मज़ा

यार इसमे तो मजा है ही नही कोई हमसे खफा है ही नही इश्क़ है मर्ज़ है मेरे यार सुनो, इसकी कोई दवा है ही…

माहिर

जितना सुलझाती है उतना ही उलझाती है मुझको, उधेड़कर पहले खुद सिलना सिखलाती है मुझको, खोलकर दिल को जोड़ने में माहिर बताने वाली वो, सच…

सहारे

समन्दर के कभी दो किनारे नहीं मिलते, हमसे तो आकर ही हमारे नहीं मिलते, बात ये है के विचारधारायें भिन्न हैं सभीकी, तभी तो ढूढे…

Barsaat

इन हाथों में अरसों तक थी उनके हाथ की खुशबु। जैसे रातरानी से महकती रात की खुशबु। इत्र हो गई जो बूंदें लिपटकर उनसे, दुनिया…

पहरा

ख्वाबों ख्यालों में किसी का कोई पहरा नज़र नहीं आता, जो नज़र में आता तो उसका कोई चहरा नज़र नहीं आता, घूमती गुमराह सी नज़र…

मुक्तक

तेरे बग़ैर तेरी तस्वीरों का क्या करूँ? मैं तेरे ख़्यालों की जंज़ीरों का क्या करूँ? अश्क़ों को छुपा लेता हूँ पलकों में लेकिन- मैं तेरे…

शिकार

शिकार करने चली थी बाज का, हुस्न के गुरूर मे ।। हँसी थामे ‘सच’ कहू … पर भी ना मिला कबुतर का ।। ~ सचिन…

मुक्तक

है परिभाषित सतत संघर्ष और संग्राम अभिनंदन। हैं हम सारे अयोध्या के निवासी, राम अभिनंदन। वो जो हर भौंकते से श्वान का मुंह वाण से…

मुक्तक

मात्र श्रृंगार की ना रहे पराकाष्ठा इसमें अंगार भी चरम होना चाहिए। मात्र प्रेम और आसक्ति ना बने कविता पंक्तियों में वंदे मातरम होना चाहिए।

दीवार

उसने मेरे दिलो दीवार के पार देख लिया, मुझसे पूछे बिना ही मुझमे यार देख लिया, बैठा तो था मैं अंधेरे की चौखट पर गुमसुम,…

ज़मी

रिश्तों के धागों से खुद को सिलना सीख लेते हैं, आसमां से ज़मी के बीच ही खिलना सीख लेते हैं, बनाते ही नहीं ख्वाब वो…

रंगरेज

बन रंगरेज इस तरह रंग डाले, रंग ए रूह और भी निखर जाए। मिले गले इस तरह दोस्त बनकर, दुश्मनी हो अगर, टूटकर बिखर जाए।।

मुक्तक

क्यों तुम मेरी यादों में ग़म कर जाते हो? आकर मेरी निगाह को नम कर जाते हो। दर्द की आहट से डर जाती है ज़िन्दग़ी-…

मुक्तक

तेरा तसव्वुर मुझे जुनून देता है। तेरे सिवा कुछ नहीं सुकून देता है। रातों को जगाती है तेरी तमन्ना- तेरा हुस्न दिल को मज़मून देता…

मुक्तक

तेरे सिवा नज़र में कोई तस्वीर नहीं है। तेरे सिवा ख़्याल की कोई जागीर नहीं है। चाहत के हर पन्ने पर परछाई है तेरी- तेरे…

विचार

तुम बॉलिवुड अभिनेत्री सी, मैं भागलपुर का अभियंता। तुम भरी विद्वता की चर्चा, मैं चुटकुलों का सन्ता बन्ता। तुम झांसी की रानी जैसी, मैं धरने…

मुक्तक

होते ही सुबह तेरी तस्वीर से मिलता हूँ। अपनी तमन्नाओं की ज़ागीर से मिलता हूँ। नज़रों को घेर लेता है यादों का समन्दर- चाहत की…

मुक्तक

आज फ़िर हाथों में जाम लिए बैठा हूँ। तेरे दर्द का पैगाम लिए बैठा हूँ। वस्ल की निगाहों में ठहरी हैं यादें- आज फ़िर फुरक़त…

तिरंगा महान

ना होली-दिवाली ना ईद रमजान। एक ही जश्न हिफाजत-ए-हिंदुस्तान। गर हो जाऊं शहीद सरहद पे ‘देव’, पहना देना बतौर कफन तिरंगा-महान। गणतंत्र दिवस की हार्दिक…

मुक्तक

मैं जब कभी तेरी तस्वीर देख लेता हूँ। मैं अपने ख़्यालों की तक़दीर देख लेता हूँ। ख़्वाबों के समन्दर में उठती है चिंगारी- मैं तेरी…

मुक्तक

जुस्तज़ू क़ुरबत की फ़िर से बहक रही है। तेरी बेरुख़ी से मगर उम्र थक रही है। रात है ठहरी सी तेरे इंतज़ार में- तिश्नगी आँखों…

जीवन सारथी

जीवन न्यौछावर कर दो हेतु परमार्थ। प्रतिफल की अभिलाषा बिना निःस्वार्थ। ईश्वर स्वयं बन जाएंगे जीवन सारथी, और बना लेंगे अपना सखा पार्थ। देवेश साखरे…

मुक्तक

मेरी नज़र के सामने साक़ी को रहने दो। हाथों में जाम है मगर बाक़ी को रहने दो। धधक रही हैं तस्वीरें यादों की दिल में-…

मुक्तक

मां भारती का सहस्त्र वंदन, रही है आवृत ये गोधुली से यहीं दिगम्बर ये अन्नदाता, लगे है पाथेय संबली से। यहीं पे खेले चराए गैया,…

मुक्तक

तेरे बग़ैर तन्हा रहने लगा हूँ मैं। तेरी बेवफ़ाई को सहने लगा हूँ मैं। जब भी ग़म तड़पाता है मेरे ख़्यालों को- अश्क़ बनकर पलकों…

मुक्तक

मैं तेरे बग़ैर तेरी तस्वीरों का क्या करूँ? मैं तड़पाती यादों की जागीरों का क्या करूँ? मैं अश्कों को पलकों में रोक सकता हूँ लेकिन-…

मुक्तक

मेरे दर्द को तेरा अफ़साना याद है। मेरे ज़ख्म को तेरा ठुकराना याद है। लबों को खींच लेती है पैमाने की तलब- हर शाम साक़ी…

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