जीवन

जीवन हर पल एक खेल होता है। यहाँ सभी के कर्मों का मेल होता है। जिंदगी के खेल बड़े निराले होते हैं। किश्मत का हर…

मोर पखा

मोर पखा सिर धरने वाले । उंगली पर गिरी रखकने वाले । है कान्ह हे नंद दुलारे हे यशुमति के प्यारे। कृष्णा, मोहन , श्याम…

Rana prtap

वह राणा अपना कहाँ गया , जो रण में हुंकारें भरता था। वह महा प्रतापी कहाँ गया, जिससे काल युद्ध में डरता था । जिसके…

राजनीति

सह आंखो से देखे तो पड़ जाता है पाला कोई हाथों से छीनकर खा जाता निवाला क्या होगा यहां उन मासूम पंख परिंदो का आज…

मुक्तक

ख़्वाब टूटते हैं मग़र यादें रह जातीं हैं। चाहतों की दिल में फ़रियादें रह जातीं हैं। देख़तीं रहतीं हैं आँखें राहें मंज़िल की- वस्ल की…

मुक्तक

कोई कहे कैसे उसको ग़म नहीं है? जो कुछ मिल गया है उसको कम नहीं है। तुम हर तरफ़ ढूँढ़ लो इलाज़े-मर्ज़ को- इस दर्द…

मुक्तक

मेरे दर्द को तेरा अफ़साना याद है। मेरे ज़ख़्म को तेरा ठुक़राना याद है। ख़ींच लेती है तलब मुझको पैमाने की- हर शाम साक़ी को…

मुक्तक

हम ज़िन्दग़ी में ग़म को कब तक सहेंगे? हम राह में काँटों पर कब तक चलेंगे? क़दम तमन्नाओं के रुकते नहीं मग़र- हम मुश्क़िले-सफ़र में…

साँसे

ज़िन्दगी भी कैसे साँसे तलाश करती है, मौत की आहोश में बाहें तलाश करती है, यूँहीं बंध कर रहने वाली धकड़न मेरी, अक्सर आहें तलाश…

majhab

जहा विधा को उम्मीद समझा जाए यूवा को देश की नीव समझा जाए चलो ऐसा एक मजहब बनाया जाए जहां ईनसान को ईनसान समझा जाए

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