तेरे ही प्यार से मुझे गीले हैं…
आसमां कि बुलंदी पर पैगाम भेजा है अपने दोस्त को मैंने सलाम भेजा है ख़त को मेरे यार को ही पकड़ना ख़त में मैं दर्द…
करोडो लोगो की उम्मीद अभी भी अटके है प्राण मरा नहीं अभी भी, है उसमें जान हमेशा हमको याद रहेगा हमारा प्यारा मंगलयान
कुछ ऐसे ही हाल होने वाला हैं मानव तेरा , सांस थमेगा जब तेरा याद आयेगा मेरा , सिसक सिसक दम हैं मैंने तोड़ा ,…
जहा विधा को उम्मीद समझा जाए यूवा को देश की नीव समझा जाए चलो ऐसा एक मजहब बनाया जाए जहां ईनसान को ईनसान समझा जाए
कितनी ऊँची अटल अम्बारी है निर्मल, कोमल और सबसे न्यारी है माँ -बाप की तू दुलारी है तू गर्व कर तू नारी है. दुनिया समझें…
एक नन्हा सा पेड़ आज ही अंकुरित हुआ अब उसपर जिम्मेदारी बड़ी और भारी है सारा जीवन उसका प्रदूषण मे कटेगा उसकी यही अब लाचारी…
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.